(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1738/2014
M/s Bajrang Ice and Cold Storage, through Prop. Shri Sanjeev Agarwal @ Guddu S/o Shri Ameer Chand Agarwal, Nagla Paramsukh, Aitmadpur, Distt. Agra.
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
Vinod Kumar Sharma S/o Jagdish Chandra Sharma, R/o Village Devkheda, Tehsil Tundla, Distt. Firozabad.
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से : श्री आलोक कुमार सिंह, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से : श्री अनिल कुमार मिश्रा, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 23.02.2021
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-13/2008, विनोद कुमार शर्मा बनाम मैसर्स बजरंग आइस एण्ड कोल्ड स्टोरेज में विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग, द्वितीय आगरा द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.08.2014 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। इस निर्णय/आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए विपक्षी को निर्देशित किया है कि परिवादी द्वारा रखे गए आलू का मूल्य अंकन 5,22,000/- रूपये 07 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित अदा करें। अंकन 5,000/- रूपये प्रतिकर एवं अंकन 2,000/- रूपये वाद व्यय के रूप में अदा करने का भी आदेश दिया गया है।
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2. इस निर्णय/आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि अपीलार्थी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई है। अंकन 600/- रूपये प्रति बोरा उच्च दर से आलू का दाम निर्धारित किया गया है। परिवादी द्वारा 639 बोरा आलू दिनांक 15.10.2007 को विक्रय करने का तथ्य अवैध रूप से स्वीकार किया गया है।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक कुमार सिंह तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अनिल कुमार मिश्रा की मौखिक बहस सुनी गई तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
4. अपीलार्थी को यह तथ्य स्वीकार है कि परिवादी द्वारा दिनांक 07.04.2007 को 870 बोरा आलू जमा कराए गए थे। दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं के तर्क को सुनने के पश्चात यह तथ्य भी साबित है कि आलू खराब होने लगे थे और आलू को शीतगृह में संरक्षित रखने का दायित्व निश्चित रूप से अपीलार्थी कोल्ड स्टोरेज पर है, इसी उद्देश्य के लिए कोल्ड स्टोरेज में आलू रखा जाता है। निर्णय के अवलोकन से ज्ञात होता है कि निर्णय में यह उल्लेख आया है कि परिवादी द्वारा रखे गए आलू में से 639 आलू के बोरे अंकन 450/- रूपये प्रति बोरे की दर से विक्रय किए गए हैं।
5. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि परिवादी द्वारा जिस समय आलू कोल्ड स्टोरेज में रखे गए थे, उस समय जारी की गई रसीद में ही यह उल्लेख किया गया था कि आलू उच्च श्रेणी के नहीं हैं, अपितु दागी हैं, इसलिए इस प्रकृति के आलू का दाम अंकन 600/- रूपये प्रति बोरे की दर से नहीं हो सकता जैसा कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अपने निर्णय में उल्लेख किया गया है। चूंकि कोल्ड स्टोरेज द्वारा अंकन 450/- रूपये प्रति बोरे की दर से आलू विक्रय किए गए हैं। अत: इसी दर से कुल प्रतिकर निर्धारित करना उचित होगा। विद्वान जिला उपभोक्ता
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आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश परिवर्तित होने और अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
6. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 07.08.2014 इस रूप में परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी को अंकन 600/- रूपये प्रति बोरे के स्थान अंकन 450/- रूपये प्रति बोरे की दर से आलू की क्षतिपूर्ति देय होगी। होगी। शेष आदेश पुष्ट किया जाता है।
7. अपीलार्थी द्वारा धारा 15 के अन्तर्गत जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज इस निर्णय/आदेश के अनुसार जिला उपभोक्ता आयोग को निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
8. उभय पक्ष अपना अपना अपीलीय व्यय स्वंय वहन करेंगे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2