जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर
समक्ष: श्री मिथलेश कुमार शर्मा - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 628/08
अशोक केसवानी पुत्र श्री चेतन दास केसवानी, उम्र 29 वर्ष, जाति सिंधी, निवासी 2 ख 7, हाऊसिंग बोर्ड, शास्त्री नगर, जयपुर Û
परिवादी
ं बनाम
वोडाफोन एस्सार डिलीलिंक लिमिटेड, वोडाफोन स्टोर, जी-4, क्रिस्टल माॅल, मोती महल सिनेमा के पास, बनीपार्क, जयपुर जरिए निदेशक/प्रबंधक Û
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री संदीप सैनी - परिवादी
श्री आलोक जैन - विपक्षी
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 10.06.08
आदेश दिनांक: 27.01.2015
परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने विवपक्षी से एक पोस्ट पेड मोबाईल कनेक्शन ले रखा था जिसके सम्बन्ध में उसने 250/- रूपए बतौर सिक्योरिटी राशि जमा करवाई थी जो कि रिफण्डेबल थी । परिवादी ने दिनांक 13.11.07 को समस्त ड्यूज का भुगतान कर कनेक्शन बंद करवा लिया जिस पर विपक्षी ने रिफण्डेबल सिक्योरिटी राशि व नवम्बर 07 के बिल प्लान के अनुसार प्रदत्त डिस्काउंटस का समायोजन कर कुल राशि का चैक 45 दिवस में परिवादी के निवास पर भेजने का आश्वासन दिया था परन्तु राशि का भुगतान नहीं किया गया और इस प्रकार सेवादोष किया है । परिवादी ने परिवाद में वर्णित अनुतोष दिलवाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. विपक्षी की ओर से परिवाद का जवाब पेश किया गया है जिसमें यह वर्णित है कि परिवादी ने अपने परिवाद में मिथ्या तथ्य अंकित किए हैं और तथ्यों को छिपाते हुए गलत रूप से प्रस्तुत किए जाने का प्रयास किया गया है । परिवादी को कनेक्शन देते समय किसी प्रकार की कोई सिक्योरिटी उससे प्राप्त नहीं की गई थी और परिवाद खारिज करने की प्रार्थना करते हुए विशेष मुआवजा दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
3. उपरोक्त तथ्यों पर दोनों पक्षों को सुना गया एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
4. विद्वान अधिवक्ता परिवादी की दलील है कि जो तथ्य परिवाद में वर्णित किए गए हैं उनका समर्थन परिवाद के साथ प्रस्तुत शपथ-पत्र एवं दस्तावेज से होता है और परिवाद स्वीकार किया जाकर परिवाद में चाहा गया अनुतोष दिलवाया जावे । विद्वान अधिवक्ता विपक्षी की दलील है कि जो तथ्य जवाब में वर्णित किए गए हैं उनका समर्थन जवाब के साथ प्रस्तुत शपथ-पत्र से होता है । विपक्षी अधिवक्ता ने सिक्योरिटी जमा करवाने के सम्बन्ध में कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं होने की दलील देते हुए परिवाद खारिज करने का निवेदन किया है ।
5. उपरोक्त दलीलों के संदर्भ में परिवादी ने अपने परिवाद में जो तथ्य अंकित किए हैं और उनके समर्थन में जो दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं उसमें 951/- रूपए व 178/- रूपए की दो रसीदों की प्रतिलिपि पेश की है जो सिक्योरिटी राशि की रसीदें नहीं हैं । विपक्षी ने अपने जवाब के सम्बन्ध में जो दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं उसमें हच कस्टूमर एग्रीमेंट फोम नंबर आर 00431396 दिनांक 11.12.2006 कीे फोटोप्रति प्रस्तुत की है जिसमें परिवादी के द्वारा मोबाईल कनेक्शन के लिए आवेदन किया गया था और इसके साथ रिसिप्ट कम इनवाईस की फोटोप्रति प्रस्तुत की है जिसमें सिक्योरिटी शून्य दर्शाई गई है अर्थात परिवादी की ओर से जो मोबाईल कनेक्शन प्राप्त करने के लिए आवेदन-पत्र प्रस्तुत किया गया है उस समय कोई सिक्योरिटी उसके द्वारा जमा करवाना परिवादी की साक्ष्य से प्रकट नहीं होता है जबकि विपक्षी की ओर से प्रस्तुत आवेदन-पत्र के साथ संलग्न रिसिप्ट कम इनवाईस में सिक्योरिटी शून्य दर्शा रखी है जो यह साबित करता है कि कोई सिक्योरिटी विपक्षी ने प्राप्त नहीं की है ।
उपरोक्त परिस्थितियों में परिवादी का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य नहीं पाया जाता है ।
आदेश
अत: परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है । प्रकरण का खर्चा पक्षकारान अपना-अपना वहन करेंगे ।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (मिथलेश कुमार शर्मा)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 27.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (मिथलेश कुमार शर्मा)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष