जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जैसलमेर(राज0)
1. अध्यक्ष ः श्री रामचरन मीना ।
2. सदस्या : श्रीमती संतोष व्यास।
3. सदस्य ः श्री मनोहर सिंह नारावत ।
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथी - 15.12.2014
मूल परिवाद संख्या:- 59/2014
1. मुकेश कुमार भाटिया पुत्र श्री बृजकिषोर भाटिया शारदा पाड़ा जैसलमेर।
............परिवादी ।
बनाम
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.............अप्रार्थीगण।
प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 12, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित/-
1. श्री महेष कुमार माहेष्वरी, अधिवक्ता परिवादी की ओर से।
2. अप्रार्थी सं. 1 व 2 की ओर से श्री जोधाराम अधिवक्ता उपस्थित।
3. अप्रार्थी सं. 3 व 4 की ओर से कोई उपस्थित नही।
.............परिवादीगण।
ः- निर्णय -ः दिनांक ः 19.06.2015
1. परिवाद के संक्षेप में तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 07.06.2010 को अप्रार्थी सं. 4 से जरिये बिल सं. 4406 के एयर कन्डीषन माॅडल नम्बर 1.50 ज्टम्त्ज्प्ै च्त्म्डप्न्ड ैट ;प्क्द्ध 4551120ळप्व्क् 055333 तथा टव्स्ज्।ै ैज्।ठस्पर््म्त् डव्क्म्स् ट400 रू 28,300 मे खरीदा खरीदने के समय कम्पनी के द्वारा 5 वर्ष की गारंटी व वारंटी दी गई। परिवादी का एयर कन्डीषन मई 2014 मे ठण्डी हवा नही देने व कुलिग सिस्टम खराब होने के कारण एयर कन्डीषन मे काम करना बन्द कर दिया जिसकी षिकायत नम्बर 14052604127 दिनांक 26.05.2014 को अप्रार्थी सं. 1 के यहा दर्ज कराई लेकिन उस पर कोई कार्यवाही की गई तथा न ही कम्पनी का कोई टेक्नीषियन आया बल्कि ठीक करने के सम्बंध मे अप्रार्थीगण से सम्पर्क करने पर परिवादी के साथ अभ्रद्र व्यवहार किया गया ओर कोई सन्तोंषजनक जवाब नही दिया गया परिवादी का एयर कन्डीषन वारंटी पीरियड़ के अन्दर खराब होने के बावजूद अप्रार्थीगण द्वारा सही नही करके अप्रार्थीगण सेवा दोष कारित किया है। परिवादी ने प्रार्थी के एयर कन्डीषन को सही करके देने या नया एयर कन्डीषन दिलाये जाने का निवेदन किया साथ ही शारीरिक,मानसिक व आर्थिक नुकसान पेटे 70,000/- रू व परिवाद व्यय 5,000 रू दिलाये जाने का निवदेन किया।
2. अप्रार्थी सं. 1 व 2 का जवाब है कि एयर कन्डीषन के सम्बंध मे 1 वर्ष की वारंटी उपलब्ध करवाई जाती है केवल शेष 4 वर्ष के कम्पेषर की वारंटी होती है। उक्त एसी 4 वर्ष तक सही कार्य करता रहा एसी मे किसी प्रकार का कोई उत्पादकीय दोष नही हैै। जो भी त्रृटि आई है वह परिवादी के मिस यूज मिस हैण्डलिग वोल्टेज फल्च्यूऐषन के कारण इसकी कार्य क्षमता प्रभावित होना स्वाभिक है इस दषा मे कम्पनी की वारंटी समाप्त हो जाती है। परिवादी द्वारा विक्रय किया गया एसी उच्च गुणवता का है। परिवादी को सर्विस टेक्नीषियन के माध्यम से सेवाए उपलब्ध करा दी गई थी। अप्रार्थी सं. 3 व 4 को बावजूद नोटिस तामिल कोई उपस्थित नही उनके विरूद्व एकपक्षीय कार्यवाही प्रारम्भ की अप्रार्थीगण का कथन है कि उन्होने कोई सेवा दोष कारित नही किया है। इसलिए परिवाद मय हर्ज खर्च के खारिज किये जाने का निवदेन किया।
3. हमने विद्वान अभिभाषक पक्षकारान की बहस सुनी और पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया ।
विद्वान अभिभाषक पक्षकारान द्वारा की गई बहस पर मनन करने, पत्रावली में पेष किए गए शपथ पत्रों एवं दस्तावेजी साक्ष्य का विवेचन करने तथा सुसंगत विधि को देखने के पष्चात इस प्रकरण को निस्तारित करने हेतु निम्नलिखित विवादित बिन्दु कायम किए जाते है -
1. क्या परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है ?
2. क्या विपक्षी का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटि के दोष की तारीफ में आता है?
3. अनुतोष क्या होगा ?
