SRI CHANDRA SAROJ filed a consumer case on 23 Dec 2022 against YADAV AUTO SALES in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/194/2014 and the judgment uploaded on 13 Jan 2023.
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परिवाद संo मामले का शीर्षक- उद्घोषणा की तिथि 194 सन् 2014 “परिवादी द्वारा विपक्षीगण से क्रय किए 23.12.2022 ट्रैक्टर में विपक्षीगण द्वारा सेवा में की गयी त्रुटि से सम्बन्धित क्षतिपूर्ति दिलाए जाने सम्बन्धी वाद” |
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संस्थित करने की तिथि 10.10.2014
अंतिम सुनवाई की तिथि 17.12.2022
उद्घोषणा की तिथि 23.12.2022
परिवाद संख्या 194 सन् 2014
श्रीचन्द सरोज उम्र 45 साल पुत्र स्वo रामधारी सरोज साकिन सराय मोहन डाo सराय मोहन, परगना- बेला दौलताबाद, तहसील- लालगंज, जनपद- आजमगढ़।
(जरिएः परिवादी के विद्वान अधिवक्ता
श्री अशोक कुमार राय)
बनाम
(जरिएः विपक्षी संख्या 01 के विद्वान अधिवक्ता
श्री संजय कुमार मिश्र)
(जरिएः विपक्षी संख्या 02 के विद्वान अधिवक्ता
श्री श्याम नारायन राय)
कोरमः-
भगवती प्रसाद सक्सेना “अध्यक्ष”, गगन कुमार गुप्ता “सदस्य” तथा सुश्री प्रतिष्ठा वर्मा “सदस्या”
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सुनवाई की अंतिम तिथि पर उपस्थितः- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता तथा विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्तागण।
माo अध्यक्ष, श्री भगवती प्रसाद सक्सेना द्वारा उद्घोषित
निर्णय
परिवादी खेतिहर मजदूर है तथा खेतीबाड़ी करके अपना गुजर बसर करता है। खेतों की जुताई व खेती की यान्त्रिक आवश्यकता के चलते परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 से उसके एजेन्ट के माध्यम से ट्रैक्टर की खरीद एवं उसकी कीमत के सम्बन्ध में जानकारी चाही तो विपक्षी संख्या 01 ने बताया कि विपक्षी संख्या 02 द्वारा निर्मित ट्रैक्टर बहुत ही कुशल एवं संचालन में समस्त ट्रैक्टर से अच्छा है। इसकी तेल खपत बहुत कम है तथा इसके कलपुर्जे काफी मजबूत व टिकाऊ है। परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 की बातों पर विश्वास करके उसी दिन दिनांक 29.05.2014 को 5,000/- (पांच हजार रुपए) बतौर एडवान्स विपक्षी संख्या 01 को दिया था। विपक्षी संख्या 01 ने उसी समय यह आश्वासन दिया कि यदि पूरी रकम की व्यवस्था नहीं हो पाएगी तो वह परिवादी को किसी ऋणदाता से ट्रैक्टर पर कर्ज दिला देगा, जो उसी काम की लाईसेन्सधारक है तथा उसका काम भारत सरकार की देख-रेख में होता है।
परिवादी ने पुनः दिनांक 07.06.2014 को 45,000/- (पैंतालीस हजार रुपए) तथा दिनांक 17.06.2014 को 2,00,000/- (दो लाख रुपए) कीमत ट्रैक्टर के तौर पर प्रदान किया तथा विपक्षी संख्या 01 ने परिवादी को ट्रैक्टर सोनालिका एक अदद दिया और विपक्षी संख्या 01 ने परिवादी को शेष
