(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2245/2007
सैनिक गैस एजेन्सी
बनाम
विजय कुमार सक्सेना
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अनिल कुमार मिश्र,
विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री आर0 डी0 क्रांति, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :12.02.2024
माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या– 353/2003, श्रीमती शशिकला बनाम सौदान सिंह में जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 14.08.2007 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गयी है। अपील पर पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण को सुना गया। जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुये परिवादी द्धारा अंकन 800.00 रूपये जमा जमानत धनराशि मय 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित लौटाये जाने का आदेश पारित किया है।
2. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी द्धारा हिन्द गैस का एक कनेक्शन अंकन 3,200.00 रूपये देकर दिनांक 02.01.1999 को लिया था। एक वर्ष तक गैस की आपूर्ति की जाती रही परन्तु दिनांक 14.09.1998 के बाद परिवादी को गैस की आपूर्ति नहीं की गई। जिला उपभोक्ता आयोग ने अंकन 3,200.00 रूपये में से केवल अंकन 800.00 रूपये जमानत धनराशि है। अत: अंकन 800.00 रूपये 10 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि एजेन्सी बन्द हो चुकी है तथा हिन्द गैस को पक्षकार नहीं बनाया गया है। इस लिये कोई भी धनराशि प्रत्यर्थी को देय नहीं है।
4. अपीलार्थी ने लिखित कथन के पैरा-5 में यह उल्लेख किया है कि जवाबदावा हिन्द गैस का मात्र डिस्ट्रीब्यूटर है, जिसकी जिम्मेदारी हिन्द गैस लिमिटेड की भी है। यानि अपनी जिम्मेदारी से स्वयं अपीलार्थी ने लिखित कथन में इंकार नहीं किया है। इस लिये जहां पर कोई जिम्मेदारी दो व्यक्तियों या संस्थाओं पर आमद होती है वहां किसी न्यायालय/टिब्यूनल द्धारा एक पर दायित्व अधिरोपित किया जाता है। प्रस्तुत केस में परिवादी द्धारा यह धनराशि जमा की गई है। अपीलार्थी ने अपने दायित्व का सही ढ़ग से निर्वहन नहीं किया गया है। इस लिये जिला उपभोक्ता आयोग द्धारा पारित निर्णय में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तद्नुसार, अपील खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खारिज की जाती है। विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग द्धारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
पक्षकार अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
रंजीत, पी0 ए0,
कोर्ट 3