राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील सं0- 317/2003
Manager, Avadh Wood Product, Cold Store, Asam Road, Mihipurwa, District Bahraich Another.
………..Appellant
Versus
1. Vijay Kumar S/o Sri Maikoo Ram Yadav.
2. Raj kumar S/o Sri Maikoo Ram Yadav.
Both Residents of Bashirganj, Police Station Kotwali City, District Bahraich.
……….Respondents
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री आर0के0 गुप्ता,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 09.02.2023
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय/आदेश
1. परिवाद सं0- 321/1998 विजय कुमार यादव व एक अन्य बनाम प्रबंधक अवध वुड प्रोडक्ट्स कोल्ड स्टोर व एक अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, बहराइच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 28.06.2002 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
2. परिवाद के तथ्यों के अनुसार प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण ने कुल 300 बोरा आलू रखा था। प्रत्येक बोरे में 90 कि0ग्रा0 का वजन था। यह आलू 70/-रू0 प्रति कुन्तल भाड़े पर रखा गया था, परन्तु कोल्ड स्टोरेज के मशीनों में कमी आने के कारण आलू खराब हो गया जिसके कारण तत्समय प्रचलित बाजार भाव 130/-रू0 प्रति कुन्तल के बजाय 55/-रू0 प्रति कुन्तल विक्रय करना पड़ा। इसलिए जिला उपभोक्ता आयोग ने 35,545/-रू0 मय ब्याज अदा करने का आदेश दिया है।
3. केवल अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री आर0के0 गुप्ता को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
4. अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि तत्समय बाजार भाव केवल 80/-रू0 प्रति कुन्तल था। इस तर्क के समर्थन में कृषि उत्पादन समिति द्वारा जारी एक पत्र की प्रति प्रस्तुत की गई है, परन्तु यह पत्र चूँकि प्रमाणित प्रतिलिपि नहीं है तथा शपथ पत्र से समर्थित नहीं है। अत: तत्समय बाजार भाव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस पत्र को नहीं माना जा सकता है, जब कि जिला उपभोक्ता आयोग ने प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा इस तथ्य को सशपथ साबित किया है कि 130/-रू0 प्रति कुन्तल की दर से उस समय अच्छा आलू विक्रय किया गया था। केवल खराब आलू कम दर से विक्रय किया गया था। इसलिए चूँकि प्रत्यर्थी/परिवादी ने 130/-रू0 की दर से आलू विक्रय करने के तथ्य को साबित किया है। अत: मूल्य के सम्बन्ध में हस्तक्षेप करना उचित नहीं है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि 70/-रू0 प्रति कुन्तल का भाड़ा अदा नहीं किया गया है।
5. प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से जाहिर होता है कि इस बिन्दु पर जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा कोई निष्कर्ष नहीं दिया गया कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने 70/-रू0 प्रति कुन्तल की दर से भाड़ा अदा किया है या नहीं। इस आयोग को इस बिन्दु पर विचार करने के लिए पत्रावली पर कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है। यदि अपीलार्थी/विपक्षी कोल्ड स्टोर का किराया बकाया है तब वह अपना बकाया सक्षम प्राधिकारी के समक्ष यहां तक निष्पादन न्यायालय के समक्ष भी इस तथ्य को साबित करते हुए वसूली/समायोजित करा सकता है।
तदनुसार अपील निस्तारित की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 3