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MANAGING DIRECTOR GANGA CHARAN HOSPITAL filed a consumer case on 29 Jun 2024 against VISHESH KUMAR in the Bareilly-II Consumer Court. The case no is MA/6/2005 and the judgment uploaded on 04 Jul 2024.
1. आवेदक/विपक्षी अनुपस्थित।
2. अनावेदक/परिवादी अनुपस्थित।
3. दिनॉक 01.03.2005 को प्रस्तुत इस प्रकीर्ण वाद प्रकरण में इसी आयोग द्वारा परिवाद प्रकरण क्रमॉक - 114/2003 में पारित एकपक्षीय निर्णय दिनॉक 04.02.2005 को अपास्त किया जाकर विपक्षी को सुनवाई का अवसर दिये जाने हेतु यह प्रकीर्ण वाद प्रस्तुत किया गया था।
4. इस प्रकीर्ण वाद प्रकरण की कार्यवाही मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील प्रकरण क्रमॉक - ए/425/2005 में पारित स्थगन आदेश दिनॉक 29.03.2005 के पालन में स्थगित है।
5. पक्षकार इस प्रकीर्ण कार्यवाही में स्थगन के पश्चात् से ही लगातार अनुपस्थित हैं।
6. अपील निराकृत होने अथवा स्थगन समाप्त होने की कोई अधिकृत सूचना मान्नीय राज्य आयोग की ओर से अब तक प्राप्त नहीं हुई है और न ही किसी पक्षकार की ओर से प्रस्तुत की गई है।
7. मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील स्वीकार किये जाने की दशा में यह प्रकीर्ण कार्यवाही समाप्त हो जावेगी तथा इसके विपरीत मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील खारिज किये जाने की दशा में स्थगन समाप्त होकर प्रकीर्ण वाद की कार्यवाही आगे जारी रखी जावेगी।
8. मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील स्वीकार किये जाने की दशा में अनावेदक/परिवादी का इस प्रकीर्ण वाद प्रकरण में कोई हित शेष न रहने के कारण कार्यवाही में उपस्थित होने की कोई आवश्यकता शेष नहीं रह जाती। इसके विपरीत मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील खारिज किये जाने की दशा में स्थगन स्वतः समाप्त होने पर आवेदक/विपक्षी उपस्थित होकर प्रकीर्ण वाद की कार्यवाही पूर्ण किये जाने हेतु इस आयोग के समक्ष उपस्थित होगा।
9. अतः पक्षकारों की लगातार अनुपस्थिति तथा प्रकीर्ण वाद कार्यवाही में स्थगन समाप्त होने की सूचना न होने के कारण इस प्रकीर्ण वाद प्रकरण को वर्तमान् स्तर अनावश्यक रूप से बार-बार तारीखें नियत किये जाने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता।
10. मान्नीय अपील न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश समाप्त होने की सूचना दिये जाने अथवा आवेदक/विपक्षी द्वारा स्थगन आदेश समाप्त होने के समबन्ध में प्रमाण पेश किये जाने की दशा में प्रकीर्ण वाद प्रकरण पुनः पूर्व नम्बर पर दर्ज की जाकर यह निष्पादन कार्यवाही पुनः प्रारम्भ की जावेगी।
11. यह प्रकीर्ण वाद प्रकरण क्रमॉक - 06/2005 पंजी से निरस्त किया जावे तथा अभिलेख के शीर्ष में लाल स्याही से अभिलेख सुरक्षित रखे जाने की टीप लगाते हुये फिलहाल प्रकरण का अभिलेख अभिलेखागार भेजा जावे।
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