Uttar Pradesh

Chanduali

CC/33/2014

SACHU MAURYA - Complainant(s)

Versus

VIJAY ELECTRONICS INDIA pvt.ltd - Opp.Party(s)

Rakesh Singh

15 Jul 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum, Chanduali
Final Order
 
Complaint Case No. CC/33/2014
 
1. SACHU MAURYA
Fatepur kala,Majhawar Chandauli
Chandauli
UP
...........Complainant(s)
Versus
1. VIJAY ELECTRONICS INDIA pvt.ltd
CHANDAULI
Chandauli
UP
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Ramjeet Singh Yadav PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Shashi Yadav MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 33                                सन् 2014ई0
सेचू मौर्या पुत्र गौवर्धन मौर्या निवासी फत्तेपुरकलां पो0 मझवार जिला चन्दौली।
                                      ...........परिवादी                                                                                                                                    बनाम
1-विजय इलेक्ट्रानिक्स शंकर मोड चन्दौली प्रो0 विजय मौर्य शंकर मोड चन्दौली।
2-एस0आर0 सर्विस सेन्टर प्लाट नं0 2 रघुनाथनगर महमूरगंज वाराणसी।
3-एल0जी0 इलेक्ट्रीकल इण्डिया प्रा0लि0 प्लाट नं0 51 उद्योग विहार सूरजपुर काशन रोड नोयडा। 201306
                                            .............................विपक्षी
उपस्थितिः-
 रामजीत सिंह यादव, अध्यक्ष
 शशी यादव, सदस्या
                               निर्णय
द्वारा श्री रामजीत सिंह यादव,अध्यक्ष
1-    परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी से टी0वी0 का मूल्य रू0 4600/- तथा मानसिक शारीरिक क्षतिपूर्ति व वाद व्यय के रूप में रू0 90000/- अर्थात कुल 94600/- बतौर क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु दाखिल किया है।
2-    संक्षेप में परिवादी का अभिकथन है कि उसने दिनांक 20-3-2013 को विपक्षी संख्या 1 से रू0 4600/- में एल0जी0 कम्पनी का कलर टी0वी0 खरीदा। वारण्टी पीरियड के अन्दर ही उक्त टी0वी0 सेट में दिनांक 15-10-2013 को यांंित्रक खराबी हो गयी तो परिवादी अपना टी0वी0 सेट विपक्षी संख्या 1 के यहाॅं ले गया। विपक्षी संख्या 1 उसे तीन बार सर्विस सेण्टर महमूरगंज को ले जाने के लिए कहा तब परिवादी अपने वाहन से दिनांक 20-10-2013 को टी0वी0सेट लेकर एस0आर0 सर्विस सेन्टर महमूरगंज वाराणसी (विपक्षी संख्या 2) के यहाॅं गया। विपक्षी संख्या 2 ने असल रसीद व टी0वी0 जमा कर लिया। परिवादी ने कई बार उनसे सम्पर्क स्थापित किया लेकिन विपक्षी संख्या 2 ने टी0वी0 को न तो बनाया और न ही वापस किया तथा असल रसीद भी रख लिया। उक्त टी0वी0 सेट पर विपक्षी संख्या 2 की नियत बद हो गयी है उसने परिवादी से बैंक खाता नम्बर मांगा और कहा कि टी0वी0 की धनराशि आपके खाते में आ जायेगी। लेकिन दिनांक 15-6-2014 को उसने अन्तिम तौर पर टी0वी0 देने से इन्कार कर दिया तब परिवादी ने यह परिवाद दाखिल किया है।
3-    विपक्षी संख्या 1 की ओर से जबाबदावा दाखिल है जिसमे यह तथ्य स्वीकार किया गया है कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 के यहाॅं से रू0 4600/- में एल0जी0 कम्पनी का टी0वी0 खरीदा था। परिवाद के शेष अभिकथनों से इन्कार किया गया है और यह कहा गया है कि परिवाद बिल्कुल असत्य कथनों पर आधारित है परिवादी अपना टी0वी0 सेट जली हुई हालत में विपक्षी संख्या 1 के दूकान पर लेकर आया और कहा कि यह वारण्टी पीरियड के अन्दर है इसे बना दिजीये तब विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी को सर्विस सेन्टर महमूरगंज वाराणसी जाने के लिए कहा। विपक्षी संख्या 1 के पूछने पर परिवादी ने उस समय यही बताया था 
