Smt. Sonia Devi filed a consumer case on 26 Feb 2015 against Vipul Medcorp TPA Pvt, Ltd & Others in the Jaipur-IV Consumer Court. The case no is CC/1178/2013 and the judgment uploaded on 17 Mar 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर चतुर्थ, जयपुर
पीठासीन अधिकारी
डाॅ. चन्द्रिका प्रसाद शर्मा अध्यक्ष
डाॅ. अलका शर्मा, सदस्या
श्री अनिल रूंगटा, सदस्य
परिवाद संख्या:-1178/2013 (पुराना परिवाद संख्या 94/2011)
श्रीमती सोनी देवी पत्नी श्री मदनलाल, आयु 32 वर्ष, निवासी-ग्राम-भोजपुरा, तहसील फुलेरा, जिला जयपुर ।
परिवादिनी
बनाम
01. विपुल मेड क्रोप टी.पी.ए. प्रा.लि. जरिये निदेशक, एस-10, श्याम नगर, अजमेर रोड, जयपुर ।
02. जयपुर डेयरी जरिये प्रबन्धक/अधिकृत अधिकारी, जवाहर लाल नेहरू मार्ग, जयपुर ।
03. राजस्थान राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग जरिये निदेशक, बीमा भवन, जयसिंह हाईवे, मोतीमहल सिनेमा के पास, जयपुर ।
विपक्षीगण
उपस्थितः-
परिवादिनी की ओर से श्री शिव चन्द साहू/श्री पृथ्वी सिंह एडवोकेट
विपक्षी संख्या 1 एवं 3 की ओर से श्री के.के.गर्ग,एडवोकेट एवं श्री सीताराम मीणा, प्रतिनिधि
विपक्षी संख्या 2 की ओर से श्री कपिल तोतला, एडवोकेट
निर्णय
दिनांकः- 26.02.2015
यह परिवाद, परिवादिनी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध दिनांक 29.12.2010 को निम्न तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया हैः-
परिवादिनी दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड, मुण्डोती समिति कोड 220 की सदस्या हैं और विपक्षी संख्या 2 द्वारा चलाई जा रही सरस सामूहिक आरोग्य बीमा योजना के तहत परिवादिनी का बीमा विपक्षी संख्या 3 राजस्थान राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के द्वारा विपक्षी संख्या 2 के माध्यम से उक्त बीमा किया गया था । इस सामूहिक आरोग्य बीमा योजना के आधार पर यदि कार्डधारी किसी बीमारी से संबंधित ईलाज अस्पताल में 24 घंटे भर्ती रहकर करवाता है तो उसके खर्चें का भुगतान विपक्षीगण को करने का दायित्व है ।
परिवादिनी के अचानक रीढ़ की हड्डी में दर्द होने पर वह अमर मेडीकल एण्ड रिसर्च सेन्टर, मानसरोवर में दिनांक 10.08.2009 को भर्ती हुई और दिनांक 20.08.2009 को डिस्चार्ज हुई । उसके आॅॅपरेशन, दवाईयों एवं जांच इत्यादि में कुल 42,015/-रूपये खर्च हुए । लेकिन विपक्षीगण ने परिवादिनी को मात्र 24,060/-रूपये का ही भुगतान किया । जो विपक्षीगण का सेवादोष हैं क्योंकि बीमा पाॅलिसी की शर्तों के अनुरूप विपक्षीगण को परिवादिनी के ईलाज में व्यय हुई कुुल राशि का भुगतान करना था । विपक्षीगण ने ऐसा नहीं करके सेवादोष कारित किया हैं इसलिए परिवादिनी अब विपक्षीगण से परिवाद के मद संख्या 14 में अंकित सभी अनुतोषों के साथ-साथ अपने क्लेम की शेष राशि 17,955/-रूपये प्राप्त करने की अधिकारिणी हैं ।
विपक्षी संख्या 1 एवं 3 की ओर से दिये गये संयुक्त जवाब में कथन किया गया है कि परिवादिनी का ईलाज ब्ळभ्ै दरों के अनुसार किया जाना था और ब्ळभ्ै के दरें, जो दिनांक 23.12.2002 को लागू थी, उसके अनुसार ब्ळभ्ै पैकेज दर में 10 प्रतिशत की छूट का प्रावधान था । परिवादिनी से निजी अस्पताल अमर मेडीकल एण्ड रिसर्च सेन्टर, मानसरोवर, जयपुर द्वारा ब्ळभ्ै दर से अधिक राशि वसूल की गई हैं । इसलिए विपक्षी संख्या 1 एवं 3 परिवादिनी को अस्पताल द्वारा वसूल की गई दर के हिसाब से क्लेम राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं हैं । परिवादिनी को ब्ळभ्ै दर के अनुसार उसके क्लेम का भुगतान कर विपक्षी संख्या 1 एव 3 ने कोई सेवादोष कारित नहीं किया हैं । अतः परिवाद, परिवादिनी निरस्त किया जावें ।
