Uttar Pradesh

StateCommission

A/1970/2023

Ghaziabad Development Authority - Complainant(s)

Versus

Vinod Kumar Chawala - Opp.Party(s)

Arvind Kumar & Manoj Kumar

19 Feb 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1970/2023
( Date of Filing : 12 Dec 2023 )
(Arisen out of Order Dated 08/08/2023 in Case No. C/2007/302 of District Ghaziabad)
 
1. Ghaziabad Development Authority
Ghaziabad
...........Appellant(s)
Versus
1. Vinod Kumar Chawala
R/O Morni Viha, 219 Awas Vikas Colony Civil Line Bareilly
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 19 Feb 2024
Final Order / Judgement

मौखिक

राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0 लखनऊ

 

अपील संख्या  1970 सन 2023

 

 

गाजियाबाद डेवलपमेन्‍ट अथारिटी               ............अपीलार्थी

-बनाम-

 

विनोद कुमार चावला                          .................प्रत्यर्थी

 

 

 समक्ष

मा० न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

मा0 श्रीमती सुधा उपध्याय, सदस्‍य

 

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री अरविन्‍द कुमार

प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता  -  कोई नहीं

 

दिनांक – 19.02.2024

 

माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

प्रस्‍तुत अपील जिला उपभोक्ता आयोग,  गाजियाबाद  द्वारा परिवाद संख्या 302 सन 2007 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 08.08.2023  के विरुद योजित की गयी है।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी का कथन है कि उसने विपक्षी द्धारा निकाली गयी योजना इन्‍द्रापुरम आवासीय योजना कोड संख्‍या-558  सम्‍पत्ति कोड 720 के अंतर्गत पंजीकरण कराया। विपक्षी ने पत्र दिनांक 16.05.1990 द्धारा प्‍लाट की अनुपलब्‍धता बताई और विकल्‍प के रूप में परिवादी के आफर को स्‍वीकार करते हुये अंकन 1,10,770.00 जमा किया। विपक्षी ने इन्‍द्रापुरम स्‍कीम में फिर अनुपलब्‍धता बताई। विपक्षी ने पत्रांक 75 दिनांक 15.10.1998 से मं0 न0न0-202 एच आई जी डुप्‍लेक्‍स प्रताप विहार परिवादी को एलाट किया जिसमे परिवादी ने दिनांक 15.10.1998 को आपत्ति दाखिल की। परिवादी ने प्‍लाट के संबंध में वी0 सी0 गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से मिला परन्‍तु परिवादी को एलॉटमेन्‍ट नहीं किया गया।

  विपक्षी ने वादोत्‍तर में यह कहा है कि परिवादी द्धारा इन्‍द्रापुरम योजना के अंतर्गत आवेदन किया गया था जिसमे अपरिहार्य कारणों से भवन का निर्माण नहीं हो सका। परिवादी द्धारा रसीदों की मूल प्रति मिलान हेतु कार्यालय में उपलब्‍ध नहीं कराई गई। गई।परिवादी को प्रताप विहार में भवन संख्‍या-पी-202 उपाध्‍यक्ष की स्‍वीकृत दिनांक 13.08.1998 के क्रम में परिवादी के पक्ष में आवंटन पत्र दिनांक 03.09.1998 को भेजा गया जिसकी अनुमानित कीमत अंकन 8,16,000.00 रूपये थी। परिवादी को कई पत्र प्रेषित किये गये लेकिन उसके द्धारा बकाया धनराशि का भुगतान नहीं किया गया और न ही धनराशि के वापसी के संबंध में कोई मूल कागजात प्रस्‍तुत किये।

     विद्वान जिला आयोग ने उभय पक्ष के साक्ष्‍य एवं अभिवचनों के आधार पर परिवादी के परिवाद को आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुये विपक्षी को इस निर्णय की दिनांक से 60 दिन के अंदर परिवादी को उसकी जमा धनराशि अंकन 1,10,770.00 रूपयेमय 09 प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि ब्‍याज जमा करने की दिनांक से अंतिम अदायगी तक एवं अंकन 5,000.00 रूपये परिवाद व्‍यय एवं मानसिक क्षतिपूर्ति  के अदा करें। 60 दिन में निर्णय का अनुपालन न करने पर विपक्षीगण से 09 प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि के स्‍थान पर 12 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक ब्‍याज अंतिम अदायगी तक पाने का अधिकारी होगा।

उक्‍त निर्णय एवं आदेश से क्षुब्‍ध होकर अपील प्रस्‍तुत की गयी हैं।

     हमारे द्वारा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों का परिशीलन किया तथा अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया ।

     अपीलार्थी द्धारा अपील में कथन किया गया है कि जिला मंच द्धारा पारित निर्णय/आदेश में तथ्‍यों को सही रूप से विश्‍लेषित नहीं किया गया है।  

अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता को सुनने तथा समस्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्धारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त पीठ इस मत के है कि विद्धान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्धारा समस्‍त तथ्‍यों का सम्‍यक अवलोकन / परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है, जो विधि सम्‍मत है। जहां तक विद्धान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्धारा अपने प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश में अपीलार्थी/विपक्षीगण के विरूद्ध जमा धनराशि अंकन 1,10,770.00 मय 09 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्‍याज जमा करने का आदेश दिया है, समस्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों के दृष्टिगत ब्‍याज की देयता 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की दर में परिवर्तित किया जाना उचित प्रतीत होता है। तद्नुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है।

आदेश

प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला आयोग द्धारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि जमा धनराशि अंकन 1,10,770.00 रूपये पर ब्‍याज की देयता 09 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्‍याज के स्‍थान पर 09 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की दर से देय होगा। शेष निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

           

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)          (सुधा उपाध्‍याय)

       अध्‍यक्ष                       सदस्‍य

 

 

 

 

 

 

रंजीत

पी0ए0(कोर्ट नं0-1)

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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