जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
श्री षकील खान पुत्र श्री षाहीद मल्ला रक्खा, जाति- मुसलमान, वार्ड नं.3, खटीक मौहल्ला, सरवाड, जिला-अजमेर ।
प्रार्थी
बनाम
श्री योगेष चैहान जरिए प्रोपराईटर, नाकोडा प्लस, 313/19, आउट लिडे, ओरा गेट, उत्तरागंज, अजमेर ।
अप्रार्थी
परिवाद संख्या 12/2014
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री सांवर लाल षर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थी
2. अप्रार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 01.06.2015
1. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थी ने दिनांक 09.12.2012 को मोहन वाच एण्ड मोबाईल के यहां से एक स्वीप-सी टेबलेट खरीदा जिसकी स्क्रीन दिनंाक 2.2.2012 को खराब हो गई जिसकी षिकायत उसने विक्रयकर्ता से की तो उसने अप्रार्थी सर्विस सेन्टर के पास स्क्रीन सही कराने की सलाह दी जिस पर उसने अप्रार्थी के यहां उक्त टेबलेट को ठीक करने हेतु दिया और अप्रार्थी ने जाॅब ष्षीट बनाते हुए टेबलेट 5 दिन बाद आकर ले जाने को कहा किन्तु अप्रार्थी ने बार बार चक्कर लगाए जाने के बाद भी टेबलेट ठीक करके नहीं दिया । प्रार्थी सरवाड का निवासी है और उसे अप्रार्थी के यहां अजमेर आने से आर्थिक नुकसान हेाता है । तत्पष्चात् उसने अप्रार्थी को नोटिस भी दिया जिसका अप्रार्थी ने दिनांक 1.3.2013 को नेाटिस का जवाब भिजवाते
हुए टेबलेट उसके पास होने से इन्कार कर दिया । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत करते हुए उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी ने जवाब प्रस्तुत किया जिसमें उसने दर्षाया है कि ’’स्वीप सी ’’ नाम का कोई टेबलट नहीं आता है । मोबाईल विक्रेता मोहन वाच एण्ड मोबाईल, अजमेर को इस प्रकरण में पक्षकार नहीं बनाया गया है और उसे पक्षकार बनाए जाने पर ही उजागर हो सकता है कि स्वीप सी नाम का कोई टेबलेट है या नहीं ।
अप्रार्थी का आगे कथन है कि उत्तरदाता स्वाईप कम्पनी का अधिकृत सर्विस सेन्टर है । प्रार्थी उसके पास किसी टेबलेट का टूटा हुआ टच व डिस्प्ले लेकर आया था और उसने बतलाया कि उसका टेबलेट गिर जाने से टच व डिस्प्ले टूट गया है इसलिए उसे दूसरा स्वाईप कम्पनी का टेबलेट उपलब्ध करवा दे । प्रार्थी से टेबलेट किस माॅडल का है पूछा गया तो उसने माॅडल की जानकारी नहीं होना दर्षाया और यह भी कहा कि वह टेबलेट लेकर नहीं आया है । उत्तरदाता द्वारा प्रार्थी से कम्पनी से वार्ता कर उक्त दोनों उपकरणों की कीमत रू. 2905/- जमा कराने के लिए कहा किन्तु प्रार्थी द्वारा इतनी राषि अपने पास नहीं होना दर्षाते हुए बाद में राषि देने का आष्वासन दिया । प्रार्थी पर विष्वास कर उक्त उपकरण अप्रार्थी ने अपने यहा जमा कर लिए और प्रार्थी द्वारा रसीद मांगे जाने पर उसने अपने कार्ड की पुष्त पर टच व डिस्प्ले जमा होने का अंकन कर दिया । इसके बाद प्रार्थी कभी अप्रार्थी के यहां नहीं आया । इस प्रकार उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी नही ंहोना दर्षाते हुए अन्त में परिवाद खारिज होना बतलाया ।
3. हमने प्रार्थी की बहस सुनी जो परिवाद में आए अभिवचनों के अनुरूप ही रही । प्रकरण में अप्रार्थी की ओर से अधिवक्ता बहस के प्रक्रम पर उपस्थित नहीं आए है । पत्रावली का अनुषीलन किया ।
