जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-305/2011
राजकुमार निशाद पुत्र सरजू प्रसाद निशाद निवासी ग्राम कुल्होली, पोस्ट मंझावन, परगना व तहसील व जिला कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. गुप्ता कृशि सेवा केन्द्र प्रोपराइटर विपिन कुमार गुप्ता पुत्र श्री वीरेन्द्र कुमार गुप्ता निवासी ग्राम मंझावन तहसील व जिला कानपुर नगर।
2. प्रबन्ध निदेषक धानुका एग्रीटेक लि0 क0 गुड़गांव प्रान्त हरियाणा।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 21.04.2011
निर्णय की तिथिः 20.05.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःः निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षी सं0-1 व 2 से रू0 40,000.00 मटर की फसल की नुकसान का दिलाया जाये तथा अन्य कोई उपषम जो उचित हो वह दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने विपक्षी सं0-1 की दुकान (गुप्ता कृशि सेवा केन्द्र) मंझावन कानपुर से दिनांक 18.01.11 को 400 एम0एल0 टरगा सुपर जो कि धानुका एग्रीटेक कं0लि0 गुड़गांव हरियाणा की थी, बावत खर पतवार नश्ट करने हेतु ली थी। परिवादी ने उक्त खर पतवार नाषक दवा अपने आराजी नं0- 570 रकबा 0.830 हेक्टेयर स्थित ग्राम देवसड़ तहसील व जिला कानपुर नगर में डाली थी। यह खेत परिवादी ने मूल काष्तकार कालीषंकर पुत्र देवी गुलाम निवासी देवसड़ तहसील घाटमपुर कानपुर नगर से लगान पर ले रखा था। विपक्षी सं0-1 द्वारा दी गयी उक्त संपूर्ण दवा को पानी में बताये गये अनुपात में मिलाकर पूरे खेत में खड़ी मटर की फसल पर मषीन से दिनांक 20.01.2011 को छिड़काव किया था। छिड़काव करने के
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पष्चात खर पतवार तो नश्ट नहीं हुआ, बल्कि पूरे खेत की फसल नश्ट हो गयी। खेत की फोटोप्रति संलग्न वाद पत्र है। षिकायत करने पर विपक्षी सं0-1 द्वारा यह कहा गया कि विपक्षी सं0-2 कंपनी से बात करके बतायेगा। परिवादी के 3 बीघा खेत मटर की फसल उक्त छिड़काव से सूख गयी है, जिससे परिवादी को रू0 40,000.00 का नुकसान हुआ है। विपक्षी सं0-1, विपक्षी सं0-2 से भरपाई कराने का आष्वासन देकर बराबर अपनी दुकान में दौड़ाता रहा, किन्तु विपक्षीगण के द्वारा परिवादी को क्षतिपूर्ति की भरपाई नहीं की गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी सं0-2 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि विपक्षी सं0-2 द्वारा टरगा सुपर नामक दवा की आपूर्ति विभिन्न क्षेत्रों के किसानों को की गयी है, किन्तु कहीं से कोई षिकायत प्राप्त नहीं हुई है। विपक्षी सं0-2 द्वारा उक्त दवा किसानों के हित के लिए तैयार की जाती है। किन्तु उक्त दवा समुचित देखभाल के अंतर्गत दिये गये निर्देषों के अनुसार प्रयोग करना चाहिए। परिवादी द्वारा दिये गये निर्देषों का उल्लंघन करके दवा का प्रयोग किया गया है। चूॅकि प्रष्नगत दवा का समुचित विष्लेशण तथा टेस्ट की कोई रिपोर्ट परिवादी द्वारा नहीं प्रस्तुत की गयी है। अतः परिवाद उक्त आधार पर खारिज किया जाये। परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 के विषेशज्ञ स्टाफ से भी कोई राय मषविरा नहीं किया गया है और न ही औशधि में दिये गये स्मंचसिमजे के अंतर्गत नहीं किया गया है। परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद मनगढ़न्त कहानी के आधार पर विपक्षी से अवैधानिक तरीके से धन उगाही के उद्देष्य से प्रस्तुत किया गया है। अतः परिवाद पत्र खरिज किया जाये।
3. परिवादी की ओर से जवाबुल जवाब प्रस्तुत करके विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रस्तुत जवाब दावा में उल्लिखित तथ्यों का खण्डन किया गया है और स्वयं के द्वारा परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों की पुनः पुश्टि की गयी है।
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4. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी सं0-1 को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी सं0-1 फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी सं0-1 पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 26.07.13 को एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 20.04.11 एवं 18.04.15 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में गुप्ता सेवा केन्द्र द्वारा जारी कैषमेमो की प्रति, नोटिस की प्रति, खतौनी की प्रति निर्वाचन कार्ड की प्रति एवं खेत का फोटोग्राफ दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. विपक्षी सं0-2 ने अपने कथन के समर्थन में दिनेष षुक्ला, सेल्स मैनेजर का षपथपत्र दिनांकित 30.10.15 दाखिल किया है।
निष्कर्श
7. फोरम द्वारा परिवादी तथा विपक्षी सं0-2 के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि उभयपक्षों की ओर से अपने-अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र प्रस्तुत किये गये हैं। अतः अब यह देखना है कि क्या परिवादी की ओर से कोई अन्य अभिलेखीय साक्ष्य दाखिल किया गया है, जिससे यह सिद्ध होता हो कि प्रष्नगत औशधि डालने से उसके खेत की मटर की फसल नश्ट हो गयी और क्या अभिकथित दवा नकली व त्रुटियुक्त थी। इस सम्बन्ध में पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी की ओर से कोई समुचित व सारवान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।
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परिवादी की ओर से इस सम्बन्ध में प्रष्नगत औशधि की जांच रिपोर्ट किसी फोरेसिंक लैबोरेटिरी से या किसी विषेशज्ञ से कराकर नहीं प्रस्तुत की गयी है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं साक्ष्यों के उपरोक्तानुसार विष्लोशणोपरान्त फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
8. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध खारिज किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।