Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/997/2020

KAMLA PRASAD - Complainant(s)

Versus

YASODHRA REAL - Opp.Party(s)

24 Mar 2021

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/997/2020
( Date of Filing : 28 Nov 2020 )
 
1. KAMLA PRASAD
PASCHIM CHAMPARAN BIHAR
...........Complainant(s)
Versus
1. YASODHRA REAL
01/77 VINEET KHAND GOMTI NAGAR
LUCKNOW
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  ARVIND KUMAR PRESIDENT
  Ashok Kumar Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 24 Mar 2021
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या-997/2020   

  उपस्थित:-श्री अरविन्‍द कुमार, अध्‍यक्ष।   

          श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्‍य।                                          

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-28.11.2020

   परिवाद के निर्णय की तारीख:-24.03.2021

कमला प्रसाद आयु लगभग 52 वर्ष पुत्र स्‍वर्गीय श्री राज कुमार मूल निवासी-भवन संख्‍या 01, निकट-रूधौली चौराहा, कस्‍बा पोस्‍ट व थाना-भानपुर, जिला-बस्‍ती, उत्‍तर प्रदेश।

वर्तमान निवासी-अपर जिला व सत्र न्‍यायाधीश, व्‍यवहार न्‍यायालय परिसर, उप-मण्‍डल-बगहा, जिला-पश्चिमी चम्‍पारण। (बिहार) पिन-845101 ।

                                                                               ...................परिवादी। 

                         बनाम

यशोधरा रियल इन्‍फ्रा स्‍टेट प्रा0लि0 द्वारा प्रबन्‍ध निदेशक प्रधान कार्यालय-बी0-01/77, विनीत खण्‍ड, गोमती नगर, जिला-लखनऊ।

पंजीकृत कार्यालय-सी0पी0-05, विक्रान्‍त खण्‍ड, गोमती नगर फोड कार एजेन्‍सी के ऊपर, निकट-मटियारी चौराहा, फैजाबाद रोड, पोस्‍ट व थाना-चिनहट, जिला-लखनऊ।                                  .................विपक्षी।   

 

      आदेश द्वारा- श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्‍य।

                           निर्णय                                          

 

          परिवादी ने प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षी विकासकर्ता कम्‍पनी से आवंटित भूखण्‍ड का अवशेष मूल्‍य जमा कराकर पंजीयन करने, भूखण्‍ड का भौतिक कब्‍जा दिलाये जाने,  विकासकर्ता द्वारा त्रुटिपूर्ण उपभोक्‍ता सेवाओं के कारण मानसिक उत्‍पीड़न के संदर्भ में क्षतिपूर्ति 50,000.00 रूपये, अर्थदण्‍ड के रूप में 50,000.00 रूपये तथा विकासकर्ता कम्‍पनी से वाद व्‍यय 50,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

    संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी जिला पश्चिमी चम्‍पारण बिहार में कार्यरत है तथा अपनी सेवा निवृत्ति के उपरान्‍त खुद के एक आवास के आशय से एक भूखण्‍ड यशोधरा रियल इन्‍फ्रा स्‍टेट प्रा0लि0 द्वारा उपलब्‍ध कराये जा रहे भूखण्‍ड को देखने के उपरान्‍त उनके प्रतिनिधि द्वारा उसे विकसित कर उपलब्‍ध कराये जाने के आश्‍वासन पर लेने के लिये मन बनाते हुए 200 फिट का भूखण्‍ड जो रियायत के बाद 3600.00 रूपये प्रति वर्ग मीटर तय किया गया के संबंध में बुकिंग करायी गयी। उक्‍त भूखण्‍ड की कुल कीमत 7,00,000.00 रूपये नियत की गयी थी। उक्‍त भूखण्‍ड उसे पंजीयन शुल्‍क के 1,00,000.00 रूपये मॉंग की गयी जिसके संबंध में परिवादी द्वारा दिनॉंक 21.08.2016 को अग्रिम के रूप में 51,000.00 रूपये नकद दिये गये जिसकी रसीद भी उपलब्‍ध करायी गयी। उक्‍त धनराशि के भुगतान के कुछ ही दिन बाद विपक्षी द्वारा अवशेष 50,000.00 रूपये की मॉंग की जाने लगी जिसको परिवादी द्वारा दिनॉंक 06.09.2016 को चेक के माध्‍यम से भुगतान किया गया। चॅूँकि परिवादी लखनऊ से बेहद दूरी पर कार्यरत है इसलिए उक्‍त प्‍लाट के विकास तथा उस पर की जा रही कार्यवाही के संबंध में उसे जानकारी प्राप्‍त नहीं हुई। परन्‍तु कुछ दिन के बाद दीपावली के त्‍योहार के अवकाश में परिवादी जब अपने पैतृक घर आया था उस समय वह लखनऊ में उक्‍त भूखण्‍ड को देखने गया तो जानकारी प्राप्‍त हुई कि विपक्षी विकासक ¼Developer½ एवं रियल स्‍टेट कम्‍पनी द्वारा किसी अन्‍य इच्‍छुक को भूखण्‍ड को अच्‍छी कीमत प्राप्‍त कर आवंटन करते हुए उनके पक्ष में निबन्‍धन कर दिया और कब्‍जा भी दे दिया गया। विकास कर्ता कम्‍पनी को परिवादी को दूर रहने के कारण अंधेरे में रखते हुए कि मौके पर विकास कार्य नहीं चल रहा है अंधेरे में रखकर परिवादी के साथ धोखा-धड़ी की गयी। उक्‍त कार्यवाही के बाद कम्‍पनी ने अपने कार्यालय को ही बदल लिया था जिसको ढूँढने एवं खोजबीन करने एवं कार्यालय की जानकारी होने पर परिवादी द्वारा जमा की गयी धनराशि वापस लेने के लिये कहा गया और भूखण्‍ड दिये जाने के संबंध में जमा धनराशि को वापस करने की मॉंग की गयी तो विकासक द्वारा इनकार कर दिया गया। परिवादी विगत चार वर्षों से भूखण्‍ड के संबंध में प्रतीक्षारत था ओर उसने भूखण्‍ड प्राप्‍त करने के लिये धनराशि की व्‍यवस्‍था कर ली थी परन्‍तु उसके साथ विकासकर्ता कम्‍पनी द्वारा की गयी धोखा-धड़ी से परिवादी को बहुत पीड़ा हुई है और विकासकर्ता का आचरण व्‍यावसायिक नियमों तथा सिद्धान्‍तों के विरूद्ध है जो उपभोक्‍ता को दी जाने वाली सेवा में त्रुटि दर्शाता है। विकासकर्ता का कृत्‍य  सेवा में कमी परिलक्षित करता है और धोखा-धड़ी की गयी है।

    वाद की कार्यवाही विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय चल रही है।

