राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-866/2004
मेसर्स पेप्सिको इंडिया होल्डिंग प्रा0लि0 महीबुल्लापुर रेलवे स्टेशन सीतापुर
रोड, लखनऊ। .........अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम्
1.विनीत श्रीवास्तव पुत्र स्व0 श्री के.पी.श्रीवास्तव निवासी ए-863, इंदिरा
नगर लखनऊ।
2.आशुतोष कुमार सिंह निवासी 2/4 न्यू हैदराबाद लखनऊ।
3.मे0 कूल एन बेकर हैदराबाद लखनऊ। ........प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2. मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित :कोई नहीं।
दिनांक 22.05.2015
मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील जिला फोरम प्रथम लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या 1409/99 में पारित निर्णय/आदेश दि. 17.03.2004 के विरूद्ध योजित की गई है। जिला मंच द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया है:-
'' परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को एकल व संयुक्त रूप से आदेश दिया जाता है कि इस निर्णय आदेश की तिथि से 30 दिन के अंदर परिवादीगण को दूषित पेय पदार्थ विक्रय किए जाने के कारण कारित मानसिक, शारीरिक कष्ट हेतु रू. 4000/- की धनराशि एवं रू. 1000/- बतौर प्रतिकर परिवादीगण को संयुक्त रूप से भुगतान करें।''
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 से 300 मि0ली0 की मिरिन्डा लैमन की बोतल क्रय की और विपक्षी संख्या 2 द्वारा बोतल स्वयं खोलकर परिवादीगण को प्रदान की, जिसे पीने पर उसे तकलीफ होने लगी। बोतल को हिलाने पर उसके अंदर गंदगी और बाह्य पदार्थ दिखाई दिये जो बोतल के तल में जमा थे। विपक्षीगण द्वारा मानक के विरूद्ध अस्वस्थ कर पेय पदार्थ विक्रय किया जाना उनकी सेवा में त्रुटि है।
-2-
विपक्षी संख्या 1 ने अपने लिखित कथन में परिवाद पत्र के तथ्यों एवं आरोपों को अस्वीकार किया। उसकी सेवा में न ही कोई त्रुटि है और न ही कोई दूषित व्यवहार प्रणाली अपनायी गई है।
विपक्षी संख्या 2 द्वारा पंजीकृत नोटिस के बावजूद न कोई उपस्थित हुआ और न ही कोई लिखित कथन ही दाखिल किया गया। अतएव उनके विरूद्ध एकपक्षीय रूप से सुनवाई की गई।
इस संबंध में जिला फोरम के द्वारा यह पाया कि विपक्षी संख्या 2 विपक्षी संख्या 1 का वितरक एवं अभिकर्ता है। विपक्षी संख्या 1 के लिखित कथन व शपथपत्र की धारा 5 में किए गए इस अभिकथन के आधार पर कि विपक्षी अपनी ख्याति सुरक्षित रखने हेतु परिवादीगण द्वारा क्रय की गई पेय पदार्थ की बोतल को बदलने के लिए तैयार है, के आधार पर परिवादीगण द्वारा क्रय की गई पेय पदार्थ की बोतल में गंदगी और दूषित पदार्थ होने का तथ्य पर्याप्त होता है। जिला फोरम ने सारे तथ्यों का अवलोकन करते हुए एवं साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए परिवादी के पक्ष में रू. 4000/- मानसिक, शारीरिक कष्ट के लिए और रू. 1000/- अलग से प्रतिकर देने का आदेश दिया है।
केस के तथ्य एवं परिस्थिति के आधार पर हम यह पाते हैं कि जिला फोरम द्वारा जो निर्णय 17.03.2004 पारित किया गया है वह साक्ष्यों की विवेचना करते हुए पारित किया है जो विधिसम्मत है और उसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। तदनुसार अपील खारिज किए जाने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्ता की अपील खारिज की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना अपीलीय-व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
(राम चरन चौधरी) (राज कमल गुप्ता)
पीठासीन सदस्य सदस्य
राकेश, आशुलिपिक
कोर्ट-5