Uttar Pradesh

Bahraich

CC/49/2014

Chandra Prakesh Mishra - Complainant(s)

Versus

Zila Camondent Homgards - Opp.Party(s)

Sri Shiv Shankar Vajpei

24 Jun 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER FORUM
Bahraich (UP)
 
Complaint Case No. CC/49/2014
 
1. Chandra Prakesh Mishra
Mohalla Akabarpura Nai Basti Bahraich
...........Complainant(s)
Versus
1. Zila Camondent Homgards
Office Mohalla Najirpura Bahraich
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. DEEPAK KUMAR SRIVASTAVA PRESIDENT
 HON'BLE MR. NAVED AHAMAD MEMBER
 
For the Complainant:Sri Shiv Shankar Vajpei, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

-निर्णय-

     प्रस्तुत परिवाद पत्र परिवादी चन्द्र प्रकाष मिश्र द्वारा विपक्षीगण जिला कमाण्डन्ेट होमगार्ड तथा सम्भागीय परिवहन अधिकारी के विरूद्ध अनापत्ति प्रमाण पत्र दिलाये जाने एवं क्षति पूर्ति दिलाये जाने हेतु दाखिल किया हैं।
    परिवाद पत्र में परिवादी का कथन संक्षेप में इस प्रकार हैं कि उसने एक जीप सर्वाधिक बोली लगाकर दि0 26.09.12 को विपक्षी सं01 के कार्यालय से नीलामी में प्राप्त की थी। परिवादी ने उस जीप का समस्त भुगतान विपक्षी सं01 को कर दिया था। सभी औपचारिकताये पूरी करके वाहन से सम्बन्धित समस्त प्रपत्र विपक्षी सं01 ने विपक्षी सं0 2 को दि0 28.02.13 को रजिस्टर्ड डाक से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के लिये भेजा। अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त न होने पर विपक्षी सं01 ने रजिस्टर्ड डाक से विपक्षी सं02 को पत्र भेजे परन्तु विपक्षी सं02 ने वाहन का अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं भेजा। जिसके कारण वाहन ट्ांसफर नहीं हो पाया। परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से एक नोटिस विपक्षी सं01 को भेजी और विपक्षी सं02 से जन सूचनाधिकार     के माध्यम से एक सूचना मांगी गई।  तब विपक्षी सं02 द्वारा परिवादी को सूचना दी गई की विपक्षी सं01 द्वारा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। परिवादी विपक्षी सं01 से पुनः मिला तब विपक्षी सं01 द्वारा दि0 30.10.13 को पंजीकृत डाक से विपक्षी स02 को पुनः पत्र भेजा गया जिसके साथ ही प्रारूप सं0 28 की तीन प्रतियां प्रारूप सं0 25 विपक्षी सं0 2 को भेजी गई और यह अवगत कराया गया कि वाहन निष्प्रयोजय नीलाम किया गया इसलिये कार्यालय परिसर लाना सम्भव नहीं हैं। विपक्षी सं02 द्वारा जानबूझकर अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं भेजा गया। जिसकी वजह से परिवादी वाहन का ट्ासर्फर नहीं करा पाया। विपक्षीगण की लापरवाही के कारण परिवादी को दूसरा वाहन किराये पर लेकर चलाना पड़ा । किराये पर उसका काफी खर्चा हुआ। 
  विपक्षीगण को परिवाद पत्र की नोटिस भेजी गई विपक्षी सं01 की ओर से कोई वादोत्तर नहीं दाखिल किया गया। विपक्षी स02 द्वारा अपने वादोत्तर में परिवादी के कथनों से इन्कार करते हुये कहा गया हैं कि कथित जीप जिला कमान्डेन्ट होमगार्ड बहराइच द्वारा नीलाम कर दी गई थी जिसे परिवादी ने नीलामी में खरीदा था। वाहन के अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के सम्बन्ध में जिला कमान्डेड होमगार्ड बहराइच को अवगत कराया गया था और इस सम्बन्ध में परिवादी को भी सूचित किया गया था अनापत्ति प्रमाण पत्र व वाहन की पंजीयन पुस्तिका की ( द्वितीय प्रति ) न जारी होने के कारण क्षुब्ध होकर उपरोक्त वाद योजित किया गया हैं वादोत्तर में आगे कहा गया हैें कि अनापत्ति प्रमाण पत्र दि0 17.04.14 को जारी कर दिया गया तथा एन0ओ0सी0 एवं पंजीयन पुस्तिका श्री राजेन्द्र सिंह जिला कमाण्डेन्ट, होमगार्डस, बहराइच को प्रेषित कर दी गई और परिवादी को इस सम्बन्ध में सूचित कर दिया गया।

                                                       पेज 2/पर
2
 
  हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया विपक्षी सं01 विपक्षी सं02 की ओर से मंच में कोई उपस्थित नहीं आया।  
  परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में यह कथित है कि उसने नीलामी में सर्वाधिक बोली लगाकर विपक्षी सं01 के कार्यालय से जीप प्राप्त की थी तथा जीप को खरीदने का समस्त भुगतान कर दिया था परिवाद पत्र के प्रस्तर-2 में उसके द्वारा यह लिखा गया है कि विपक्षी स01 ने विभिन्न तिथियों पर विपक्षी सं02 को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये जाने के सम्बन्ध में पत्र लिखा परन्तु विपक्षी सं02 जानबूझकर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रहे हैं। परिवाद पत्र के प्रस्तर -5 में उसके द्वारा यह कहा गया हैं कि विपक्षी सं0 2 द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र न जारी होने के कारण वाहन परिवादी के नाम ट्ासर्फर नहीं हो पा रहा हैं इस कारण वष क्षति हुई। इस प्रकार सम्पूर्ण परिवाद पत्र का अवलोकन करने पर यह तथ्य उभर कर सामने आता हैं कि परिवादी को विपक्षी सं01 से कोई गिला नहीं हैं। विपक्षी सं01 पर सेवाओं में कमी का भी कोई आरोप परिवादी द्वारा नहीं लगाया गया हैं। परिवादी द्वारा केवल विपक्षी सं02 सम्भागीय परिवहन अधिकारी के ऊपर यह आरोप लगाया गया हैं कि उनके द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी न किये जाने के कारण परिवादी को क्षति हुई। यहां यह तथ्य महत्वपूर्ण हैं कि विपक्षी सं0 2 जो कि सम्भागीय परिवहन अधिकारी हैं। कानून द्वारा निर्धारित अधिकारी हैं और उसके तथा परिवादी के मध्य उपभोक्ता का सम्बन्ध सिद्ध नहीं हेाता ऐसी दषा में परिवादी विपक्षी सं02 से कोई भी उपश्रम पाने का अधिकारी नहीं हैं। परिवादी का परिवाद पत्र खडित किये जाने योग्य है।

                                 आदेश

   परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता हैं। खर्चा मुकदमा उभय प़क्ष स्वयं वहन करेंगें।

( नवेद अहमद )                                ( दीपक कुमार श्रीवास्तव )
      सदस्य                                            अध्यक्ष  

   निर्णय आज दि0 24-06-15 को खुले फोरम में उद्घोषित एवं हस्ताक्षरित करके सुनाया गया। 

   (नवेद अहमद)                               ( दीपक कुमार श्रीवास्तव )          

        सदस्य                                          अध्यक्ष
                                                 दि0 24-06-15

 

 
 
[HON'BLE MR. DEEPAK KUMAR SRIVASTAVA]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. NAVED AHAMAD]
MEMBER

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