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कि लाइट कट जाने के बाद लडके मोमबत्ती जलाकर टी0वी0 के उपर खडा कर दिये जिससे मोमबत्ती जलते-जलते टी0वी0 सेट के प्लास्टिक बाडी में आग पकड ली और टी0वी0 सेट के अन्दर भी आग लग गयी तथा गर्मी के कारण उसके कल पुर्जे गल गये। टी0वी0 सेट में कोई यांत्रिक त्रुटि नहीं थी बल्कि स्वयं परिवादी के लापरवाही के कारण उसका टी0वी0 सेट जला है जिसके लिए विपक्षी जिम्मेदार नहीं है और इस प्रकार परिवादी का परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।
4-    विपक्षी संख्या 2 की ओर से जबाबदावा दाखिल है जिसमे परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या 1 से टी0वी0 क्रय किये जाने के तथ्य को स्वीकार किया गया है। शेष अभिकथनों से इन्कार किया गया है। और यह कहा गया है कि परिवादी का परिवाद असत्य कथनों पर आधारित है। परिवादी ने टी0वी0 दिनांक 20-3-2013 को खरीदा था और जब दिनांक 20-10-2013 को टी0वी0 सेट विपक्षी संख्या 2 के यहाॅं लाया तो उसे देखने से ज्ञात हुआ कि टी0वी0 सेट जला हुआ है। वास्तविकता यह है कि अकस्मात बिजली जाने पर परिवादी ने अपने टी0वी0 सेट के ऊपर मोमबत्ती जला दिया और मोमबत्ती जलते-जलते टी0वी0 सेट की प्लास्टिक बाडी भी जल गयी जिसके कारण टी0वी0 सेट के अन्दर आग लग गयी और गर्मी से उसके पुर्जे गल गये जिसमे विपक्षी संख्या 2 का कोई दोष नहीं है। इस तथ्य का उल्लेख विपक्षी संख्या 2 के जाबशीट दिनांक 20-10-2013 में भी है और परिवादी को भी इस सम्बन्ध में बता दिया गया था इसप्रकार टी0वी0 में कोई यांत्रिक त्रुटि नहीं थी। स्वयं परिवादी की गलती के कारण उसका टी0वी0 सेट जला। विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। अतः परिवादी का परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।
5-    विपक्षी संख्या 3 की ओर से भी जबाबदावा दाखिल किया गया है तथा विपक्षी ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 के यहाॅं से रू0 4600/- में एल0जी0 कम्पनी का टी0वी0 सेट क्रय किया था किन्तु परिवादी के शेष अभिकथनों से इन्कार किया गया है और यह कहा गया है कि यह परिवाद बिल्कुल गलत व असत्य कथनों पर आधारित है परिवाद पत्र के अभिकथनों से ही यह स्पष्ट है कि टी0वी0 खरीदने के बाद लगभग 7 महीने तक परिवादी अपने घर पर टी0वी0 चलाता रहा इस दौरान उसमे कोई यांत्रिक खराबी नहीं आयी जब परिवादी टी0वी0 सेट लेकर विपक्षी संख्या 2 यहाॅं गया तो उस समय टी0वी0 सेट जला हुआ था जिसका उल्लेख जाबसीट में किया गया है। परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 व 2 के यहाॅं स्वयं यह बताया था कि लाइट कट जाने पर उसके घर के लडके टी0वी0 सेट पर मोमबत्ती जलाकर रख दिये और मोमबत्ती जलते-जलते टी0वी0 सेट के प्लास्टिक बाडी को जला दिया जिसके कारण टी0वी0 सेट के अन्दर आग लग गयी व गर्मी  से उसके पुर्जे गल गये। इस प्रकार परिवादी की लापरवाही के कारण उसका टी0वी0सेट जला है जिसमे विपक्षी की कोई जिम्मेदारी नहीं है। अतः परिवादी का परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।

