Uttar Pradesh

StateCommission

CC/82/2023

Arpit Gupta - Complainant(s)

Versus

Viraj Construction Pvt. Ltd. and another - Opp.Party(s)

Vikas Agarwal

26 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/82/2023
( Date of Filing : 25 May 2023 )
 
1. Arpit Gupta
R/O T9/4-A2,Metro City,Paper Mill Colony,Lucknow
...........Complainant(s)
Versus
1. Viraj Construction Pvt. Ltd. and another
Reg. Office:55,Babu Banarasi Das Nagar,(Purana Qila),Lucknow. Through its Authorized Signatory
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 26 Sep 2024
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

 

परिवाद संख्‍या : 82/2023

 

 

Arpit Gupta aged about 41 years, S/o Justice G.K. Gupta

V/s.

Viraj Constructions Pvt. Ltd. And Ors.

 

दिनांक : 26-09-2024

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित निर्णय

     परिवाद की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री विकास अग्रवाल एवं सुश्री पलक सहाय गुप्‍ता उपस्थित आईं जब कि विपक्षी कम्‍पनी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री सचिन गर्ग उपस्थित आए।

     प्रश्‍नगत परिवाद विगत लगभग एक वर्ष से अधिक समय से सुनवाई हेतु लम्बित है और अनेकों तिथियों पर पूर्व में सूचीबद्ध होता रहा है और आज पुन: सुनवाई हेतु लम्बित है।

     उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण को विस्‍तारपूर्वक सुना गया।

     परिवादी ने प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध निम्‍न अनुतोष प्रदान किये जाने हेतु प्रस्‍तुत किया है :-

WHEREFORE, it is most respectfully prayed that this Hon'ble Commission may graciously be pleased to :-

 

i. Direct the Opposite Parties to hand over the Allotted Unit / Flat in question i.e. Finished 3 BHK Flat / Unit No.903, 9th Floor, Tower No.- T8, Sun Breeza Apartment, having area 149.02 Sq. Mt. /1604 Sq. Ft., situated at BBD Green City, Faizabad Road, Lucknow after obtaining OC / CC from Competent Authorities after taking balance amount without any

 

-2-

 

illegal interest along with interest @18% p.a. of the deposited amount from the date of deposit up to the date of actual possession.

 

ñ. Direct the Respondents to refund the excess amount of Rs.2,01,379/- along with interest @ 18%.

 

Direct the Respondents to pay a sum of Rs. 10,00,000/- as compensation towards Unfair Contract as defied u/s 2(46) of the Consumer Protection Act, 2019.

 

iv. Direct the Respondents to pay a sum of Rs.5,00,000/- as damages for committing deficiency in service.

 

V. Direct the Respondents to pay a sum of Rs.5,00,000/- as compensation for committing Unfair Trade Practice.

 

Vi.         Allow the complaint and direct the Respondents to pay a sum of Rs.50,000/- towards cost of the case.

 

vii. Any other order which this Learned District Commission may deem fit and proper in the circumstances of the case may also be passed.

 

     संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार है कि विपक्षी द्वारा प्रस्‍तावित योजना “Sun Breeza Apartment” 3BHK Flat/Unit N0. 903, 9th Floor, Tower

 

 

-3-

 

No- T8  area 149.02 Sq.Mt./1604 Sq.Ft. के अन्‍तर्गत  परिवादी को फ्लैट  दिनांक 24-07-2012 को पक्षकारों के मध्‍य समझौते के अनुसार आवं‍टित किया गया। उपरोक्‍त फ्लैट की कुल कीमत रू0 41,74,840/-रू0 निर्धारित की गयी थी, जो परिवादी को कान्‍ट्रेक्‍ट लिंग प्‍लान के अनुसार देय थी। परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि परिवादी द्वारा उपरोक्‍त धनराशि के साथ ही टैक्‍स की धनराशि सहित उपरोक्‍त समस्‍त धनराशि रू0 43,76,218/-रू0 वर्ष 2012 से 2015 के मध्‍य जमा कर दी गयी परन्‍तु विपक्षी द्वारा उल्लिखित अवधि में अर्थात तीन वर्ष का समय व्‍यतीत हो जाने के उपरान्‍त भी फ्लैट का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया जिस कारण निर्धारित समयावधि में परिवादी को कब्‍जा प्रदान नहीं किया जा सका और जिससे परिवादी को मानसिक, आर्थिक एवं शारीरिक कष्‍ट हुआ। विपक्षी कम्‍पनी  द्वारा परिवादी को मौखिक रूप से आश्‍वासन दिया जाता रहा और अन्‍ततोगत्‍वा वर्ष 2021 में प्राधिकरण द्वारा प्राप्‍त ओ0सी0, सी0सी0 के पश्‍चात उपरोक्‍त फ्लैट का कब्‍जा परिवादी को प्राप्‍त कराये जाने हेतु पत्र जारी किया गया। जिस पर परिवादी द्वारा विपक्षी द्वारा विलम्‍ब से प्रस्‍तावित फ्लैट का कब्‍जा प्राप्‍त करने का घोर विरोध किया गया व जमा धनराशि पर संविदा की शर्तों के अनुसार 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से दण्‍ड ब्‍याज दिलाये जाने, साथ ही मानसिक, आर्थिक व शारीरिक कष्‍ट के मद में क्षतिपूर्ति दिलाये जाने एवं वाद व्‍यय दिलाये जाने हेतु वर्तमान परिवाद इस न्‍यायालय के सम्‍मुख योजित किया गया है।

