Uttar Pradesh

StateCommission

A/2013/744

M D Saxena - Complainant(s)

Versus

Whirlpool India Ltd - Opp.Party(s)

Anupam Kumar

24 Nov 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2013/744
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M D Saxena
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Whirlpool India Ltd
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MRS. Smt Balkumari PRESIDING MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 24 Nov 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(सुरक्षित)                                                                                  

अपील संख्‍या:-744/2013

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, प्रथम लखनऊ द्धारा परिवाद सं0-1008/2009 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 01.3.2013 के विरूद्ध)

M.D. Saksena, Aged about 70year, S/o Late Kailash Nath Saksena, R/o 41-42, Rani Laxmi Bai Marg, Kaiserbagh, Lucknow.

                                                            ........... Appellant/ Complainant

Versus    

1-     M/s Whirpool of India Ltd., Whirpool House Plot No. 40, Sector-44, Gurgaon-122002 Haryana.

2-     Whirlpool of India Ltd., IIIrd Floor Block- B/1, Rajaram Kumar Plaza 75, Hazratganj, Lucknow 226001.

……..…. Respondents/ Opp. Parties

समक्ष :-  

मा0 श्री रामचरन चौधरी, पीठासीन सदस्‍य

मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता :    श्री अनुपम कुमार

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता   :   श्री अशोक शुक्‍ला

दिनांक : 24-01-2018

मा0 श्री रामचरन चौधरी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय    

मौजूदा अपील जिला उपभोक्‍ता फोरम, प्रथम लखनऊ द्धारा परिवाद सं0-1008/2009 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 01.3.2013 के विरूद्ध योजित की गई है, जिसमें परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए प्रतिवादी सं0-2 को परिवादी की वाशिंग मशीन की मरम्‍मत रू0 4,470.00 परिवादी से प्राप्‍त करके एक माह में करने हेतु निर्देशित किया गया है और यदि प्रतिवादी सं0-2 मशीन की मरम्‍मत करने में असफल रहते है, तो वह क्षतिपूर्ति के रूप में रू0 5000.00 परिवादी को एक माह में अदा करेंगे और प्रतिवादी सं0-2 वाद व्‍यय के रूप में रू0 2,000.00 भी परिवादी का एक माह में अदा करें।

संक्षेप में केस के तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने परिवाद वर्ल्‍पूल वाशिंग मशीन में आई त्रुटि को ठीक कराये जाने के सम्‍बन्‍ध में दायर किया है और यह कहा गया है कि उसने टेलीफोन से कम्‍पनी को सूचित किया था और

-2-

परिवादी को यह बताया गया कि मैकेनिक मकबूल परिवादी के घर जायेगा, जिसमें रू0 380.00 मैकेनिक मकबूल को देने होगें और दिनांक 11.7.2009 को उसने देखा कि टाइमर के अलावा बांकी मशीन ठीक है और मैकेनिक ने सलाह दी की उक्‍त मशीन के टाइमर को बदलने के लिए सर्विंस सेंटर भेज दे। परिवादी ने मकबूल और सौरभ श्रीवास्‍तव से फोन पर अग्रह कि  उक्‍त टाइमर को उसके आवास पर भी बदलवा दें, परन्‍तु उन्‍होंने बताया कि मशीन के टाइमर को बदलने के बाद मशीन को सर्विसिंग की आवश्‍यकता होगी और जब परिवादी ने बताया कि उक्‍त वाशिंग मशीन को उसने दुबई में खरीदा था तो प्रतिवादी को जान लेना चाहिए था कि मशीन की सर्विंस कर सकते है या नहीं और उसके बाद रू0 380.00 मकबूल को दे दिए और मशीन दिनांक 13.7.2009 को भेज दिया गया और दिनांक 24.7.2009 को मशीन परिवादी को वापस की गई और मकबूल ने उसी दिन कैश मेमो नं0-11137 दिनांकित 24.7.2009 रू0 4,470.00 परिवादी को दिया और परिवादी द्वारा चेक नं0 020327 दिनां‍क 25.7.2009 के द्वारा 4,470.00 रू0 एस0बी0आई0 लखनऊ का मकबूल को दिया और चेक देने के बाद मकबूल से पूंछा गया कि मशीन को चला कर दिखाये, लेकिन मशीन ने कार्य नहीं किया और मकबूल ने चेक परिवादी को वापस कर दिया और यह कहा कि मशीन पुन: सर्विस सेंटर पर सही करने के लिए भेज दी जाय। बार-बार फोन करने के बावजूद भी प्रतिवादी मशीन को नहीं ले गये। इसलिए परिवाद दायर किया गया।

प्रतिवादी सं0-1 व 2 की ओर से प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि मशीन गारण्‍टी में नहीं थी और वह सही हालत में नहीं थी और उसको अधीकृत व्‍यक्ति द्वारा सर्विंस सेंटर पर देखा गया और मशीन की त्रुटि को दूर कर परिवादी को मशीन वापस कर दी गई एवं जब परिवादी को मशीन दी गई तो वह सुचार रूप से कार्य कर रही थी और परिवादी को किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई और परिवाद निरस्‍त होने योग्‍य है।

इस सम्‍बन्‍ध में जिला उपभोक्‍ता फोरम के प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांकित 06.3.2013 तथा आधार अपील का अवलोकन किया गया एवं अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अनुपम कुमार तथा प्रत्‍यर्थी की

-3-

ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अशोक शुक्‍ला उपस्थित आये। उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण की बहस सुनी तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का अवलोकन किया गया है।

मौजूदा केस में यह तथ्‍य स्‍पष्‍ट है कि प्रश्‍नगत मशीन दुबई से खरीदी गई थी और प्रतिवादीगण के अनुसार परिवादी की कोई गारण्‍टी नहीं रह गई थी और अपीलार्थी की ओर से बहस में यह कहा गया है कि जो 2,000.00 रू0 हर्जाना परिवाद व्‍यय के लिए लगाया गया है, उसे 1,00,000.00 रू0 में परिवर्तित किया जाय और अपीलार्थी 70 वर्षीय वृद्ध व्‍यक्ति है।

केस के तथ्‍यों व परिस्थितियों को देखते हुए एवं दोनों पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुनने के उपरांत हम यह पाते हैं कि जिला उपभोक्‍ता फोरम द्वारा जो निर्णय/आदेश पारित किया गया है वह सारे साक्ष्‍यों अभिलेखों एवं परिस्थितियों को देखते हुए पारित किया गया है और जिला उपभोक्‍ता फोरम द्वारा पारित आदेश विधि सम्‍मत और तर्क पूर्ण है और उसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की कोई गुनजाइश नहीं है। आधार अपील में ऐसी कोई बात नहीं उठायी गई है, जिससे कि अतिरिक्‍त रूप से कोई धनराशि अपीलार्थी को दिलायी जा सके। अत: अपीलार्थी की अपील खारिज किए जाने योग्‍य है।

आदेश

अपीलार्थी की अपील खारिज की जाती है।

उभय पक्ष अपीलीय व्‍यय भार स्‍वयं वहन करेगें।

 

     (रामचरन चौधरी)                         (बाल कुमारी)

     पीठासीन सदस्‍य                        सदस्‍य

हरीश आशु.,

कोर्ट सं0-5

 
 
[HON'BLE MRS. Smt Balkumari]
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