Hemlata w/o mahaveer prasad filed a consumer case on 11 Dec 2015 against Worlpool India ltd., Worlpool Consumer Care in the Kota Consumer Court. The case no is CC/169/2010 and the judgment uploaded on 17 Dec 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
प्रकरण संख्या- 169/10
श्रीमति हेमलता पत्नी महावीर प्रसाद आयु 31 वर्ष निवासी डी-71, न्यू जवाहर नगर, कोटा, राजस्थान। -परिवादिया।
बनाम
01. वर्लफुल कंजूमर केयर वर्लफुल इण्डिया,28एन.आई.टी.फरीदाबाद
(हरियाणा)
02. वर्लफुल ग्लोबल सर्विस, बी-5, बल्लभ नगर,,शाॅपिंग सेन्टर, कोटा
03. सुन्दरम् इलेक्ट्राॅनिक प्राइवेट लिमिटेड, 12-सी, बल्लभ नगर, कोटा।
-विपक्षीगण
समक्ष
भगवान दास - अध्यक्ष
हेमलता भार्गव - सदस्य
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1 श्री योगेश गुप्ता, अधिवक्ता, परिवादिया की ओर से।
2 श्री विनोद शर्मा,श्री एम0पी0 सक्सेना, अधिवक्तागण, विपक्षी सं. 1 व 2 की ओर से।
3. विपक्षी सं. 3 के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही।
निर्णय दिनांक 11.12.15
इस आदेश द्वारा विपक्षी सं. 1 से 3 एवं 4 की ओर से दिनांक 31.03.11 को पृथक-पृथक प्रस्तुत किये गये प्रार्थना-पत्रों का निस्तारण किया जा रहा है:-
परिवादिया ने दिनांक 02.06.10 को विपक्षीगण के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद संक्षेप में इस आशय का प्रस्तुत किया कि उसके पति श्याम बिहारी गौतम विपक्षी सं. 4 की कोटा स्थित फैक्ट्री में कार्यरत था, वहाॅ वेतन बचत योजना के अन्तर्गत विपक्षी सं. 1 से 3 से 8 बीमा पालिसिया लीे हुई थी। दिनांक 03.11.97 को उसके पति की दुर्घटना में मृत्यु हो गई जिसके पश्चात् उन पालिसियों के दावें विपक्षी सं. 1 से 3 को व प्रस्तुत किये गये, जिनमे से पालिसी सं. 50621390,180298777,180129302 व 180655211 के तहत राशि जरिये चैक्स दिनांक 31.12.97 को प्राप्त हुई, लेकिन इन पालिसियों में दुर्घटनाहितलाभ व बोनस की राशि नहीं दी गई। अन्य पांच पालिसियों के क्लेम इस आधार पर निरस्त कर दिये गयेकि पालिसी कालातीत हो गये। परिवादिया ने अन्य 5 पालिसियों के संबंध में परिवाद संख्या 119/02 इस मंच में प्रस्तुत किया था जिसका निर्णय दिनांक 27.05.04 को हुआ उसके विरूद्ध परिवादिया ने माननीय राज्य आयोग जयपुर में अपील प्रस्तुत की जिसका निर्णय दिनांक 16.12.08 को हुआ जिसकी पालना में उसके पति की पालिसी संख्या 181416733,181417738,181238183 व 181237785 के तहत विपक्षी निगम दिनांक 14.07.09 को 1,3,785/- रूपये की अदायगी की। जिससे स्पष्ट है कि दिनांक 31.12.97 को जिन देय उपरोक्त पालिसियों की राशि अदा की गई थी, वह सही नहीं है। उनके दुर्घटनाहितलाभ एवं अन्य परिलाभ नीं देकर सेवा-दोष किया गया है। विपक्षीगण को दिनांक 05.08.0 को कानूनी नोटिस भेजे गये उसके बावजूद उन पालिसियों का दुर्घटनाहितलाभ व अन्य परिलाभ नही दिये गये, जिससे उससे आर्थिक नुकसान व मानसिक संताप हुआ।
विपक्षी सं. 1 से 3 व विपक्षी सं. त ने अलग-अलग आवेदन प्र्रस्तुत कर परिवादिया के परिवाद के संबंध में यह प्रारंभिक आपत्ति उठाई है कि जिन पालिसियों के संबंध में उपरोक्त परिवाद प्रस्तुत किया गया है इन्ही के संबंध में पूर्व में भी परिवाद प्रस्तुत किया गया था जिसके संबंध में निर्णय हो चुका है। इसलिये परिवाद चलने योग्य नहीं है। यह भी आपत्ति उठाई गई है कि विपक्षीगण पत्र दिनांक 17.09.01 के संबंध में परिवाद 2 वर्ष के अंदर ही प्रस्तुत कर सकते थे। यह परिवाद अवधि बाधित है। इसलिये उक्त कारणों से परिवाद खारिज करने की प्रार्थना की गई है। ऐसी ही आपत्ति अलग से प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत करके विपक्षी सं. 4 द्वारा भी उठाई गई है।
विपक्षी सं. 3 बावजूद विधिवत सूचना उपस्थित नहीं हुआ इसलिये उसके विरूद्ध एक तरफा कार्यवाही के आदेश दिये गये।
परिवादिया ने साक्ष्य में अपना व अपने पति का शपथ-पत्र प्रस्तुत किया है इसके अलावा फ्रिज खरीद बिल, वारंटी कार्ड, विपक्षी सं. 1 व 3 को प्रेषित कानूनी नोटिस, पोस्टल रसीद व ए/डी की प्रतियां प्रस्तुत की है।
विपक्षी सं. 1 व 2 ने साक्ष्य में विपक्षी सं. 1 के अधिकृत प्रतिनिधि सुधीर शर्मा ने अपना शपथ-पत्र प्रस्तुत किया है व मंच के निर्देश पर फ्रिज की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
हमने दोनों पक्षों की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया।
परिवादिया ने यद्यपि खरीदे गये फ्रिज में निर्माण-दोष बताया है, लेकिन इसकी पुष्टि हेतु किसी विशेषज्ञ की कोई रिपोर्ट या मेकेनिक/ टेक्नीशियन की जाॅच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। इसके विपरीत विपक्षी सं. 1 व 2 की ओर से टेक्नीशियन की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। उस रिपोर्ट में फ्रिज को बिल्कुल सही बताया गया है। इसलिये हम पाते है कि परिवादिया इस बिन्दु को सिद्ध करने में पूरी तरह विफल रही है।
जहाॅ तक फ्रिज की शिकायत करने पर उसको संतुष्टि पूर्वक निवारण नहीं करने का प्रश्न है? उल्लेखनीय है कि परिवादिया ने शिकायत करने का कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है। जबकि विपक्षी सं. 1 व 2 की स्पष्ट जवाबदेही है कि जब भी शिकायत की गई उसका निवारण परिवादिया के संतोष के अनुसार कर दिया । फ्रिज मंे कोई खराबी नहीं है। इस प्रकार हम पाते है कि परिवादिया यह बिन्दु भी सिद्ध करने में भी विफल रही है कि उसने फ्रिज की जो शिकायत की उसकी कोई सुनवाई नहीं की गई।
उपरोक्त विवेचन के फलस्वरूप हम पाते है कि परिवादिया विपक्षीगण का कोई सेवा-दोष सिद्ध नहीं कर सकी है।
अतः परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादिया का परिवाद विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।
(हेमलता भार्गव) ( भगवान दास)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
निर्णय आज दिनंाक 11.12.15 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
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