(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1648/2017
(जिला आयोग, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्या-896/2010 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.6.2017 के विरूद्ध)
पेप्सिको इंडिया होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, 3बी, डीएलएफ, कारपोरेट पार्क, एस-ब्लाक, कुतुब इन्क्लेव, फेस-1, गुड़गांव, हरियाणा।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1
बनाम
1. योगेश कुमार कुशवाहा पुत्र श्री गिरीश चंद्र कुशवाहा, निवासी, 117/के/214-ए, आर.एस. पुरम (सर्वोदय नगर) कानपुर नगर।
2. मैसर्स जगदम्बे इंटरप्राइजेज, सेल्स आफिस स्थित 117/के/7, आर.एस. पुरम (सर्वोदय नगर) कानपुर।
प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-2
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अंकित त्रिपाठी, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 18.07.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-896/2010, योगेश कुमार कुशवाहा बनाम पेप्सिको इंडिया होल्डिंग प्रा0लि0 तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.6.2017 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। इस निर्णय/आदेश द्वारा विद्वान जिला आयोग ने प्रदूषित माल विक्रय करने के कारण अंकन 50 हजार रूपये की क्षतिपूर्ति का आदेश दिया है।
2. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अंकित त्रिपाठी को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से पर्याप्त तामीला के बावजूद कोई उपस्थित नहीं हुआ।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि वह क्षतिपूर्ति अदा करने के लिए तत्पर हैं, परन्तु मेडिकल एक्जामनर द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट को अपास्त किया जाना चाहिए, क्योंकि पब्लिक एनालिसिस द्वारा उन दो बिन्दुओं पर कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है, जो पत्र में अंकित किए गए थे और अपीलार्थी द्वारा प्रस्तुत की गई विधि को भी विचार में नहीं लिया गया, इसलिए साक्ष्य विहीन निर्णय/आदेश पारित किया गया है, जो अपास्त होने योग्य है।
4. परिवादी का कथन है कि दिनांक 10.5.2010 को बच्चे के जन्मदिन पर विपक्षी सं0-1 के डीलर विपक्षी सं0-2 से 12 बोतल शीतल पेय पदार्थ क्रय किए गए थे। इन पेय पदार्थों को पीकर मेहमान बीमार पड़ने लगे, उन्हें उपचार हेतु भेजा गया। बोतलों का निरीक्षण किया तो पाया कि बोतलों के अंदर गंदगी, फफूँद व कालिक जैसी विजातीय तत्व मौजूद हैं। घटना के समय तक नींबू पानी की दो बोतल, 7 अप की तीन बोतल, माउंटेन ड्यू की एक बोतल प्रयोग की जा चुकी थी। शेष बोतलें सुरक्षित थीं। उनमें भी गंदगी दिखाई पड़ रही थी। दूषित पेय पदार्थ के कारण मेहमान बीमार हुए, उनका इलाज कराना पड़ा, जिसके कारण परिवादी को अत्यधिक मानसिक प्रताड़ना कारित हुई, परन्तु नोटिस के बावजूद कोई हर्जाना नहीं दिया गया।
5. विपक्षी सं0-1 द्वारा बिल प्रस्तुत न करने की आपत्ति की गई तथा यह भी बताया गया कि यह साबित नहीं है कि उनके द्वारा ही बोतलों का निर्माण किया गया। यह चिकित्सीय रिपोर्ट से भी साबित नहीं है कि पेय पदार्थ के कारण मेहमान बीमार हुए हैं। विपक्षी सं0-2 सूचना के बावजूद फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुए।
6. दोनों पक्षकारों की साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात विद्वान जिला आयोग द्वारा उपरोक्त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया।
7. परिवादी द्वारा अपने तर्कों व तथ्यों के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया तथा इस तथ्य को साबित किया गया कि विपक्षी सं0-2 से ही पेय शीतल पदार्थ क्रय किए गए थे, जो विपक्षी सं0-1 का डीलर है। विपक्षी सं0-2 द्वारा परिवाद के तथ्यों का कोई खण्डन भी नहीं किया गया है। राजकीय जन विश्लेषक द्वारा रिपोर्ट तैयार की गई है, इस रिपोर्ट में अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है। तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
8. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
पक्षकार व्यय भार स्वंय अपना-अपना वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय एवं आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2