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रकम की व्यवस्था प्राइवेट फाइनेन्सर से करा देगा जब तक व्यवस्था नहीं हो जाती है ट्रैक्टर को चलाते रहें। परिवादी जब ट्रैक्टर लेकर अपने घर गया और खेतों की जुताई के समय पता चला कि ट्रैक्टर का पम्प खराब है तथा इंजन बैंक कम्प्रेसर ले रहा है तथा मीटर सही रीडिंग नहीं दे रहा था। पी.टी.ओ. साफ्ट सही काम नहीं कर रहा था। इसकी सूचना तत्काल विपक्षी संख्या 01 को परिवादी ने दिया तो विपक्षी संख्या 01 ने कहा कि इसके बदले आपको दूसरा ट्रैक्टर दे देंगे। परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 के पास अपना ट्रैक्टर खड़ा कर दिया तथा पुनः उसने उसी ट्रैक्टर को बिना कुछ किए परिवादी को वापस कर दिया और कहा कि ट्रैक्टर में कोई कमी अवशेष नहीं रह गयी है। इस प्रकार परिवादी तीन-चार बार ट्रैक्टर विपक्षी के यहाँ लेकर गया, लेकिन विपक्षी ट्रैक्टर ठीक नहीं करवाया और गाली देकर भगा दिया। मजबूर होकर परिवादी ने इसकी सूचना रजिस्टर्ड डॉक से विपक्षी को प्रदान किया तथा ट्रैक्टर के बदलने की बात कही। काफी अनुनय विनय व प्रार्थना करने के बावजूद भी विपक्षी द्वारा ट्रैक्टर को ठीक नहीं किया गया।
विपक्षी के उपरोक्त इस कृत्य से परिवादी काफी हैरान व परेशान हुआ और परिवादी ने अपनी जमा धनराशि 2,50,000/- (दो लाख पचास हजार रुपए) मय 18% तिमाही ब्याज वापस दिलाने तथा वाहन इंजन नं. 3105ई एल33एच363650 एफ8 व चेचिस नं. जेड आई डी वी 36446253 को बदलने एवं हर्जा मुकदमा 500/- (पांच सौ रुपए) प्रतिदिन के हिसाब से दिनांक 29.05.2014 से ट्रैक्टर वापस होने की तिथि तक दिलाए जाने हेतु यह परिवाद योजित किया है।
की ओर से प्रस्तुत किए गए अभिवचन का विरोध करते हैं और विपक्षी संख्या 02 के द्वारा वारण्टी नीति के अन्तर्गत सेवा प्रदान करने हेतु व्यवस्था है तथा विपक्षी संख्या 02 याची/परिवादी को अनुतोष देने हेतु उत्तरदायी नहीं है।
(चार लाख बीस हजार रुपए) का भुगतान कर दूंगा। कई दिनों तक परिवादी द्वारा बकाया धनराशि अदा न करने के कारण जब विपक्षी संख्या 02 ने परिवादी से सम्पर्क किया तो वह तरह-तरह का बहाना बनाने लगे और इस तरह कई बार वादा होने के बावजूद परिवादी के द्वारा ट्रैक्टर में खराबी होने की बात कही गयी और अन्य भी बहाने बनाए गए तथा ट्रैक्टर की कीमत शेष धनराशि 4,20,000/- (चार लाख बीस हजार रुपए) अदा नहीं किया गया। परिवादी की ओर से गलत तथ्यों के आधार पर परिवाद योजित किया गया है। इस प्रकार परिवाद निरस्त किए जाने योग्य है।
जे.जेड.आई.डी.यू.36446253 धनराशि 6,70,000/- (छः लाख सत्तर हजार रुपए मात्र) विपक्षी यादव आटो सेल्स लालगंज आजमगढ़ के द्वारा निर्गत डिलिवरी चालान एवं पत्र दिनांकित 29.05.2014 तथा भारत सरकार राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के द्वारा निर्गत पत्र संख्या 2/168/2016- सामान्य दिनांकित 19.02.2016 पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ को कार्यवाही हेतु पत्र एवं अभिलेख 21ग/7 वारण्टी पत्र प्रस्तुत किया गया है।