 

 

-4-

     इस न्‍यायालय द्वारा पूर्व में भी विद्धान अधिवक्‍तागण को सुना गया एवं विवाद को सथासम्‍थव सुलह/समझौते के आधार पर अंतिम रूप से सुलझाने हेतु उभयपक्ष को आदेशित किया गया, परन्‍तु खेद का विषय है कि पक्षकारों के मध्‍य सुलह/समझौता सुनिश्चित नहीं किया जा सका। परिवादी को विलम्‍ब से कब्‍जा प्रदान किया जाना स्‍पष्‍ट रूप से पाया जाता है।

     तदनुसार ऊपर उल्लिखित तथ्‍यों को दृष्टिग्‍त रखते हुए प्रश्‍नगत परिवाद में उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण को सुनने के पश्‍चात निम्‍न आदेश पारित किया जाता है :-

     यह कि यदि परिवादी द्वारा उपरोक्‍त आवंटित यूनिट का कब्‍जा प्राप्‍त किया जाता है कि तब विलम्‍ब से कब्‍जा प्राप्‍त कराये जाने में हुआ विलम्‍ब जो कि लगभग 09 वर्ष की अवधि का पाया जाता है पर विपक्षी द्वारा परिवादी को जमा धनराशि पर जमा की तिथि से कब्‍जा प्राप्‍त किये जाने की तिथि पर 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज देय हो, जो गणना करते हुए गुणनानुसार परिवादी को उपलब्‍ध कराया जावेगा साथ ही मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में विपक्षी कम्‍पनी द्वारा परिवादी को 2,00,000/-रू0 प्राप्‍त कराया जावेगा साथ ही वाद व्‍यय के मद में रू0 50,000/- भी विपक्षी कम्‍पनी द्वारा परिवादी को प्राप्‍त कराया जावेगा। विपक्षी कम्‍पनी द्वारा उपरोक्‍त सभी प्रक्रिया 04 सप्‍ताह की अवधि में सुनिश्चित की जावेगी। अन्‍यथा की स्थिति में निम्‍न आदेश पारित किया जाता है :-

 

-5-

     अर्थात यदि परिवादी द्वारा विपक्षी कम्‍पनी की प्रस्‍ताविक यूनिट में आवंटित फ्लैट का कब्‍जा किन्‍हीं कारणोंवश प्राप्‍त नहीं किया जाता है तब विपक्षी कम्‍पनी द्वारा परिवादी को  सम्‍पूर्ण जमा धनराशि (जिसमें टैक्‍स की धनराशि भी सम्मिलित है), धनराशि जमा किये जाने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 10 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज देय होगा। इसके साथ ही विपक्षी कम्‍पनी द्वारा परिवादी को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक कष्‍ट के मद में रू0 5,00,000/- देय होगा साथ ही वाद व्‍यय के मद में रू0 50,000/- देय होगा। उपरोक्‍त आदेश का अनुपालन विपक्षी कम्‍पनी द्वारा 45 दिन की अवधि में सुनिश्चित किया जावेगा अन्‍यथा की स्थिति में परिवादी द्वारा जमा सम्‍पूर्ण धनराशि पर ब्‍याज का प्रतिशत 10 प्रतिशत के स्‍थान पर 12 प्रतिशत की दर से ब्‍याज विपक्षी कम्‍पनी द्वारा परिवादी को देय होगा, साथ ही मानसिक, शारीरिक व आ‍र्थिक कष्‍ट के मद में रू0 5,00,000/- एवं वाद व्‍यय के मद में रू0 50,000/-भी विपक्षी कम्‍पनी द्वारा परिवादी को देय होगा।

         तदनुसार प्रस्‍तुत परिवाद अं‍तिम रूप से निस्‍तारित  किया जाता है।

     इस निर्णय एवं आदेश का अनुपालन निर्णय से 45 दिन की अवधि में सुनिश्चित किया जावेगा।

 

 

 

 

 

-6-

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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