Uttar Pradesh

StateCommission

A/613/2022

Tata Motors Finance Ltd - Complainant(s)

Versus

Vijay Kumar - Opp.Party(s)

Kapish Srivastav

23 Jan 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/613/2022
( Date of Filing : 05 Jul 2022 )
(Arisen out of Order Dated 17/08/2021 in Case No. C/2020/15 of District Shamli)
 
1. Tata Motors Finance Ltd
Homi Modi Street Mumbai
...........Appellant(s)
Versus
1. Vijay Kumar
Dist. Shamli
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Jan 2023
Final Order / Judgement

                                                     (मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या- 613/2022

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, शामली द्वारा परिवाद संख्‍या- 15/2020 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 17-08-2021 के विरूद्ध)

 

  1. टाटा मोटर्स फाइनेंस लि0 रजिस्‍टर्ड आफिस नानावटी महालया तृतीय तल, 18 होमी मोदी स्‍ट्रीट मुम्‍बई 4000001 द्वारा मैनेजर।
  2. टाटा मोटर्स फाइनेंस लि0, ब्रांच हैप्‍पी हनी बिल्डिंग सेकेण्‍ड फ्लोर, मंगल पाण्‍डेय नगर, मेरठ द्वारा ब्रांच मैनेजर।

                                                                                                                                                       अपीलार्थीगण

बनाम

विजय कुमार पुत्र श्री सूबे सिंह, निवासी ग्राम सिकन्‍दरपुर, परगना झिंझाना तहसील ऊन जनपद शामली।

  •  

     समक्ष  :-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

    

    उपस्थिति :

    अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- विद्वान अधिवक्‍ता श्री अं‍कि‍त सिंह

     प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित-  विद्वान अधिवक्‍ता श्री आर०डी० क्रान्ति

दिनांक- 23.01.2023

 माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उद्घोषित

 निर्णय                          

    प्रस्‍तुत अपील अपीलार्थीगण, टाटा मोटर्स फाइनेंस लि0 द्वारा विद्वान जिला आयोग, शामली द्वारा परिवाद संख्‍या- 15/2020  विजय कुमार बनाम टाटा मोटर्स फाइनेंस लि0 व एक अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक- 17-08-2021 के विरूद्ध इस आयोग के समक्ष योजित की गयी है।

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जिला आयोग द्वारा अपीलार्थी/विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया है:-

परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षी संख्‍या-2 द्वारा उपरोक्‍त प्रश्‍नगत वाहन को परिवादी से अपने कब्‍जे में लेकर अभिग्रहीत करने की दिनांक 01-05-2017 से निर्णय की ति‍थि तक बकाया समस्‍त कर को संबंधित सरकारी विभाग में अदा करने की जिम्‍मेदारी विपक्षीगण की होगी तथा परिवादी को हुयी आर्थिक मानसिक व सामाजिक क्षतिपूर्ति हेतु विपक्षीगण पूर्ण रूप से जिम्‍मेदार हैं। विपक्षीगण परिवादी को हुयी आर्थिक मानसिक, व सामाजिक क्षतिपूर्ति हेतु अंकन 50,000/-रू० तथा वाद व्‍यय हेतु अंकन 5000/-रू० कुल धनराशि 55,000/-रू० परिवादी को भुगतान हेतु संयुक्‍त या एकाकी रूप से निर्णय की दिनांक से 30 दिन के अन्‍दर जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग शामली में जमा करेगा। चूक होने पर देय समस्‍त धनराशि पर 12 प्रतिशत दण्‍डात्‍मक ब्‍याज निर्णय की दिनांक से 30 दिन के उपरान्‍त भुगतान की तिथि तक विपक्षीगण द्वारा देय होगा।

जिला आयोग द्वारा पारित उपरोक्‍त निर्णय से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षीगण की ओर से प्रस्‍तुत अपील योजित की गयी है।

मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री अंकित सिंह को विलम्‍ब माफी प्रार्थना पत्र पर सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का परीक्षण एवं परिशीलन किया गया। अपीलार्थी द्वारा प्रस्‍तुत अपील विलम्‍ब से प्रस्‍तुत किये जाने का पर्याप्‍त कारण दर्शित किया गया। न्‍यायहित में अपील प्रस्‍तुत करने में हुआ विलम्‍ब क्षमा कि‍या

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जाता है, अपील अंगीकृत की जाती है। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री आर०डी० क्रान्ति उपस्थित हुए। उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता द्व्‍य को विस्‍तार से सुना गया।

विलम्‍ब माफी प्रार्थना पत्र का उत्‍तर प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री आर०डी० क्रान्ति द्वारा प्रस्‍तुत किया गया। मेरे द्वारा विलम्‍ब माफी प्रार्थना पत्र के उत्‍तर शपथथत्र का सम्‍यक रूप से परिशीलन व परीक्षण किया गया।

वाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि‍  परिवादी ने वर्ष 2016 में विपक्षी संख्‍या-2 से अपनी गाड़ी टाटा सूमो गोल्‍ड को फाइनेंस कराया था। परिवादी आर्थिक समस्‍याओं के कारण कुछ किश्‍तों का भुगतान नहीं कर पाया जिससे विपक्षी संख्‍या- 2 ने दिनांक 01-05-2017 को गाड़ी अपनी सुपुर्दगी में ले लिया तथा वाहन से संबंधित एक फाइल तैयार करके फुल एण्‍ड फाइनल सेटेलमेंट अंकन 96400/-रू० में फाइनल करके सेटलमेंट दस्‍तावेज दिनांक 25-02-2019 के द्वारा परिवादी को गाड़ी के प्रत्‍येक भार से मुक्‍त कर दिया। परिवादी द्वारा गाड़ी विपक्षी संख्‍या-2 को सुपुर्द करने से पहले उत्‍तर प्रदेश मोटर अधिनियम के अन्‍तर्गत बकाया समस्‍त धनराशि संबंधित विभाग में जमा कर दी गयी। इस प्रकार दिनांक 01-05-2017 से गाड़ी पर लगने वाला कर विपक्षी संख्‍या-2 के द्वारा देय था और विपक्षी संख्‍या-2 द्वारा गाड़ी का पंजीकरण परिवादी के नाम से किसी अन्‍य व्‍यक्ति के नाम सम्‍भागीय परिवहन अधिकारी के कार्यालय में कराने का आश्‍वासन दि‍या गया।

परिवादी के पास माह दिसम्‍बर 2019 में राजस्‍व अमीन ने आकर वाहन से संबंधित दिनांक 01-05-2017 से दिनांक 31-10-2019 तक की

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अवधि का उत्‍तर प्रदेश मोटर कराधान अधिनियम के अन्‍तर्गत बकाया वसूली हेतु अंकन 1,30,284/-रू० की मांग की। परिवादी द्वारा गाड़ी विपक्षी संख्‍या-2 के पास होने की सूचना दी गयी। परिवहन अधिकारी शामली से जानकारी करने पर पता चला कि फुल एण्‍ड फाइनल सेटलमेंट करने के उपरान्‍त भी गाड़ी विपक्षी संख्‍या-2 ने अपने नाम नहीं करायी और आज भी वाहन का पंजीकरण परिवादी के नाम है। विपक्षीगण का यह दायित्‍व था कि वाहन अपने कब्‍जे में लेने के उपरान्‍त अपने नाम पंजीकरण कराते। परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा ऐसा न करके सेवा में घोर कमी की गयी है और अनुचित व्‍यापार पद्धति अपनायी गयी है जिससे परिवादी को मानसिक, आर्थिक, एवं सामाजिक क्षति हुयी है। अत: विवश होकर परिवाद जिला आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत किया गया है।

विपक्षीगण नोटिस तामीला पर्याप्‍त होने के बाद भी जिला आयोग के सम्‍मुख उपस्थित नहीं हुये, अत: उनके विरूद्ध एकपक्षीय रूप से कार्यवाही करते हुए उपरोक्‍त आदेश पारित किया गया है।

निर्विवाद रूप से अपीलार्थी/विपक्षीगण फाइनेंस कम्‍पनी द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी का संबंधित वाहन सम्‍पूर्ण ऋण की धनराशि का चेक देने के उपरान्‍त अपने कब्‍जे में लिया गया। तदोपरान्‍त उपरोक्‍त वाहन को अपीलार्थी फाइनेंस कम्‍पनी द्वारा या तो स्‍वयं अथवा क्रेता जिसको अपीलार्थी कम्‍पनी द्वारा नीलामी के माध्‍यम से बेंचा जाना था के पक्ष में संबंधित कर विभाग के सम्‍मुख अपेक्षित प्रार्थना पत्र/फार्म जमा कर पंजीकरण की प्रक्रि‍या पूर्ण करानी थी अर्थात नवीन क्रेता के पक्ष में नीलाम किये गये वाहन के सम्‍बन्‍ध में अपेक्षित कर विभाग के सम्‍मुख प्रार्थना पत्र दिया जाना था जो निर्विवादित रूप से अपीलार्थी/विपक्षीगण द्वारा नहीं दिया

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गया जिसके कारण परिवादी से प्राप्‍त किये गये वाहन को वर्ष दर वर्ष परिवादी के नाम से ही परिवहन विभाग में पंजीकरण माना गया। उपरोक्‍त वाहन को अपीलार्थीगण द्वारा अपनी सुपुर्दगी में लिये जाने का तथ्‍य पाया गया तथा पुन: उसकी बिक्री की गयी फिर भी परिवहन विभाग में परिवादी के नाम से ही पंजीकरण रहा जिससे व्‍यथित होकर परिवादी ने परिवाद प्रस्‍तुत किया।

मेरे द्वारा विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक रूप से परिशीलन एवं परीक्षण कि‍या गया तथा यह पाया गया कि विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश में किसी प्रकार की कोई अनियमिता नहीं है। जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश सुसंगत एवं विधि अनुसार है जिसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। अत: जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अनुपालन अपीलार्थी/विपक्षीगण द्वारा 30 दिन की अवधि में किया जावे अन्‍यथा की स्थिति में प्रत्‍यर्थी/परिवादी को 10,000/-रू० हर्जाना भी अपीलार्थी/विपक्षीगण द्वारा देय होगा। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

अपील में धारा-15 के अन्‍तर्गत जमा धनराशि जिला आयोग को विधि अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जावे।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को      आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।.

 

 

  (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

    अध्‍यक्ष

             कृष्‍णा–आशु0 कोर्ट नं0 1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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