(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2150/2012
Reliance General Insurance Company Limited
Versus
Vinod Kumar Sharma S/O Late Daulat Sharma
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री आनन्द भार्गव, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित: श्री कुमार संभव, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :29.11.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-206/2011, विनोद कुमार शर्मा बनाम सुश्री सुभ्रा त्यागी मै0 रिलायन्स जनरल इं0कं0लि0 व अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, गौतम बुद्ध नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 10.07.2012 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी एवं प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए अंकन 74, 857/-रू0 75 पैसे बीमा राशि अदा करने का आदेश पारित किया है, जिस पर 09 प्रतिशत की दर से ब्याज भी देय होगा।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार दिनांक 04.02.2008 को अंकन 2,00,000/-रू0 की बीमा पॉलिसी प्राप्त की गयी थी, जो क्रिटिकल इलनेस की अवस्था में दो गुनी प्रतिपूर्ति करती थी। पॉलिसी अवधि के दौरान दिनांक 01.07.2009 को परिवादी को दिल का दौरा पड़ा, जिसका उपचार मैक्स हॉस्पिटल सेक्टर 19 नोएडा में कराया गया। इलाज 90 दिन तक चलता रहा, जिसमें कुल रू0 2,74,857.75 खर्च हुए। हॉस्पिटल द्वारा कैशलेस पॉलिसी के अंतर्गत केवल 2,00,000/-रू0 कम किये गये। शेष रू0 74,857.75 का भुगतान स्वयं परिवादी ने किया। इसी राशि को अदा करने का आदेश जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा दिया गया है।
4. अपील के ज्ञापन तथा मौखिक बहस का सार यह है कि परिवादी को अंकन 2,44,018/-रू0 का भुगतान किया गया है, जो क्लेम प्रस्तुत हुआ था, उसमें कुछ बिन्दु पर प्रतिपूर्ति की राशि देय हुई थी और जिन मदों में प्रतिपूर्ति की राशि देय थी, उसका भुगतान उचित रूप से कर दिया गया है। परिवादी की ओर से इस तथ्य को स्वीकार किया गया है कि अंकन 2,00,000/-रू0 कैशलेस तथा अंकन 44,018/-रू0 नकद ट्रांसफर किये गये हैं। एनेक्जर सं0 5 के विवरण के अनुसार 44,018/-रू0 का मेडिक्लेम विनोद कुमार शर्मा के नाम बनाया गया। एचडीएफसी बैंक में इस राशि का भुगतान हुआ है तथा विनोद कुमार शर्मा को उसकी डिटेल मेल के माध्यम से भेजी गयी है। अत: स्पष्ट है कि अंकन 2,00,000/-रू0 कैशलेस के अलावा 44,018/-रू0 का भुगतान भी किया गया है, चूंकि प्रत्येक मद में खर्च राशि का भुगतान नहीं किया जाता, परंतु परिवादी ने इस तथ्य का उल्लेख नहीं किया कि उनके द्वारा 44,018/-रू0 की राशि प्राप्त हो चुकी है। अत: यह परिवाद वास्तविक तथ्यों को छिपाते हुए प्रस्तुत किया, जो खारिज किया जाना चाहिए था। अत: स्पष्ट है कि जिला उपभोक्ता आयोग ने साक्ष्य के विपरीत निर्णय पारित किया है, जो अपास्त होने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2