4. प्रार्थी का कथन रहा है कि उसने एक टेबलेट स्वीप सी दिनांक 09.12.2012 को मोहन वाच कम्पनी से रू. 8095/- में क्रय किया । इस टेबलेट की स्क्रीन दिनांक दिनांक 2.2.2013 को खराब हो गई । तब प्रार्थी उक्त टेबलेट को लेकर मोहन वाच कम्पनी के पास गया । उक्त मोहन वाच कम्पनी द्वारा प्रार्थी को कहा गया कि स्क्रीन की कोई गारण्टी नही ंहोती है अतः उसे ठीक करने हेतु अप्रार्थी का पता दिया । प्रार्थी उसी दिन 2.2.2013 को ही अप्रार्थी के पास गया एवं उक्त टेबलेट ठीक करने हेतु अप्रार्थी दे दिया । अप्रार्थी ने टेबलेट अपने पास रख लिया एवं 5 दिन बाद में प्रार्थी को आने को कहा । 5 दिन बाद प्रार्थी अप्रार्थी के पास गया तो अप्रार्थी ने टेबलेट ठीक नहीं होने का कहा एवं बाद में पुनः आने को कहा जिस पर प्रार्थी देाबारा अप्रार्थी के पास गया तब भी उसे टेबलेट ठीक करके नही ंदिया । प्रार्थी अधिवक्ता की यह भी बहस रहीं है कि अप्रार्थी ने टेबलेट अपने पास रखने की रसीद भी प्रार्थी को दी है ।
5. अप्रार्थी के जवाब के अवलोकन से जवाब के पैरा 14 में वर्णित अनुसार प्रार्थी ने उसे कोई टैबलेट नहीं दिया मात्र टूटा हुआ टच एवं डिस्प्ले ही ठीक करने/ बदलने हेतु दिया था । प्रार्थी को जो रसीद दी उसमें भी ऐसा ही वर्णित होना दर्षाया है । कम्पनी से इन दोनेां की कीमत ज्ञात कर रू. 2905/- प्रार्थी को बतलाई । प्रार्थी ने उक्त राषि अप्रार्थी को आज तक नही ंदी इसलिए टच व स्क्रीन ठीक नहीं किए जा सके । प्रार्थी उन्हें आज भी पुनः प्राप्त कर सकता है ।
6. उपरोक्त विवेचन से हम पाते है कि प्रार्थी ने अप्रार्थी को टेबलेट ठीक करेन हेतु दिया, तथ्य प्रार्थी की ओर से सिद्व नहीं हुआ है । टेबलेट के नम्बर बिल जो प्रार्थी ने पेष किया, में दिए हुए है, रसीद जो प्रार्थी को दी गई में भी टच व स्क्रीन का ही विवरण है । प्रार्थी ने अप्रार्थी को जो टैबलेट दिया जाना बताया और जो रसीद प्रार्थी को दी उसमेें टेबलेट का ईएमआई नम्बर का उल्लेख क्यों नहीं करवाया, संबंधी कोई स्पष्टीकरण प्रार्थी की ओर से नहीं दिया गया है ।
7. अतः हमारे विनम्र मत में प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी से टेबलेट की जो मांग की है वह मांग सिद्व नही हुई है एवं प्रार्थी ने जो टेबलेट मोहन वाच कम्पनी से जरिए बिल क्रमांक 9274 दिनांक 9.12.2012 के क्रय किया , प्राप्त करने का अधिकारी नहीं पाया जाता है । अतः प्रार्थी का यह परिवाद अप्रार्थी से टेबलेट प्राप्त करने हेतु डिक्री होने योग्य नही ंहै एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
8. (1) प्रार्थी अप्रार्थी से टेबलेट जिसका विवरण प्रार्थी द्वारा अपने परिवाद में प्रस्तुत बिल में दिया है, प्राप्त करने का अधिकारी नही है । प्रार्थी अप्रार्थी से उसके द्वारा जारी रसीद में अंकित टच व डिस्प्ले जिस हालत में अप्रार्थी को दिया उसी हालत में पुनः प्राप्त करने का अधिकारी है ।
(2) प्रकरण की परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए पक्षकारान खर्चा अपना अपना स्वयं वहन करेगें ।
(श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
सदस्या अध्यक्ष
9.. आदेष दिनांक 01.06.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्या अध्यक्ष