(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1030/2006
State Bank of India, Kalpi Road Branch, Kanpur Nagar
Versus
Sri Yudhisthir Agarwal S/O Late Kishori Lal
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री शरद द्विवेदी, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :02.02.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद संख्या-427/2001, युधिष्ठिर अग्रवाल बनाम भारतीय स्टेट बैंक में विद्वान जिला आयोग, कानपुर देहात द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 07.10.2004 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री शरद द्विवेदी के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद स्वीकार करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को आदेशित किया है कि परिवादी को 40,000/-रू0 अदा किया जाए तथा इस राशि पर दिनांक 04.02.1995 को भुगतान की तिथि तक 12 प्रतिशत की दर से ब्याज अदा किया जाए।
- परिवाद के तथ्यों के अनुसार दिनांक को परिवादी ने 40,000/-रू0 का एक बैक ड्राफ्ट सं0 319540 विपक्षी बैंक से बनवाया था, जिसका 80/-रू0 शुल्क लिया गया था। दिनांक 21.02.1995 को परिवादी ने अपने पत्र के माध्यम से विपक्षी को सूचित किया कि ड्राफ्ट खो गया है और उसका न किया जाए और डुप्लीकेट ड्राफ्ट जारी किया जाए। बैंक द्वारा दिनांक 25.06.1996 को सूचित किया गया कि ड्राफ्ट की राशि का भुगतान नहीं हुआ है। पैसा बैंक के पास है, परंतु बैंक द्वारा अंकन 40,000/-रू0 वापस नहीं दिये गये। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा इसी 40,000/-रू0 की राशि को वापस लौटाने का आदेश दिया है, परंतु इस आदेश में ड्राफ्ट के संबंध में किसी प्रकार का बाण्ड भरने का कोई उल्लेख नहीं किया, साथ ही ब्याज दर अत्यधिक उच्च राशि से निर्धारित किया गया। अत: इस निर्णय को इस प्रकार परिवर्तित करने योग्य है कि बैंक द्वारा 40,000/-रू0 का भुगतान प्राप्त करने से पूर्व परिवादी द्वारा बैंक के समक्ष उपस्थित होकर इस आशय का इन्डेमनिटी बॉण्ड भरा जायेगा कि बैंक द्वारा देय ड्राफ्ट की राशि का कोई उपयोग उनके द्वारा नहीं किया जायेगा। इस बाण्ड के प्राप्त होने के पश्चात अंकन 40,000/-रू0 परिवादी के खाते में बैंक द्वारा जमा किये जायेंगे तथा इस राशि पर केवल बैंक द्वारा देय ब्याज की ही गणना की जायेगी क्योंकि यह राशि बैंक के पास है, जिसका उपयोग बैंक द्वारा किया जा रहा है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार संशोधित किया जाता है कि अपीलार्थी बैंक द्वारा 40,000/-रू0 का भुगतान प्राप्त करने से पूर्व परिवादी द्वारा बैंक के समक्ष उपस्थित होकर इस आशय का इन्डेमनिटी बॉण्ड भरा जायेगा कि बैंक द्वारा देय ड्राफ्ट की राशि का कोई उपयोग उनके द्वारा नहीं किया जायेगा। इस बाण्ड के प्राप्त होने के पश्चात अंकन 40,000/-रू0 परिवादी के खाते में बैंक द्वारा जमा किये जायेंगे तथा इस राशि पर केवल बैंक द्वारा देय ब्याज की ही गणना की जायेगी
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता अयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित किया जाये।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3