राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
(जिला फोरम, प्रथम, आगरा द्वारा परिवाद संख्या-162/2013 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 26-02-2014 के विरूद्ध)
पुनरीक्षण वाद संख्या-39/2014
- Bank of Baroda, Branch Belanganj, Barah Bhai Gali, Police Station Chhatta Tehsil and District Agra through Senior Branch Manager,
- Zonal Manager Bank of Baroda, Zonal Office, Sanjai Place Police Station Hari Partvat Tehsil and District Agra. Revisionists. Vs.
- Smt. Zakira Begum wife of Mohd. Shahjad.
- Mohd. Shahjad Son of Sri Abdul Kadir.
(All resident of 12/5/18, Gher Kale Khan, Police Station Nai Ki Mandi, Tehsil and District Agra)
-Opposite Parties.
समक्ष :-
1- मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2- मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
1- पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित - श्री हरि प्रसाद श्रीवास्तव।
2- प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित - कोई नहीं।
दिनांक : 16-09-2015
मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री हरि प्रसाद श्रीवास्तव उपस्थित। प्रत्यर्थी की ओर से नोटिस भेजे जाने के उपरान्त भी कोई उपस्थित नहीं आया।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्धान अधिवक्ता द्वारा कहा गया कि मौजूदा प्रकरण सरफेसी एक्ट के अन्तर्गत आता है और विद्धान जिला फोरम को कोई क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है कि वह स्थगन आदेश पारित करे। पत्रावली पर मौजूद नोटिस अन्तर्गत धारा-13(2) सरफेसी एक्ट (2002) के अन्तर्गत दिया है जिसके पैरा-5 में कहा गया है कि धारा 13(2) के अन्तर्गत आपको नोटिस जारी किया गया और आपसे 4,45,852/-रू0 दिनांक 01-04-2013 से मांगा गया। मौजूदा निगरानी जिला मंच के द्वारा पारित आदेश दिनांकित 26-02-2014 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है। जिसमें आदेश किया गया है कि ''परिवादी की ओर से प्रस्तुत अन्तरित निषेघाज्ञा प्रार्थना पत्र स्वीकार किया गया और विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि दौरान वाद परिवादी के विरूद्ध कोई उत्पीड़ात्मक कार्यवाही, मकान पर कब्जा, मकान की कुर्की/नीलामी अथवा एक मुस्त वसूली का कोई कार्यवाही न करें।
केस के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए मौजूदा केस में सरफेसी एक्ट के अन्तर्गत कार्यवाही चल रही है और जिला फोरम को कोई क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं था कि वह स्थगन आदेश पारित करें।
तद्नुसार निगरानीकर्ता की निगरानी स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत निगरानी स्वीकार की जाती है। जिला फोरम, प्रथम, आगरा द्वारा परिवाद संख्या-167/2013 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 26-02-2014 अपास्त किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वयं वहन करेंगे।
( राम चरन चौधरी ) ( बाल कुमारी )
पीठासीन सदस्य सदस्य
प्रदीप मिश्रा कोर्ट नं0-5