करते हुए यह सूचित किया गया है कि आप अपने ट्रैक्टर को डीलर के यहाँ ले जाकर के उसे ठीक करवा लें। सेवा के लिए सदैव तत्पर हैं। उपरोक्त साक्ष्यों से यह स्पष्ट होता है कि विपक्षी प्रश्नगत ट्रैक्टर में तकनीकि खराबी को सुधारने के लिए तैयार व तत्पर हैं और परिवादी को उक्त ट्रैक्टर को क्रय करने के लिए उसके पंजीकृत स्वामी हैं। इन परिस्थितियों में 15ग शपथ पत्र परिवादी ने प्रस्तुत किया है। जिसमें पृष्ट 02 में स्पष्ट रूप से यह परिवादी ने लिखा है कि विपक्षी के पास जब वह अपने ट्रैक्टर को ले गया तो उसने तकनीकि मरम्मत करने के बाद ट्रैक्टर वापस कर दिया और कहा कि ट्रैक्टर में कोई कमी अवशेष नहीं रह गयी है। परिवादी ट्रैक्टर को घर ले आया तो उसे पता चला कि ट्रैक्टर की कोई कमी ठीक नहीं की गयी है। उसी तरह ट्रैक्टर वापस कर दिया गया है। तब परिवादी प्रश्नगत ट्रैक्टर को तीन-चार बार लेकर विपक्षी के पास गया लेकिन विपक्षी ने ट्रैक्टर ठीक नहीं करवाया और परिवादी शपथकर्ता को गाली-गलौज देकर भगा दिया। मजबूर होकर परिवादी शपथकर्ता ने पंजीकृत डॉक द्वारा विपक्षी को सूचित किया तथा ट्रैक्टर के बदलने की बात कही तो विपक्षी नम्बर 01 ने शपथकर्ता को गाली-गलौज देकर भगा दिया।
जिसका सबूत परिवादी की ओर से प्रस्तुत किया जाना चाहिए था और परिवादी ने तकनीकि परीक्षण के लिए जो आख्या उसे प्रस्तुत की जानी चाहिए थी वह परिवादी ने प्रस्तुत नहीं किया है, बल्कि ट्रैक्टर की कुल कीमत 6,70,000/- (छः लाख सत्तर हजार रुपए मात्र) के आंशिक धनराशि 2,50,000/- (दो लाख पचास हजार रुपए मात्र) का ही भुगतान परिवादी ने किया है। शेष धनराशि का भुगतान परिवादी ने विपक्षी को नहीं किया है। विपक्षी के द्वारा 4,20,000/- (चार लाख बीस हजार रुपए मात्र) बकाया धनराशि होना प्रतिवाद पत्र/आपत्ति में प्रस्तुत किया गया है। उक्त सम्बन्धित परिवादी की ओर से कोई पश्चातवर्ती अभिवचन अथवा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। तद्नुसार यह परिवाद ट्रैक्टर की खरीददारी में भुगतान से सम्बन्धित है और परिवादी की ओर से तकनीकि परीक्षण आख्या प्रस्तुत न करने के कारण परिवाद के अभिवचनों का समर्थन परिवादी की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों से साबित नहीं होता है। परिवाद खारिज किए जाने योग्य है।
आदेश
परिवाद सव्यय खारिज किया जाता है। उभय पक्ष अपना-अपना हर्जा व खर्चा मुकदमा स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक/डी.एम.ए. से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की कन्फोनेट प्रक्रिया के अन्तर्गत बेवसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
भगवती प्रसाद सक्सेना, “अध्यक्ष”
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग आजमगढ़।
गगन कुमार गुप्ता, “सदस्य”
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग आजमगढ़।
सुश्री प्रतिष्ठा वर्मा, “सदस्या”
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग आजमगढ़।
उद्घोषणा की तिथिः- 23.12.2022
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