4. बिन्दु संख्या 1:- जिसे साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या परिवादी उपभोक्ता की तारीफ में आता है अथवा नहीं और मंच का भी सर्वप्रथम यह दायित्व रहता है कि वे इस प्रकार के विवादित बिन्दु पर सबसे पहले विचार करें, क्यों कि जब तक परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में नहीं आता हो, तब तक उनके द्वारा पेष किये गये परिवाद पर न तो कोई विचार किया जा सकता है और न ही उनका परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत पोषणिय होता है, लेकिन हस्तगत प्रकरण में परिवादी ने अप्रार्थीगण से एयर कन्डीषन माॅडल नम्बर 1.50 दिनांक 07.06.2010 जरिये बिल सं. 4406 के 28,300/- रू मे खरीदा है। जिसे अप्रार्थीगण द्वारा माना गया है। इसलिए हमारी विनम्र राय में परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2; 1द्ध;क्द्ध के तहत एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है, फलतः बिन्दु संख्या 1 परिवादी के पक्ष में निस्तारित किया जाता है ।
5.बिन्दु संख्या 2:- जिसे भी साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या विपक्षी का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटी के दोष की तारीफ में आता है अथवा नहीं ?
इस सम्बध मे परिवादी विद्वान अभिभाषक की दलील है कि प्रार्थी का एयर कन्डीषन 2014 मे ठण्डी हवा नही देने व कूलिग सिस्टम बन्द होने के कारण एयर कन्डीषन ने कार्य करना बन्द कर दिया। जिसकी षिकायत नम्बर 14052604127 अप्रार्थी सं.1 के यहा दर्ज कराई लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नही की तथा न ही कम्पनी का कोई टेक्नीषियन ठीक करने आया। बल्कि ठीक करने का कहने पर उल्टा जवाब दिया गया। उनकी यह भी दलील है कि परिवादी का ए.सी वारंटी पीरियड़ के अन्दर ही खराब हुआ है। अतः अप्रार्थीगण का ठीक करने का उत्तरदायित्व बनता है। विद्वान अभिभाषक परिवादी ने यह प्रार्थना की है। परिवादी का ए.सी ठीक करके दे। या नया ए.सी दिया जावें। प्रार्थी को शारीरिक,मानसिक व आर्थिक पेटे 70,000 रू व परिवाद व्यय 5,000 रू दिलाने की प्रार्थना की। अप्रार्थीगण 1 व 2 के विद्वान अभिभाषक की दलील है कि ए.सी के सम्बंध मे 1 वर्ष की वारंटी उपलब्ध कराई जाती है। 4 वर्ष की वारंटी कम्पेषर के सम्बंध मे होती है। अतः ए.सी 4 वर्ष तक सही कार्य करता रहा उसमे कोई उत्पादित त्रृटि नही है। उसकी यह भी दलील है कि जो त्रृटि आई है वह मिस यूज मिस हैण्डलिग वोल्टेज फल्च्यूऐषन के कारण आई है। इसलिए वारंटी स्वतः ही समाप्त हो जाती है। उसकी यह भी दलील है कि परिवादी को सर्विस टेक्नीषियन के माध्यम से सेवा उपलब्ध करा दी गई थी। कोई अभद्र व्यवहार परिवादी के साथ नही किया गया। उनकी अन्त मे यह भी दलील है कि ए.सी खरीदने के 4 वर्ष पष्चात् परिवाद प्रस्तुत किया है जो उपभोक्ता नियमों के तहत् म्याद बाहर है। तथा यह भी दलील है कि परिवादी को कोई आर्थिक, मानसिक हानि नही हुई है। परिवाद खारिज किया जावें।
6. उभयपक्षों के तर्को पर मनन किया गया पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजी साक्ष्य का परिषीलन किया गया इस पर हमारी राय इस प्रकार है कि परिवादी मुकेष कुमार ने अपने परिवाद व साक्ष्य मे यह प्रकट किया है कि दिनांक 07.06.2010 को बिल सं. 4406 अप्रार्थी सं. 4 से वोल्टास कम्पनी का ए.सी. 28,300 रू मे खरीदा था। जिसमे कम्पनी द्वारा 5 वर्ष की वारंटी व गारंटी दी गई थी। अपनी साक्ष्य मे यह भी प्रकट किया है कि उसका ए.सी. मई 2014 मे ठण्डी हवा नही देने व कूलिग सिस्टम बन्द होने के कारण ए.सी. ने काम करना बन्द कर दिया जिसकी षिकायत 14052604127 दिनांक 26.05.2014 को अप्रार्थीगण के नम्बर पर दर्ज कराई लेकिन अप्रार्थी सं. 1 व 2 की तरफ से कोई टेक्नीषियन ए.सी. को ठीक करने नही आया। इससे परिवादी को काफी परेषानी हुई ओर पूरी गर्मी की सीजन में परेषानी रही। अप्रार्थी सं. 