राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ
अपील संख्या 386 सन 1997 सुरक्षित
(जिला उपभोक्ता फोरम, आगरा, के परिवाद संख्या-765/2003 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक-27-12-1996 के विरूद्ध)
1-द चीफ कार्मशियल मैनेजर, एन.ई. रेलवे, गोरखपुर।
2-द स्टेशन मैनेजर, बरेली, रेलवे जंक्शन स्टेशन, बरेली।
3-द रिकट जारीकर्ता स्टाफ, रेलवे स्टेशन, बरेली।
...अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
विनय गठोक केयर आफ नीलको ट्रेडर्स, 13/365, नाई की मंडी, सरदार बल्लभ भाई रोड़, आगरा।
.....प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1-मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2-मा0 श्री संजय कुमार, सदस्य।
अधिवक्ता अपीलार्थी : श्री एम0एच0 खान, विद्वान अधिवक्ता।
अधिवक्ता प्रत्यर्थी : कोई नहीं
दिनांक: 30-12-2014
मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी, पीठासीन न्यायिक सदस्य, द्वारा उदघोषित।
निर्णय
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी ने विद्वान जिला मंच, आगरा, द्वारा परिवाद संख्या-765/1993 विनय गठोक बनाम चीफ कामर्शिलय मैनेजर में पारित निर्णय/आदेश दिनांक-27-12-1996 के विरूद्ध प्रस्तुत की है, जिसमें विपक्षीगण को आदेश दिया गया है कि वे इस निर्णय की तिथि से 30 दिन के अन्दर परिवादी को रूपया 5400-00 (पॉच हजार चार सौ) मात्र क्षतिपूर्ति के अदा करें। अवधि के अन्दर पालन न किये जाने पर परिवादी उक्त धनराशि निर्णय की तिथि से 18 प्रतिशत की दर से सूद सहित पाने का अधिकारी होगा।
परिवादी ने यह परिवाद 10,337-00 रूपये क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया है।
(2)
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक-25-05-1993 को बरेली जंक्शन से आगरा के लिए काठगोदाम एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा करने के लिए तीन बर्थ का आरक्षण थ्री टीयर में कराया था और रूपया 329-00 दिये थे, जिस पर बर्थ सं0-31,34, और 35 आरक्षित की गई थी, किन्तु आरक्षित चार्ट में उसका नाम नहीं था। परिवादी ने अपनी पत्नी का आरक्षण टिकट वापस किया, जिसमें उसे 10-00 रूपये कम मिले तथा परिवादी ने अपनी पत्नी के लिए टू ए.सी. में आरक्षण कराया और रूपया 239-00 अधिक देना पड़ा, उसकी पत्नी एवं पुत्र टू ए.सी. में आये तथा परिवादी अनारक्षित बोगी में बैठकर आया।
अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि टिकट के मूल्य के रिफन्ड के सम्बन्ध में परिवाद केवल रेलवे क्लेमस ट्रिब्यूनल एक्ट 1987 की धारा-13 (1) (बी) के अर्न्तगत प्रस्तुत किया जा सकता है, इसे किसी अन्य न्यायालय को अधिनियम की धारा-15 के अर्न्तगत श्रवण का क्षेत्राधिकार नही है। प्रश्नगत निर्णय एवं पत्रावली में दाखिल किये गये अभिलेखों का परिशीलन किया गया।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि रेलवे टिकट के मूल्य के वापसी के सम्बन्ध में रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल एक्ट 1987 की धारा-13 (ए) (बी) के अर्न्तगत प्रस्तुत किये जाने का प्राविधान है। किसी अन्य न्यायालय द्वारा इस सम्बन्ध में उपरोक्त अधिनियम की धारा-15 के अर्न्तगत श्रवण का क्षेत्राधिकार नहीं है। अत: ऐसी परिस्थिति में अपील स्वीकार किये जाने योग्य है तथा जिला मंच का प्रश्नगत निर्णय निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्ता की अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला मंच आगरा, के परिवाद संख्या-765/2003 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक-27-12-1996 निरस्त किया जाता है। परिवादी यदि चाहे तो अपना परिवाद/प्रत्यावेदन सक्षम न्यायालय/अिधकरण के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है, जो कालबाधित नहीं माना जायेगा।
(3)
उभय पक्ष अपना-अपना अपील व्यय स्वयं वहन करेगें।
उभयपक्ष को इस निर्णय की प्रति नियमानुसार नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाय।
( अशोक कुमार चौधरी ) (संजय कुमार )
पीठासीन सदस्य सदस्य
आर0सी0वर्मा, आशु. ग्रेड-2
कोर्ट नं0-3