Uttar Pradesh

StateCommission

A/2011/1954

Union of India Railway - Complainant(s)

Versus

Vijay Kumar Malaviya - Opp.Party(s)

P W Khan

12 Dec 2014

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2011/1954
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Union of India Railway
Allahabad
...........Appellant(s)
Versus
1. Vijay Kumar Malaviya
Allahabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. Ashok Kumar Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'ABLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज् उपभोक्ता  विवाद प्रतितोष आयोग, 0 प्र0 लखनऊ।

                                सुरक्षित

          अपील संख्‍या-1954/2011      

1-यूनियन आफ इण्डिया द्वारा जनरल मैंनेजर नार्थ सेन्‍ट्रल रेलवे सुबेदारगंज, इलाहाबाद।

2-डिवीजनल रेलवे मैंनेजर नार्थ सेन्‍ट्रल रेलवे, नवाब युसुफ रोड इलाहाबाद।

                                                अपीलार्थीगण                  

                                           बनाम

विजय कुमार मालवीय पुत्र स्‍व0 पं0 नवल किशोर मालवीय निवासी 12-ए/8 मीरापुर इलाहाबाद।                                                                                                  प्रत्‍यर्थी                                

समक्ष:-

1-मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी पीठासीन सदस्‍य।

2-मा0 श्री संजय कुमार सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित। विद्वान अधिवक्‍ता श्री एम0 एच0 खान।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित।           कोई नहीं।

दिनांक 01-01-2015 

    मा0 श्री अशोक कुमार चौधरी पीठासीन न्‍यायिक सदस्‍य द्वारा उदघोषित

   निर्णय

  अपीलार्थीगण ने प्रस्‍तुत अपील विद्वान जिला मंच इलाहाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-220/2008 विजय कुमार मालवीय बनाम यूनियन आफ इण्डिया व अन्‍य में पारित आदेश दिनांक 09-09-2011 के विरूद्ध प्रस्‍तुत किया है जिसमें निम्‍न आदेश पारित किया है।

" परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत यह परिवाद- पत्र अंशत: अज्ञाप्‍त किया जाता है। विपक्षीगण को यह निर्देश दिया जाता है कि वे 2 माह के अन्‍तर्गत परिवादी को 25,000/-रू0 क्षतिपूर्ति व 2000/-रू0 वाद व्‍यय  अदा करे। "

  उपरोक्‍त वर्णित आदेश से क्षुब्‍ध होकर अपीलार्थीगण द्वारा यह अपील योजित की गयी है। 

    संक्षेप में प्रकरण के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि    दिनांक 26-12-2006 को परिवादी ने इलाहाबाद से सतना के लिए सेकण्‍ड स्‍लीपर में 63 बर्थ का आरक्षण न्‍यू डेलही रीवा एक्‍सप्रेस ट्रेन नम्‍बर 2428 में 12-02-2007 को करवाने के लिए प्रार्थनापत्र दिया और 64 बर्थ का आरक्षण 13-02-2007 को सतना से इलाहाबाद के लिए कामयानी एक्‍सप्रेस ट्रेन नम्‍बर-

 

 

 