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6-    परिवाद के समर्थन में परिवादी का शपथ पत्र दाखिल है तथा दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में परिवादी ने जाबसीट की छायाप्रति दाखिल किया है इसी प्रकार विपक्षी संख्या1 ता 3 ने भी अपने अभिकथनों के समर्थन में अपने-अपने शपथ दाखिल किये है तथा विपक्षीगण की ओर से भी जाबसीट दाखिल की गयी है। 
7-    पक्षकारों के अधिवक्तागण के तर्को को सुना गया है तथा पत्रावली का सम्यक रूपेण परिशीलन किया गया।
8-    प्रस्तुत मामले में यह स्वीकृत तथ्य है कि परिवादी ने दिनांक 20-3-2013 को रू0 4600/- में विपक्षी संख्या 1 के यहां से एल0जी0 कम्पनी का एक कलर टी0वी0क्रय किया। परिवादी का अभिकथन है कि उक्त टी0वी0 सेट में यांत्रिक खराबी होने के कारण वह दिनांक 15-10-2013 को अपना टी0वी0 सेट लेकर विपक्षी संख्या 1 के यहाॅं गया जिसे उन्होनें सर्विस सेण्टर महमूरगंज अर्थात विपक्षी संख्या 2 के यहाॅं भेजा जहाॅं उसने अपना टी0वी0 सेट तथा मूल रसीद जमा कर दिया और बार-बार सम्पर्क किये जाने के बावजूद विपक्षी ने उक्त टी0वी0 सेट को नहीं बनाया और न ही टी0वी0 सेट वापस किया।
9-    परिवादी के अधिवक्ता द्वारा तर्क दिया गया कि विपक्षी संख्या 2 ने अपने जबाबदावा के पैरा 11 में कहा है कि मोमबत्ती से टी0वी0 के प्लास्टिक बाडी में आग लग गयी जिससे अन्दर के पुर्जे जल गये। परिवादी के अधिवक्ता का कथन है कि परिवादी स्टेपलाइजर लगाकर टी0वी0 सेट का उपयोग करता है यदि मोमबत्ती से टी0वी0 सेट की बाडी जली होती तो बाडी के उपरी भाग में छिद्र होता। मोमबत्ती से टी0वी0 जलने के सम्बन्ध में विपक्षीगण का अभिकथन असत्य व मिथ्या है और वास्तव में टी0वी0 यांत्रिक खराबी के कारण वारण्टी पीरियड में जली थी। अतः परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है।
10-    इसके विपरीत विपक्षीगण की ओर से तर्क दिया गया कि जब पहली बार परिवादी विपक्षी संख्या 1 के दूकान पर जली हुई टी0वी0 लेकर आया और उसे बदलने के लिए कहा उसी समय उसे यह बताया गया कि टी0वी0 की बाडी आपकी लापरवाही से जली है। इसलिए यह वारण्टी पीरियड में नहीं आता इसलिए आप इसे सर्विस सेण्टर महमूरगंज वाराणसी ले जाइये। जब विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी से पूछा कि टी0वी0 कैसे जली तो उसने यह बताया कि घर के लडके टी0वी0 सेट पर मोमबत्ती जलाकर रख दिये और मोमबत्ती जलते-जलते टी0वी0 सेट के प्लास्टिक बाडी को जला दिया जिसके कारण टी0वी0 सेट के अन्दर आग लग गयी व गर्मी  से उसके पुर्जे जल गये। विपक्षीगण के अधिवक्तागण का तर्क है कि टी0वी0 क्रय करने के बाद टी0वी0 सेट लगभग 7 महीने तक सही स्थिति में चलता रहा यदि यांत्रिक खराबी रहती तो इतने दिनों तक टी0वी0 सेट सही ढंग से नहीं चलता स्वयं परिवादी की लापरवाही के कारण उसके टी0वी0 सेट में आग लगी और वह जल गया ऐसी स्थिति में परिवादी को जो क्षति हुई उसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार है। विपक्षीगण इसके लिए जिम्मेदार नहीं है।
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11-    उभय पक्ष को सुनने तथा पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि परिवादी पक्ष का कथन है कि टी0वी0 सेट में यांत्रिक खराबी के कारण वह जल गया लेकिन परिवादी की ओर से ऐसा कोई साक्ष्य नहीं दिया गया जिससे यह सिद्ध हो सके कि टी0वी0 सेट में कोई यांत्रिक खराबी थी यहाॅं तक कि परिवादी ने साक्ष्य के रूप में अलग से कोई शपथ पत्र भी नहीं दिया है जिसमे यह कहा गया हो कि यांत्रिक खराबी के कारण उसका टी0वी0 सेट जला था बल्कि उसकी ओर से परिवाद पत्र के समर्थन में जो शपथ पत्र दिया गया है उसमे मात्र एक पंक्ति में यह कहा गया है कि परिवादी अपने परिवाद पत्र के सम्पूर्ण कथन को सत्यापित करता है जबकि विपक्षीगण की ओर से जब जबाबदावा दाखिल गया उसी समय स्पष्ट रूप से  यह कहा गया है कि स्वयं परिवादी ने ही यह बताया था कि उसके घर के लडकों ने जलती हुई मोमबत्ती टी0वी0 सेट पर रखा था जिसके कारण टी0वी0 सेट में आग लग गयी थी और वह जल गया था। विपक्षी संख्या 1,2 व 3 की ओर से जो पृथक-पृथक शपथ पत्र दाखिल किये गये है उनमे स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि स्वयं परिवादी ने यह बताया था कि उसके घर के लडकों ने जलती हुई मोमबत्ती टी0वी0 सेट पर रखा था जिसके कारण टी0वी0 सेट में आग लग गयी थी और वह जल गया था। इन शपथ पत्रों के खण्डन में परिवादी की ओर से कोई शपथ पत्र या साक्ष्य भी दाखिल नहीं है और न ही कोई प्रतिवाद पत्रों के विरूद्ध कोई रेप्लीकेशन दाखिल है। इस प्रकार इस सम्बन्ध में विपक्षीगण द्वारा किये गये अभिकथन व शपथ पत्र के माध्यम से दिया गया साक्ष्य अखण्डित है और इससे यही सिद्ध होता है कि वास्तव में परिवादी का टी0वी0 सेट किसी यांत्रिक खराबी के कारण नहीं जला था बल्कि स्वयं परिवादी के घर के लडकों ने टी0वी0 सेट पर जलती हुई मोमबत्ती रख दिया था जिससे उसमे आग लग गयी और टी0वी0 सेट जल गया ऐसी स्थिति में फोरम की राय में परिवादी विपक्षीगण से कोई क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है और उसका परिवाद सव्यय निरस्त किये जाने योग्य है।
                               आदेश 
    परिवादी का परिवाद सव्यय निरस्त किया जाता है। पत्रावली दाखिल दपतर हो।

 (शशी यादव)                                       (रामजीत सिंह यादव)
 सदस्या                                                अध्यक्ष
                                                 दिनांक-15-7-2016

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Ramjeet Singh Yadav]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Shashi Yadav]
MEMBER

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