जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 573/2020 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-30.07.2020
परिवाद के निर्णय की तारीख:-10.11.2022
इस्तेखार हसन पुत्र स्व0 सैयद अनवारूल हसन, निवासी-गेंद खाना, शीशमहल, हुसैनाबाद, लखनऊ। ............परिवादी।
बनाम
1. Vivo Mobile India Pvt Ltd Tech 2, World Trade center, Plot No. Tz 13A Techzone (I.T.Park) Greater Noida-201308 Through its Managing, Director;
2. Regenvo Mobile Private Limited Vivo Mobile Service Center Shop No. 510, 5th Floor, Sri Ram Tower, 13 Ashok Marg, Lucknow-226001. Through its Manager. ............विपक्षीगण।
परिवादी स्वयं-श्री इस्तेखार हसन, अधिवक्ता।
विपक्षीगण के अधिवक्ता का नाम:-कोई नहीं।
आदेश द्वारा-श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
निर्णय
- परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद अन्तर्गत धारा-35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत मोबाइल फोन की कीमत 9,000.00 रूपये मय 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दिनॉंक 04,10,2019 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक अदा करने, विपक्षीगण की दोषपूर्ण सेवाओं की वजह से परिवादी को हुए मानसिक एवं शारीरिक कष्ट के लिये 50,000.00 रूपये, एवं वाद व्यय के रूप में 11,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
- संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने तरन्नुम इन्टरप्राइजेज, लखनऊ से दिनॉंक 05.11.2018 को एक वीवो कम्पनी का मोबाइल फोन मॉडल वीवो वाई 7112जीबी 9,000.00 रूपये में क्रय किया था, जिसकी एक वर्ष की वारन्टी थी।
- क्रय किया गया मोबाइल कुछ माह बाद ही खराब हो गया, हैंग करने लगा, टच में प्राब्लम आने लगी, डिस्प्ले ब्लैंक होने लगा एवं स्वत: अपने आप बन्द हो जाता था। परिवादी ने दिनॉंक 11.02.2019 को अपना मोबाइल लेकर विपक्षी संख्या 02 के सर्विस सेन्टर में रिपेयरिंग के लिये गया तो वहॉं विपक्षी द्वारा परिवादी का फोन बिना कोई जॉबशीट जारी किये जमा कर लिया और शाम को जब वापस किया गया तो बिना चेक कराये फोन वापस करते हुए यह बताया कि खराबियॉं ठीक कर दी गयी हैं।
- उक्त मोबाइल की खराबियॉं ठीक नहीं हुई थी, और मोबाइल सही तरह से कार्य नहीं कर रहा था। अंतत: मोबाइल बिल्कुल डेड हो गया, तो परिवादी ने दिनॉंक 04.10.2019 को विपक्षी संख्या 02 के यहॉं अपना मोबाइल लेकर गया तो वहॉं विपक्षी द्वारा मोबाइल वारन्टी में होने के बावजूद रिपेयरिंग हेतु पैसों की मॉंग की गयी। जबकि मोबाइल वारन्टी अवधि में है। परिवादी द्वारा पैसे नहीं दिये जाने पर विपक्षी संख्या 02 द्वारा मोबाइल की मरम्मत नहीं की गयी और न ही मोबाइल जमा किया गया।
- परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या 01 के टोल फ्री नम्बर पर शिकायत की गयी, परन्तु कोई कार्यवाही न होने पर विपक्षीगण के विरूद्ध वाद का कारण उत्पन्न हुआ। विपक्षीगण ने परिवादी के खराब मोबाइल की मरम्मत न करके सेवा में कमी की गयी तथा अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है।
- परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई जवाब दिया गया। अत: दिनॉंक 05.08.2022 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
- परिवादी ने अपने साक्ष्य में शपथ पत्र तथा मोबाइल क्रय किये जाने की रसीद दाखिल की गयी है।
- मैने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
- परिवादी का कथानक है कि परिवादी ने तरन्नुम इन्टरप्राइजेज, लखनऊ से दिनॉंक 05.11.2018 को एक वीवो कम्पनी का मोबाइल फोन मॉडल वीवो वाई 7112जीबी 9,000.00 रूपये में क्रय किया था, जिसकी वारन्टी एक वर्ष की थी। परिवादी द्वारा क्रय किया गया मोबाइल कुछ दिन बाद ही खराब हो गया, जैसे हैंग करने लगा, टच में प्राब्लम आने लगी और डिस्प्ले ब्लैन्क होने लगा और स्वत: बन्द हो जा रहा था।
- परिवादी ने दिनॉंक 04.10.2019 को विपक्षी संख्या 02 के यहॉं मोबाइल वारन्टी अवधि में मरम्मत हेतु दिया, परन्तु विपक्षी संख्या 02 द्वारा पैसों की मॉंग की गयी। बिना पैसों के मोबाइल की रिपेयरिंग करने से मना कर दिया। परिवादी ने इस कथन का समर्थन अपने शपथ पत्र से भी किया है। विपक्षीगण ने वारन्टी अवधि में परिवादी के मोबाइल की मरम्मत न करके सेवा में घोर कमी की है। विपक्षीगण द्वारा कोई ऐसा साक्ष्य दाखिल नहीं किया गया, जिससे परिवादी के कथनों पर अविश्वास प्रकट किया जा सके। अत: परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
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परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है, तथा विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को मोबाइल की कीमत मुबलिग 9,000.00 (नौ हजार रूपया मात्र) 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक निर्णय के 45 दिन के अन्दर अदा करेगें। परिवादी को हुए मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक कष्ट के रूप में मुबलिग 5,000.00 (पॉंच हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें। उपरोक्त धनराशि विपक्षीगण संयुक्त रूप से एवं एकल रूप से अदा करेंगे। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।
परिवादी धनराशि प्राप्त करते समय मोबाइल फोन विपक्षीगण को प्राप्त करायेगें।
परिवादी को इस निर्णय की प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक-10.11.2022