ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - विपक्षीगण से बीमा राशि 1,50,000/- रूपया ब्याज सहित दिलाऐ जाने हेतु परिवादिनी ने विपक्षीगण के विरूद्ध यह परिवाद योजित किया है। परिवाद व्यय की मद में 10,000/- रूपया तथा क्षतिपूर्ति की मद में 50,000/- रूपया विपक्षीगण से अतिरिक्त दिलाऐ जाने की भी प्रार्थना की गई।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि परिवादिनी के पति श्री पप्पू सिंह ने अपने जीवनकाल में 1,50,000/- रूपया की एक पालिसी विपक्षीगण से कराई थी। पालिसी 20 साल की थी और उसकी किश्त छमाही अदा की जानी थीं। पालिसी की प्रथम किश्त परिवादिनी के पति ने दिनांक 04/02/2012 को जमा की। परिवादिनी के पति को पालिसी सं0-9002387077 जारी की गई। पालिसी में परिवादिनी को नोमिनी बनाया गया था दुर्भाग्य से दिनांक 01/03/2012 को ह्दय गति रूक जाने से परिवादिनी के पति की मृत्यु हो गई। परिवादिनी ने बतौर नोमिनी विपक्षी सं0-2 के समक्ष क्लेम प्रस्तुत किया और क्लेम के साथ सभी आवश्यक प्रपत्र परिवादिनी ने उपलब्ध कराऐ। विपक्षी सं0-2 ने क्लेम प्रपत्र विपक्षी सं0-1 को भेजे, प्रपत्र भेजने के बाद परिवादिनी से क्लेम के बारे में मालूमात की, किन्तु विपक्षीगण टालमटोल करते रहे। अन्तत: विपक्षी सं0-1 द्वारा मृतक पप्पू सिंह के मृत्यु प्रमाण पत्र की मांग की गई जबकि मृत्यु प्रमाण पत्र परिवादिनी द्वारा अन्य प्रपत्रों के साथ विपक्षी सं0-2 को उपलब्ध कराया जा चुका था। परिवादिनी ने दिनांक 07/12/2012 को और पुन: दिनांक 04/03/2013 को क्लेम भुगतान के सिलसिले में विपक्षीगण को नोटिस प्रेषित किऐ, किन्तु परिवादिनी के क्लेम का भुगतान नहीं किया गया। परिवादिनी ने उपरोक्त कथनों के आधार पर परिवाद में अनुरोधित अनुतोष विपक्षीगण से दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के समर्थन में परिवादिनी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/4 लगायत 3/6 दाखिल किया। परिवाद के साथ उसने विपक्षीगण को भेजे गऐ नोटिस दिनांक 04/03/2013, विपक्षी सं0-1 को भेजे गऐ नोटिस दिनांक 07/12/2012, पालिसी लेने हेतु जमा की गई 4990/- रूपये की प्रथम किश्त की रसीद दिनांकित 04/02/2012, बीमित पप्पू सिंह के डेथ सर्टिफिकेट, नोटिस भेजे जाने की रसीद तथा परिवादिनी द्वारा असिस्टेन्ट मैनेजर क्लेम के समक्ष प्रस्तुत शपथ पत्र की फोटो प्रतियों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/7 लगायत 3/12 हैं।
- विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/7 दाखिल किया गया। प्रतिवाद पत्र में यह तो स्वीकार किया गया कि परिवादिनी के पति पप्पू सिंह के नाम दिनांक 07/02/2012 को एक बीमा पालिसी सं0- 9002387077 जारी की गई थी जिसकी अवधि 20 साल की थी] बीमा पालिसी के प्रीमियम की देयता अर्द्ध वार्षिक थी, परिवादिनी पालिसी में नोमिनी थी और परिपक्वता राशि 1,88,100/- रूपया थी, किन्तु परिवाद के शेष कथनों और आरोपों से इन्कार किया गया। अग्रेत्तर कथन किया गया कि मृतक पप्पू सिंह का बीमा दावा प्राप्त होने पर विपक्षीगण ने जॉंच कराई तो जॉंच के दौरान जॉंचकर्ता ने अन्य के अतिरिक्त आँगन बाड़ी कार्यकत्री, श्रीमती राधा और रश्मि सिंह तथा गांव की श्रीमती सरला रानी और राजपाल के व्यान लिये। जॉंच में पाया गया कि पप्पू सिंह पालिसी हेतु आवेदन करने से पूर्व 2012 को मर चुका था उन्होंने आत्म हत्या की थी। परिवादिनी को अनेकों पत्र इस आशय के भेजे गऐ कि पप्पू सिंह का मूल डेथ सर्टिफिकेट तथा पप्पू सिंह की मृत्यु की तारीख, समय और मृत्यु के कारण को स्पष्ट करते हुऐ तत्सम्बन्धी किसी निष्पक्ष व्यक्ति का शपथ पत्र विपक्षीगण के समक्ष प्रस्तुत किया जाऐ, किन्तु इसका परिवादिनी द्वारा अनुपालन नहीं किया गया। विपक्षीगण के अनुसार चॅूंकि बीमित पप्पू सिंह की मृत्यु पालिसी हेतु आवेदन किऐ जाने एवं पालिसी जारी करने से पूर्व हो चुकी थी अत: विपक्षीगण और पप्पू सिंह के मध्य बीमा सम्बन्धी कोई करार अस्तित्व में नहीं आया। परिवादिनी का क्लेम स्वीकार किऐ जाने योग्य नहीं है। विपक्षीगण ने उपरोक्त कथनों के आधार पर परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- प्रतिवाद पत्र के साथ बीमा पालिसी लेने हेतु भरे गऐ आवेदन पत्र, बीमित पप्पू सिंह को उसके जीवनकाल में भेजे गऐ पत्र दिनांकित 07 फरवरी, 2012, पालिसी डाकुमेंट, बीमा पालिसी की शर्ते, विपक्षीगण के इन्वेस्टीगेटर की जांच रिपोर्ट, बीमित पप्पू सिंह का निरस्त हो चुका मृत्यु प्रमाण पत्र, इन्वेस्टीगेटर के समक्ष जन्म और मृत्यु रजिस्टर के सुसंगत पृष्ठ, इन्वेस्टीगेटर के समक्ष दिऐ गऐ साक्षी रश्मि सिंह, सरला रानी तथा राजपाल सिंह के ब्यानों, परिवादिनी के अधिवक्ता ने विपक्षीगण की ओर से भेजे गऐ जबाब नोटिस दिनांकित 08/03/2013, बीमित के मृत्यु प्रमाण पत्र और निष्पक्ष व्यक्ति के शपथ पत्र की मांग किऐ जाने सम्बन्धी परिवादिनी को भेजे गऐ पत्र की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0 /9/8 लगायत 9/36 हैं।
- परिवादिनी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/4 दाखिल किया। विपक्षीगण की ओर से बीमा कम्पनी के मैनेजर लीगल Shri Chettan का साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-15/1 लगायत 15/4 दाखिल हुआ।
- दोनों पक्षों ने लिखित बहस दाखिल की।
- हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- पक्षकारों के मध्य इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादिनी के पति स्व0 पप्पू सिंह ने अपने जीवनकाल में विपक्षी बीमा कम्पनी से एक बीमा पालिसी ली थी। बीमा पालिसी का विवरण विपक्षी सं0-1 के प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-4 में है। परिवादिनी पालिसी में नोमिनी थी। पालिसी दिनांक 07/02/2012 से प्रभावी हुई थी जो 20 वर्ष के लिए थी।
- परिवादिनी के अनुसार दिनांक 01/03/2012 को ह्दय गति रूक जाने के कारण पप्पू सिंह का निधन हो गया उसने क्लेम फार्म भरकर आवश्यक प्रपत्रों सहित विपक्षी सं0-1 को भेजा, किन्तु विपक्षी सं0-1 ने इस आधार पर क्लेम अस्वीकृत कर दिया कि बीमित पप्पू सिंह आवेदन करने से पूर्व जनवरी, 2012 में ही मर चुके थे और पालिसी धोखाधड़ी से प्राप्त की गई थी।
- परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता ने प्रपोजल फार्म कागज सं0-9/8 लगायत 9/10 की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया और कहा कि बीमा हेतु इस आवेदन पत्र पर पप्पू सिंह के ही अंगूठा निशानी लगे हैं उसे गवाह अजय पाल सिंह ने शिनाख्त कर रखा है। परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार विपक्षी बीमा कम्पनी का यह कथन नि:तान्त असत्य है कि पालिसी हेतु आवेदन से पूर्व जनवरी, 2012 में ही पप्पू सिंह की मृत्यु हो चुकी थी।
- विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता ने हमारा ध्यान बीमा कम्पनी के इन्वेस्टीगेटर श्री पीयूष पांडे की जॉंच रिपोर्ट दिनांकित 23/6/2012 और उसके साथ दाखिल संलग्नकों (कागज सं0-9/21 लगायत 9/29) की ओर आकर्षित किया और तर्क दिया कि जॉंच के दौरान परिवादिनी द्वारा उपलब्ध कराऐ गऐ पप्पू सिंह के डेथ सर्टिफिकेट को फर्जी पाया।
- जांच रिपोर्ट के अवलोकन से प्रकट है कि जॉंच के दौरान जॉंचकर्ता ने ग्राम चक जहॉं पर परिवादिनी ने पप्पू सिंह की मृत्यु होना अभिकथित किया है की आंगनबाड़ी कार्यकत्री श्रीमती रश्मि सिंह और श्रीमती सरला रानी तथा गांव चक से मात्र 100 मीटर की दूरी पर रहने वाले श्री राजपाल सिंह ने ब्यानों में इस तथ्य की पुष्टि की है कि पप्पू सिंह ने माह जनवरी, 2012 में फॉंसी लगाकर आत्म हत्या की थी। इन तीनों गवाहान के ब्यानात की नकल पत्रावली के कागज सं0-9/27, 9/28 एवं 9/29 हैं। जांच के दौरान पप्पू सिंह के निरस्त हो चुके डेथ सर्टिफिकेट और गांव के जन्म-मृत्यु रजिस्टर की सुसंगत प्रविष्टियों क्रमश: कागज सं0- 9/25 एवं 9/26 से भी इस बात की पुष्टि होती है कि पप्पू सिंह की मृत्यु जनवरी, 2012 में हो चुकी थी और गलत जानकारी देकर दिनांक 01/03/2012 की मृत्यु का उसका डेथ सर्टिफिकेट परिवादी पक्ष ने प्राप्त किया था। परिवादिनी ने अपने साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/4 में ऐसा कथन नहीं किया है कि वह गवाहन श्रीमती रश्मि सिंह, सरला रानी तथा श्री राजपाल सिंह को नहीं जानती। परिवादिनी यह भी कहने का साहस नहीं कर पाई कि इन गवाहान के ब्यान जॉंचकर्ता ने फर्जी अभिलिखित किऐ हैं। ऐसी दशा में उक्त गवाहन के इन ब्यानों पर विश्वास किऐ जाने का कारण है कि पप्पू सिंह की मृत्यु जनवरी, 2012 में हुई थी।
- पत्रावली में अवस्थित नोटिस कागज सं0-9/33, 9/34, 9/35 एवं 9/36 के माध्यम से बीमा कम्पनी ने परिवादिनी से पप्पू सिंह के मूल डेथ सर्टिफिकेट और किसी निष्पक्ष व्यक्ति का शपथ पत्र दाखिल किऐ जाने की अपेक्षा की थी, किन्तु परिवादिनी ने इन अपेक्षाओं की पूर्ति नहीं की। ऐसी दशा में बीमा कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता के इस तर्क में बल दिखाई देता है कि कोई भी निष्पक्ष व्यक्ति सम्भवत: इस आशय का झूठा शपथ पत्र देने के लिए तैयार नहीं हुआ होगा कि पप्पू सिंह की मृत्यु जनवरी, 2012 में न होकर 01/03/2012 को हुई थी। पप्पू सिंह की मृत्यु जनवरी, 2012 में हो जाने विषयक बीमा कम्पनी की ओर से दाखिल प्रपत्रों का खण्डन करने में भी परिवादिनी असफल रही है।
- उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि बीमा पालिसी हेतु आवेदन किऐ जाने से पूर्व ही जनवरी, 2012 में बीमित पप्पू सिंह की मृत्यु हो चुकी थी और धोखाधड़ी द्वारा प्रश्नगत बीमा पालिसी प्राप्त की गई थी। हमारे अभिमत में परिवाद खारिज होने योग्य है।
परिवाद खारिज किया जाता है। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
02.02.2016 02.02.2016 02.02.2016 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 02.02.2016 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
02.02.2016 02.02.2016 02.02.2016 | |