2

1071 में अपने लड़के मनीष मालवीया के विवाह में बारात के लिए आरक्षण हेतु प्रार्थनापत्र दिया। उक्‍त प्रार्थनापत्र विपक्षीगण द्वारा स्‍वीकार किया गया और कन्‍फरमेशन लेटर दिनांक 27-12-2006 को विपक्षीगण ने जारी किया इसके बाद परिवादी ने आवश्‍यक धनराशि जमा किया, तदनुसार टिकट मैरेज पार्टी के लिए 12-02-2007 व 13-02-2007 के लिए जारी किया गया। 63 बर्थ ट्रेन नम्‍बर-2428 में एस-1 कोच में 12-02-2007 के लिए आरक्षित किया गया और 52 बर्थ एस-1 कोच 6 बर्थ एस-5 कोच और 6 आर ए0सी0 ट्रेन नम्‍बर-1071 में सतना से इलाहाबाद के लिए 13-02-2007 को आरक्षित हुआ। परिवादी उसके अतिथि व अन्‍य आमंत्रित लोग 12-02-2007 को 8.30 बजे प्रात: इलाहाबाद जंक्‍शन स्‍टेशन पर पहुंचे 2428 ट्रेन 9 घण्‍टे विलम्‍ब से चल रही है इस सूचना पर परिवादी काफी तनाव में हो गया और टिकट खिड़की पर टिकट कैंसिल कराने के लिए पहुंचा और किसी तरह परिवादी सभी टिकट 10.48 बजे प्रात: तक निरस्‍त करवा सका। इसके बाद बारात को लेकर परिवादी बस व टैक्‍सी का इन्‍तजाम करने लगा और एक मिनी बस तथा 4 टैक्‍सी की व्‍यवस्‍था सा 4 बजे तक वह कर पाया। इस बीच कुछ रिश्‍तेदार चले गये और कुछ ने बारात जाने से मना कर दिया। परिवादी ने मिनी बस और टैक्‍सी 54000/- भुगतान किया इस तरह परिवादी की आर्थिक क्षति हुई और उसकी बेइज्‍जती हुई किसी तरह परिवादी बारात में सतना 12-02-2007 को रात 11 बजे पहुंचा इस बीच दुल्‍हन के घर के लोगों ने यह कहा कि बारात दहेज की कमी के कारण समय से नहीं आयी। पता लगाने पर परिवादी से बाद में पता लगा कि ट्रेन नम्‍बर 2428  11 घण्‍टे विलम्‍ब से चल रही थी लेकिन इस तथ्‍य से यात्रीगण को भ्रमित करने के लिए छिपाया गया ट्रेन के लेट होने की पूर्व सूचना के अभाव में पहले परिवादी वैकल्पिक व्‍यवस्‍था नहीं कर सका। ट्रेन के लेट होने से बारात लेकर परिवादी देर से पहुंचा जिसके कारण उसको अपमानित होना पड़ा।

    विपक्षीगण की ओर से उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत करते हुए यह स्‍वीकार किया गया कि परिवादी वरिष्‍ठ नागरिक है वाद पत्र के पैरा-2 लगायत 5 को भी स्‍वीकार किया गया शेष तथ्‍यों को अस्‍वीकार करते हुए परिवादी ने यह कहा कि टिकटों का रद्दीकरण नियमानुसार होता है। 10.48 तक परिवादी के टिकट निरस्‍त कर दिये गये थे गाड़ी के आवागमन की सूचना कन्‍ट्रोल रूम से बराबर दी जाती है और ध्‍वनि विस्‍तारक यंत्र से यात्रियों को अवगत कराया जाता है परिवादी टेलीफोन के माध्‍यम से पहले ही या आकाशवाणी से ट्रेन के विलम्‍ब से चलने की सूचना प्राप्‍त

 