    पत्रावली के अवलोकन से प्रतीत होता है कि परिवादी के द्वारा यशोधरा रियल इन्‍फ्रा स्‍टेट प्रा0लि0 से अपने आवास की आवश्‍यकता के लिये रियल स्‍टेट कम्‍पनी के लुभावने आश्‍वासन के कारण एक प्‍लाट की बुकिंग करायी थी और चॅूंकि उक्‍त रियल स्‍टेट कम्‍पनी द्वारा उस प्‍लाट को विकसित करने के लिये समय लगने की बात कही गयी थी तथा परिवादी के पास भी सेवा निवृत्ति होने में कुछ वर्ष शेष थे और उसे आवास की आवश्‍यकता सेवानिवृत्ति के बाद ही जरूरत थी, इसलिए विकासक ¼Developer½ कम्‍पनी की बातों में आकर परिवादी द्वारा उक्‍त प्‍लाट के आवंटन के लिये अग्रिम भुगतान किया गया। परन्‍तु विकासक ¼Developer½ के सभी आश्‍वासन खोखले पाये गये और वह केवल परिवादी को धोखा देने तथा पैसा ऐंठने के लिये किया गया था। परिवादी यशोधरा रियल इन्‍फ्रा स्‍टेट प्रा0लि0 के लुभावने आश्‍वासन के जाल में फँस गया और आवंटित भूखण्‍ड प्राप्‍त करने से वंचित रह गया जो विकासक द्वारा किसी अन्‍य से अधिक कीमत प्राप्‍त कर आवंटित कर दिया और उसका निबन्‍धन कर दिया गया। विपक्षी का उक्‍त कृत्‍य धोखा-धड़ी तथा बुकिंग कर्ता के साथ आश्‍वासन के विरूद्ध कार्य कर धोखा-धड़ी व पैसे हड़प कर मुनाफाखोरी किया है जो एक आपराधिक कृत्‍य है।  माननीय उच्‍च न्‍यायालय एवं सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा भी विभिन्‍न निर्णयों में इस आशय की टिप्‍पणी की गयी है कि विभिन्‍न रियल स्‍टेट कम्‍पनियों द्वारा लुभावने एवं आर्कषक विज्ञापन देकर प्‍लाट/भवन के इच्‍छुक लोगों से भारी मात्रा में धनराशि प्राप्‍त कर लेते हैं जिसे वे अन्‍य परियोज‍नाओं तथा व्‍यवसायों में लगाकर उससे भारी मुनाफा अर्जित करते हैं और इच्‍छुक प्‍लाट/भवन धारकों को अंधेरे में छोड़कर फरार हो जाते हैं और जो धन उन्‍हें प्राप्‍त होता है उसे डायवर्ट कर अन्‍य व्‍यापार में लगाकर मुनाफा कमाया जाता है। यशोधरा रियल इन्‍फ्रा स्‍टेट प्रा0लि0 द्वारा परिवादी से अग्रिम धनराशि प्राप्‍त करने के बाद भी बिना अग्रिम सूचना/नोटिस के परिवादी की बुकिंग निरस्‍त कर किसी अन्‍य को प्‍लाट का आवंटन कर निबन्‍धन करना सामान्‍य व्‍यावसायिक नियमों एवं सिद्धान्‍तों के विरूद्ध है जो त्रुटिपूर्ण उपभोक्‍ता सेवा की श्रेणी में आता है। अपने कार्यालय के स्‍थान को बदलकर भी यह प्रतीत होता है कि उक्‍त रियल स्‍टेट कम्‍पनी द्वारा अपने आश्‍वासनों के ऊपर बहुत सजग और जिम्‍मेदार नहीं है और उपभोक्‍ता से धोखा-धड़ी करने का आदी है। ऐसी परिस्थिति में परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है तथा ऐसी दोषी कम्‍पनियों, जो धनराशि प्राप्‍त कर धोखा-धड़ी करती हैं उनके विरूद्ध आपराधिक कार्यवाही का विकल्‍प परिवादी को दिया जाना उचित प्रतीत होता है।

                        आदेश

    परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी की प्रार्थनानुसार उनके द्वारा पंजीयन करायी गयी भूमि को अवशेष धनराशि प्राप्‍त कर उन्‍हें वह भूखण्‍ड उपलब्‍ध कराते हुए उस पर भौतिक कब्‍जा दिलाया जाना सुनिश्चित करें तथा परिवादी को हुई परेशानी के फलस्‍वरूप अर्थदण्‍ड के रूप में मुबलिग 40,000.00 (चालीस हजार रूपया मात्र) तथा मानसिक परेशानी एवं उत्‍पीड़न के संबंध में क्षतिपूर्ति के रूप में मुबलिग 25,000.00 (पच्‍चीस हजार रूपया मात्र) तथा वाद व्‍यय के लिये मुबलिग 15,000.00 (पन्‍द्रह हजार रूपया मात्र) वाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 09 प्रतिशत ब्‍याज के साथ 45 दिन के अन्‍दर उपलब्‍ध कराना सुनिश्चित करें। यदि उक्‍त आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है तो उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतेय होगा। यशोधरा रियल इन्‍फ्रा स्‍टेट प्रा0लि0 द्वारा परिवादी के साथ की गयी धोखा-धड़ी एवं उनके धन के गबन करने तथा आवंटित भूखण्‍ड को न देने के आपराधिक कार्य के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराकर विधिक कार्यवाही कराने का परिवादी को विकल्‍प देते हुए ये उन्‍हें छूट दी जाती है।

 

    

   (अशोक कुमार सिंह)                                                     (अरविन्‍द कुमार)      

                      सदस्‍य                                                                    अध्‍यक्ष              

                                                                         जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                                                                                     लखनऊ।

 

 

 
 
[ ARVIND KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[ Ashok Kumar Singh]
MEMBER
 

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