Uttar Pradesh

StateCommission

A/2009/507

Hero Honda - Complainant(s)

Versus

Virendra Kumar - Opp.Party(s)

R N Singh,Shri Prashant Kumar.

16 Mar 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2009/507
( Date of Filing : 16 Jan 2009 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Hero Honda
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Virendra Kumar
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 16 Mar 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-507/2009

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, इटावा द्वारा परिवाद संख्‍या-20/2008 में पारित निर्णय दिनांक 19.01.2009 के विरूद्ध)

हीरो होन्‍डा मोटर्स लि0 द्वारा राजीव मिश्रा, सर्विस मैनेजर,

किसान मंडी भवन, विजय खंड, गोमती नगर, लखनऊ व

दो अन्‍य।                          ........अपीलार्थीगण/विपक्षीगण

बनाम

 

वीरेन्‍द्र कुमार प्रजापति बरहीपुरा, इटावा।      ..........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : श्री प्रशांत कुमार, विद्वान

                            अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : श्री ए0के0 पाण्‍डेय, विद्वान

                           अधिवक्‍ता।

दिनांक 02.05.2023

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या 20/2008 वीरेन्‍द्र कुमार प्रजापति बनाम प्रबंधक हीरो होन्‍डा मोटर्स व दो अन्‍य में पारित निर्णय व आदेश दिनांक 19.01.2009 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने परिवादी द्वारा क्रय की मोटर साइकिल को बदलने या वैकल्पिक तौर पर मोटर साइकिल का मूल्‍य अंकन रू. 30000/- 12 प्रतिशत ब्‍याज के साथ वापस लौटाने का आदेश पारित किया है।

2.   परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी द्वारा एक मोटर साइकिल जिसका पंजीकरण संख्‍या यूपी 75/एफ 5179 है, दो वर्ष की वारंटी के साथ 28.12.05 को सैफई महोत्‍सव में क्रय की थी। इस मोटर साइकिल की बैक लाइट के ऊपर जो कावल लगाया गया है वह

-2-

दो लोगों के बैठने के बाद टूट जाता है। दो बार स्‍थानीय वितरक विपक्षी संख्‍या 3 के यहां सर्विस कराने के दौरान बदला जा चुका है। सर्विस के दौरान यह कावल बदलने पर चार्ज लिया गया और दि. 13.12.07 को टूटा हुआ कावल बदलने से इंकार कर दिया गया और सर्विस चार्जेस रूपये 115/- ले लिए गए। यह कीमत स्‍थायी प्रकृति के लिए है, इसलिए इसे दुरूस्‍त नहीं किया जा सकता।

3.   विपक्षीगण द्वारा लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया, परन्‍तु आगे की कार्यवाही में भाग नहीं लिया गया, तदनुसार उपरोक्‍त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया।

4.   इस निर्णय व आदेश के विरूद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गई है कि मोटर साइकिल में जो कमी आई थी, उसको समय-समय पर दुरूस्‍त किया गया। स्‍थायी प्रकृति की कोई त्रुटि मौजूद नहीं है, इसलिए वाहन को बदलने या वाहन की कीमत लौटाने का आदेश विधि विरूद्ध है।

5.   दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

6.   परिवादी ने वाहन को बदलने या इसकी कीमत प्राप्‍त करने के दो आधार बताए हैं। 1. वाहन में उत्‍पाद संबंधी त्रुटि है। 2. वाहन पुराना है। वारंटी केवल एक वर्ष की अवधि के लिए दी गई थी, एक वर्ष के पश्‍चात वाहन में मरम्‍मत कराने पर शुल्‍क देना होता है। पत्रावली के अवलोकन से ज्ञात होता है कि वाहन में उत्‍पाद संबंधी त्रुटि होने का कोई सबूत मौजूद नहीं है। वाहन का परीक्षण किसी वाहन इंजीनियर से नहीं कराया गया, न ही ऐसे किसी इंजीनियर की रिपोर्ट

-3-

प्रस्‍तुत की गई है, जो यह साबित कर सके कि वाहन में निर्माण संबंधी त्रुटि मौजूद है। पुराना वाहन विक्रय किए जाने का भी कोई सबूत पत्रावली पर मौजूद नहीं है, इसलिए वाहन को बदलने या वाहन की कीमत अदा करने का आदेश साक्ष्‍य विहीन है। इस आदेश को स्थिर नहीं रखा जा सकता, अत: अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

7.   अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपास्‍त किया जाता है। परिवाद इस सीमा तक स्‍वीकार किया जाता है कि आज से 15 दिन के अंदर विपक्षीगण वाहन की समस्‍त कमियों को नि:शुल्‍क अपने खर्च पर दुरूस्‍त करें। परिवादी 15 दिन के अंदर वाहन को विपक्षी के कार्यालय में उपलब्‍ध कराए और उपलब्‍ध कराते समय वाहन की प्राप्ति की रसीद प्राप्‍त करे। यदि विपक्षी द्वारा रसीद प्राप्‍त करने में आनाकानी की जाए तब वाहन का मौके पर उपस्थिति का वीडियो तैयार करे और आवश्‍यकता होने पर जिला उपभोक्‍ता मंच के समक्ष निष्‍पादन के समय प्रस्‍तुत करें। यदि विपक्षीगण द्वारा इस आदेश का अनुपालन करने में शिथिलता बरती जाए तब 15 दिन के पश्‍चात हर दिन के लिए रू. 1000/- क्षतिपूर्ति परिवादी को देय होगी।

     उभय पक्ष अपना-अपना वाद खर्च स्‍वयं वहन करेंगे।

     प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

 

-4-

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

         

       (विकास सक्‍सेना)                      (सुशील कुमार)                                                                                                                                                  सदस्‍य                               सदस्‍य

राकेश, पी0ए0-2

कोर्ट-3

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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