विपक्षी संख्या 2 की ओर से दिये गये जवाब में कथन किया गया है कि विपक्षी संख्या 2 द्वारा परिवादिनी का क्लेम विपक्षी संख्या 3 विभाग के टी.पी.ए. विपक्षी संख्या 1 को भिजवा दिया गया था । उसके पश्चात् क्लेम को स्वीकार या अस्वीकार करने का सम्पूर्ण कार्य संबंधित बीमा कम्पनी का होता हैं । विपक्षी संख्या 2 मात्र अपने सदस्यों के हित के लिए बीमा कम्पनी तथा सदस्यों के एक मध्यस्थ पुल का कार्य करती हैं । परिवादिनी को किये गये कम भुगतान के लिए विपक्षी संख्या 3 विभाग जिम्मेदार हैं । अतः उसके संदर्भ में परिवाद, परिवादिनी निरस्त किया जावें ।
परिवाद के तथ्यों की पुष्टि में परिवादिनी श्रीमती सोनी देवी एवं डाॅक्टर गोविन्द सैनी के शपथ पत्र एवं 8 पृष्ठ दस्तावेजों के साथ 2010 ब्ळभ्ै त्ंजमे वित श्रंपचनत दो प्रतियों में प्रस्तुत की गई । जबकि विपक्षी संख्या 1 एवं 3 की ओर से जवाब के तथ्यों की पुष्टि में श्री सुरेश मीणा एवं श्री छोटे लाल मीणा के शपथ पत्र एवं 36 पृष्ठ दस्तावेजों के साथ दिनंाक 19.02.2015 को 29 पृष्ठ दस्तावेज और प्रस्तुत किये । विपक्षी संख्या 2 की ओर से जवाब के तथ्यों की पुष्टि में श्री प्रेम कुमार सतरंगी का शपथ पत्र एवं 02 पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये गये ।
बहस अंतिम सुनी गई एवं पत्रावली का आद्योपान्त अध्ययन किया गया ।
प्रस्तुत प्रकरण मंे ।चचतवअमक हाॅस्पिटल अमर मेडीकल एण्ड रिसर्च सेन्टर, किरण पथ, मानसरोवर, जयपुर ने परिवादिनी से क्पेबमबजवउल एवं स्ंउपदमबजवउल आॅपरेशन के क्रमशः 20,000/-रूपये और 17,000/-रूपये बिल संख्या 1356 दिनंाकित 20.08.2009 के अनुरूप वसूल किये गये । जबकि विपक्षीगण द्वारा ब्ळभ्ै त्ंजमे के अनुसार लिस्ट के क्रम संख्या 901 पर स्ंउपदमबजवउल के आॅपरेशन के 15,000/-रूपये एवं क्रम संख्या 981 पर क्पेबमबजवउल के 21,600/-रूपये बताये गये हैं । इसलिए परिवादिनी ब्ळभ्ै त्ंजमे के अनुसार विपक्षीगण से उक्त आॅपरेशनों के कुल 36,600/-रूपये प्राप्त करने की अधिकारिणी थी । इस पर अस्पताल में परिवादिनी को विपक्षीगण के साथ हुए डव्न् ;डमउवतंदकनउ व ि न्दकमतजंापदहद्ध के अनुसार 10 प्रतिशत अर्थात् 3,660/-रूपये की छूट देनी थी और इस छूट राशि 3,660/-रूपये को 36,600/-रूपये में से कम करने पर, जो 36,600-3,660 त्र 32,940/-रूपये बनती हैं, परिवादी को विपक्षीगण द्वारा किये गये बीमा के अनुरूप उपलब्ध करवानी थी । इसके स्थान पर विपक्षी संख्या 1 एवं 3 ने परिवादिनी को 24,060/-रूपये की राशि का ही भुगतान करके सेवादोष कारित किया हैं । और इस सेवादोष के आधार पर परिवादिनी अब विपक्षी संख्या 1 एवं 3 से 32,940-24,060 अर्थात् 8,880/-रूपये प्राप्त करने की अधिकारिणी हैं । परिवादिनी को विपक्षी संख्या 1 एवं 3 से उनके इस सेवादोष से हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये पृथक से दिलवाये जाने के आदेश दिये जाते हैं । विपक्षी संख्या 2 का कोई सेवादोष प्रमाणित नहीं होने सेे परिवादिनी विपक्षी संख्या 2 के विरूद्ध कोई अनुतोष प्राप्त करने की अधिकारिणी नहीं हैं ।
आदेश
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादिनी स्वीकार किया जाकर आदेश दिया जाता है कि परिवादिनी विपक्षी संख्या 1 एवं 3 से 32,940-24,060 अर्थात् 8,880/-रूपये प्राप्त करने की अधिकारिणी हैं । परिवादिनी को विपक्षी संख्या 1 एवं 3 से उनके उपरोक्त सेवादोष से हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये पृथक से दिलवाये जाने केे आदेश दिये जाते हैं । विपक्षी संख्या 2 का कोई सेवादोष प्रमाणित नहीं होने से परिवादिनी विपक्षी संख्या 2 के विरूद्ध कोई अनुतोष प्राप्त करने की अधिकारिणी नहीं हैं ।
विपक्षी संख्या 1 एवं 3 को आदेश दिया जाता है कि वे उक्त समस्त राशि परिवादिनी के रिहायशी पते पर जरिये डी.डी./रेखांकित चैक इस आदेश के एक माह की अवधि में उपलब्ध करायेंगे ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 26.02.2015 को पृथक से लिखाया जाकर खुले मंच में हस्ताक्षरित कर सुनाया गया ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
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