3 व 4 की तरफ से कोई उपस्थित आया न ही कोई जवाब पेष किया गया। अप्रार्थी सं. 1 व 2 वोल्टास इण्डिया लि0 की तरफ से जवाब पेष किया गया उसमे यह तो स्वीकार किया कि परिवादी ने दिनांक 07.06.2010 को ए.सी. क्रय किया। जवाब मे यह बताया है कि 4 वर्ष की वारंटी केवल कम्पे्रसर के सम्बंध मे होती है। परिवादी ने अपने साक्ष्य मे यह बताया है कि ए.सी. का कूलिग सिस्टम बन्द हो गया है। जो कम्प्रेसर खराब होने के कारण ही है। परिवादी ने ए.सी. दिनांक 07.06.2010 को खरीदा। तथा परिवादी ने कुलिग सिस्टम बन्द होने की षिकायत दिनांक 26.05.2013 को दर्ज कराई जो 4 वर्ष के अन्दर ही हैै। अतः परिवादी का कुलिग सिस्टम वारंटी पीरियड़ मे ही खराब हुआ है। जिसको ठीक करने का उत्तरदायित्व अप्रार्थीगण का बनता हैै। परिवादी की षिकायत अप्रार्थीगण के यहां दर्ज होने के बावजूद उसको ठीक नही किया गया। हालाकि अप्रार्थी सं. 1 व 2 ने जवाब मे यह बताया है कि षिकायत दर्ज होने पर परिवादी को सर्विस टेक्नीषियन के माध्यम से सेवा उपलब्ध करा दी थी। लेकिन इस प्रकार की कोई टेक्नीषियन की रिपोर्ट अप्रार्थीगण की तरफ से पेष नही की गई। यदि परिवादी की षिकायत का निस्तारण कर दिया जाता तो परिवादी यह परिवाद मंच मे लेकर नही आता।
7. अतः अप्रार्थीगण द्वारा परिवादी की षिकायत पर कोई कार्यवाही नही की गई जो अप्रार्थीगण की सेवा में त्रृटि को प्रकट करता है। अप्रार्थीगण 1 व 2 की यह दलील है कि ए.सी. मे मिस यूज मिस हैण्डलिग वोल्टेज फल्च्यूऐषन के कारण विपरित प्रभाव पड़ा हैै। अतः वारंटी समाप्त हो जाती है। लेकिन अप्रार्थीगण की तरफ से कोई साक्ष्य नही कि ए.सी. मे मिस यूज मिस हैण्डलिग वोल्टेज फल्च्यूऐषन के कारण त्रृटि आई हो। अप्रार्थीगण 1 व 2 की यह भी आपति है कि यह परिवाद म्याद बाहर है। लेकिन उनकी इस आपति में हम बल नही पातें। क्योंकि ए.सी. खराब होने पर दिनांक 26.05.2014 को परिवादी ने षिकायत दर्ज कराई उसके बाद षिकायत का निस्तारण नही करने पर दिनांक 15.12.2014 को परिवाद मंच के समक्ष पेष कर दिया जो विहित अवधि 2 वर्ष के अन्दर ही है। न कि म्याद बहार है। ऐसी स्थिति में अप्रार्थीगण का कृत्य सेवा दोष की श्रेणी में आता है। इस प्रकार अप्रार्थीगण ने सेवा दोष कारित किया है।
फलतः बिन्दु संख्या 2 अप्रार्थीगण के विरूद्व निस्तारित किया जाता है ।
8. बिन्दु संख्या 3:- अनुतोष । बिन्दु संख्या 2 अप्रार्थीगण के विरूद्व निस्तारित होने के फलस्वरूप परिवादी का परिवाद आंषिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है । जो स्वीकार किया जाता है। जहा तक क्षतिपूर्ति का प्रष्न है। परिवादी द्वारा अप्रार्थीगण के यहां षिकायत दर्ज करवाने के बावजूद उसके एयर कन्डीषन को ठीक करने के लिये कोई टेक्नीषियन नही आया जिस कारण उसका ए.सी. ठीक नही हुआ। जिस कारण परिवादी को गर्मी की सीजन मे मानसिक परेषानी उठानी पड़ी अतः परिवादी अप्रार्थीगण से खराब ए.सी को रिपेयर कराने का अधिकारी है। साथ ही मानसिक परेषानी पेटे 1500 रू व परिवाद व्यय पेटे 1000 रू अप्रार्थीगण से प्राप्त करने का भी अधिकारी है।
ः-ः आदेश:-ः
परिणामतः परिवादी का परिवाद अप्रार्थीगण के विरूद्व आंषिक रूप से स्वीकार किया जाकर अप्रार्थीगण को आदेषित किया जाता है कि परिवादी के खराब एयर कन्डीसन को एक माह के अन्दर-अन्दर रिपेयरिग करके देवें। इसके अलावा मानसिक हर्जाना पेटे रू 1500/- रूपये पन्द्रह सौ रूपये मात्र एवं परिवाद व्यय पेटे रू 1000/- रूपये एक हजार मात्र अदा करे। आदेष की पालना एक माह मे की जावंे ।
( मनोहर सिंह नारावत ) (संतोष व्यास) (रामचरन मीना)
सदस्य, सदस्या अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
जैसलमेर। जैसलमेर। जैसलमेर।
आदेश आज दिनांक 19.06.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
( मनोहर सिंह नारावत ) (संतोष व्यास) (रामचरन मीना)
सदस्य, सदस्या अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
जैसलमेर। जैसलमेर। जैसलमेर।