SHISHIR KUMAR SINGH PARIHAR filed a consumer case on 10 Feb 2022 against VIJAY TRADING CO. in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/99/2021 and the judgment uploaded on 11 Mar 2022.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 99 सन् 2021
प्रस्तुति दिनांक 05.08.2021
निर्णय दिनांक 10.02.2022
शिशिर कुमार सिंह परिहार पुत्र स्वo कल्पनाथ सिंह, मुहल्ला- रोड सिधारी शहर व जनपद- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि विपक्षी संख्या 01 हायर ए.सी. का अथराइज्ड डिस्ट्रीब्यूटर है तथा विपक्षी संख्या 02 एरिया सर्विस मैनेजर है। परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 से दिनांक 20.06.2012 को एक हायर ए.सी. नं. HSU18LK-6B2/2012 मुo 27,898.30 रुपए में खरीदा, जिसका सेल इनवायस विपक्षी संख्या 01 ने उपलब्ध कराते हुए बताया कि ए.सी. में किसी प्रकार की खराबी होने पर उसे विपक्षी संख्या 02 ठीक करेगा तथा विपक्षी संख्या 03 ठीक कराएगा। वारन्टी पीरियड समाप्त होने के बाद भी उक्त ए.सी. की सर्विस विपक्षी संख्या 03 की देख-रेख में विपक्षी संख्या 02 करेगा, लेकिन उसका भुगतान परिवादी को करना पड़ेगा। इस पर परिवादी ने अपनी सहमति जताई। परिवादी की उक्त ए.सी. जून 2020 में खराब हो गयी, परिवादी ने विपक्षी संख्या 03 से दूरभाष के माध्यम से शिकायत किया तो उसने विपक्षी संख्या 02 को एक माह बाद भेजा। विपक्षी संख्या 02 ने दिनांक 31.07.2020 को ए.सी. ठीकर करने का परिवादी से चार्ज मुo 5750/- रुपया लिया और ए.सी. परिवादी के यहाँ महीनों बाद लगाया, लेकिन ए.सी. सुचारू रूप से काम नहीं कर रही थी। चूंकि ठंढक का मौसम शुरू हो गया था इसलिए ए.सी. की ज्यादा आवश्यकता नहीं हुई। माह जून 2021 में जब ए.सी. की आवश्यकता हुई तो परिवादी की लड़की त्रिशला परिहार ने जरिए ऑन-लाईन सर्विस सेन्टर पर शिकायत किया कि ए.सी. ठीक नहीं हुई है, उसे ठीक करवा दें। जिस पर विपक्षी संख्या 02 ने अपने आदमी को भेजकर दिनांक 09.06.2021 को परिवादी की गाड़ी से उक्त ए.सी. को अपने यहाँ ले गया तथा ए.सी. अपने यहाँ रख लिया। पुनः शिकायत की गयी लेकिन उक्त ए.सी. विपक्षी संख्या 02 व 03 द्वारा ठीक नहीं की व करायी गयी। दिनांक 28.06.2021 को विपक्षी संख्या 02 के यहाँ से तीन आदमी परिवादी के यहाँ ए.सी. को लेकर आए जो बिना ड्रेस के थे और न उनके पास आईकार्ड ही था। जिससे स्पष्ट था कि व लोग कम्पनी के इंजीनियर नहीं थे। जब इसकी शिकायत की गयी तो विपक्षी संख्या 03 ने कहा कि इंजीनियर भेज रहे हैं, ए.सी. ठीक हो जाएगी। लेकिन विपक्षी संख्या 03 ने न तो कोई इंजीनियर भेजा और न ही परिवादी की ए.सी. को ठीक कराया। ए.सी. परिवादी के यहाँ बिगड़ी हालत में पड़ी हुई है। परिवादी बाध्य होकर अतिरिक्त एक दूसरा नया ए.सी. खरीदा जिसके लिए उसने 45,000/- रुपए खर्च किया, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी विपक्षी संख्या 02 व 03 की है। अतः विपक्षी संख्या 02 व 03 को आदेशित किया जाए कि वे परिवादी को विपक्षी संख्या 02 मुo 5750/- रुपया तथा विपक्षीगण 02 व 03 से नई खरीदी गयी ए.सी. मुo 45,000/- रुपया मय 12% वार्षिक ब्याज के साथ अदा करे। साथ ही विपक्षी संख्या 02 व 03 को यह भी आदेशित किया जाए कि वे परिवादी को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति हेतु मुo 50,000/- रुपया अदा करे।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 7/1 विजय ट्रेडिंग कम्पनी द्वारा जारी सेल इनवायस की छायाप्रति, कागज संख्या 7/2 आसिया इण्टरप्राइजेज द्वारा जारी सेल इनवायस की छायाप्रति, कागज संख्या 7/3व4 तथा कागज संख्या 7/6ता7/10 सर्विस ईश्यू ई-मेल मैसेज की छायाप्रति तथा कागज संख्या 7/5 आसिया इण्टरप्राइजेज की मुहर लगी हुई ए.सी. प्राप्ति की मूल प्रति प्रस्तुत किया है।
चूंकि प्रस्तुत परिवाद में विपक्षीगण को बार-बार अवसर देने के उपरान्त भी निर्धारित समय अवधि में उन्होने अपना जवाबदावा व उसके समर्थन में प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। ऐसी स्थिति में दिनांक 11.01.2022 को परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही अग्रसारित कर दी गयी।
बहस के दौरान परिवादी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित होकर अपना एक पक्षीय बहस सुनाया। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विपक्षी संख्या 02व03 द्वारा सेवा में कमी की गयी है तथा यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र तथा उसके समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र एवं प्रलेखीय साक्ष्य का कोई खण्डन नहीं किया गया है इसलिए परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र तथा उसके समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखण्डित हैं। अतः ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है। चूंकि विपक्षी संख्या 02 ने मुo 5,750/- रुपए प्राप्त कर ए.सी. की मरम्मत किया, फिर भी ए.सी. ठीक नहीं हुई। अतः विपक्षी संख्या 02व03 इसके लिए जिम्मेदार हैं।
आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी संख्या 02 को आदेशित किया जाता है कि वे प्रश्नगत ए.सी. में लगाए गए सामान का मूल्य मुo 5,750/- रुपए (रु.पांच हजार सात सौ पचास मात्र) अन्दर 30 दिन परिवाद दाखिला की तिथि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक 09% वार्षिक ब्याज की दर से परिवादी को अदा करें। साथ ही विपक्षी संख्या 02 व 03 को यह आदेशित किया जाता है कि वे गर्मी से हुई परेशानी के कारण परिवादी को शारीरिक, मानसिक तथा नई ए.सी. खरीदने के से हुई आर्थिक क्षति हेतु मुo 10,000/- रुपए (रु.दस हजार मात्र) एवं वाद खर्च के रूप में मुo 2,000/- रुपए (रु.दो हजार मात्र) भी अदा करे।
उक्त समय मियाद में आदेश का अनुपालन विपक्षी संख्या 02व03 द्वारा न करने की स्थिति में वे उपरोक्त समस्त धनराशि निर्णय की तिथि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक 09% वार्षिक ब्याज के साथ परिवादी को अदा करेंगे।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 10.02.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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