3

कर सकता था। अतिरिक्‍त कथन में विपक्षी ने यह कहा कि ट्रेन नम्‍बर-2427 अप रीवा से 22.30 बजे चलकर 13.15 बजे नई दिल्‍ली पहुंचती है और वही रेल नई दिल्‍ली 23.50 पर चलकर 09.25 पूर्वान्‍ह इलाहाबाद पहुंचता है और ट्रेन 15 बजे रीवा पहुंचती है। दिनांक 11-02-2007 को अप रीवा एक्‍सप्रेस नई दिल्‍ली 13.15 बजे के बजाए 12-02-2007 को 3 बजे रात्रि पहुंची और वही रेल 12-02-2007 को 10.15 बजे नई दिल्‍ली से चली मेन एक्‍सप्रेस गाड़ी निर्धारित समय से विलम्‍ब से अथवा पूर्व भी चल सकती है इसके लिए रेल प्रशासन उत्‍तरदायी नहीं है। सूचना समय सारणी के माध्‍यम से प्रकाशित की गयी है परिचालन सम्‍बन्‍धी अथवा मानवीय व्‍यवधानों के कारण गाड़ी का विलम्बित होना सम्‍भावित रहता है गाड़ी के विलम्‍ब की सूचना परिवादी प्रात: ही प्राप्‍त कर सकता था और वैकल्पिक व्‍यवस्‍था कर सकता था इस तरह परिवादी ने स्‍वत: सतर्कता नहीं बरती जिसके लिए वह स्‍वयं उत्‍तरदायी है। परिवादी की नोटिस का जवाब दिया गया था भारतीय रेल सम्‍मेलन कोचिंग दर सूची संख्‍या-26 भाग-1 (जिल्‍द-1) के नियम 115 के अनुसार रेल प्रशासन समयानुसार गाडि़यो के पहुंचने एवं छूटने की गारंटी नहीं देता विलम्‍ब के कारण यात्रियों व उनके सामान को होने वाली क्षति या असुविधा के लिए रेल प्रशासन उत्‍तरदायी नहीं होगा। प्रस्‍तुत वाद रेल दावा अभिकरण के धारा 13 व 15 से बाधित है और उपरोक्‍त आधारों पर पोषणीय नहीं है तथा निरस्‍त किये जाने योग्‍य है। अपने कथन के समर्थन में विपक्षी की ओर से शपथपत्र भी प्रस्‍तुत किया गया है।

     अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री एम0 एच0 खान, प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

    अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्वान जिला मंच ने बिना किसी ठोस आधार के परिवादी को 25,000/-रू0 क्षतिपूर्ति एवं 2,000/-रू0 वाद व्‍यय दिलाये जाने का आदेश दिया है जब कि परिवादी के कथनानुसार उसने सभी टिकट निरस्‍त करवा लिये थे।

    प्रश्‍नगत निर्णय एवं पत्रावली में उपलब्‍ध अभिलेखों का परिशीलन किया गया। हम यह समीचीन पाते हैं कि विद्वान जिला मंच ने 25,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति की धनराशि अत्‍यधिक दिलाई है जिसका कोई न्‍यायोचित ठोस आधार नहीं है अत: ऐसी परिस्थिति में अपीलार्थी द्वारा परिवादी को 25,000/-रू0 के स्‍थान पर 10,000/-रू0 क्षतिपूर्ति के रूप में तथा वाद व्‍यय के रूप में 2,000/-रू0 के स्‍थान पर 1,000/-रू0 दिलाया जाना न्‍यायोचित होगा। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।        

 

4

                     आदेश

अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है विद्वान जिला मंच इलाहाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-220/2008 विजय कुमार मालवीय बनाम यूनियन आफ इण्डिया व अन्‍य में पारित आदेश दिनांक 09-09-2011 के आदेश को संशोधित करते हुए यह आदेशित किया जाता है कि अपीलार्थीगण परिवादी/प्रत्‍यर्थी को 25,000/-रू0 के स्‍थान पर 10,000/-रू0 क्षतिपूर्ति के रूप में तथा 2,000/-रू0 वाद व्‍यय के स्‍थान पर 1,000/-रू0 अपील के निर्णय की तिथि के दो माह के अन्‍दर अदा करे। अन्‍यथा उपरोक्‍त धनराशि पर 8 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज की दर से ब्‍याज देय होगा।

वाद व्‍यय पक्षकार अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

     इस निर्णय/आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि उभय पक्ष को नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाये। 

 

 

 

(अशोक कुमार चौधरी)                                 (संजय कुमार )

 पीठासीन सदस्‍य                                             सदस्‍य

 मनीराम आशु0-2

 कोर्ट- 3  

 
 
[HON'ABLE MR. Ashok Kumar Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'ABLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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