Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/210/2008

PREM PRAKASH YADAV - Complainant(s)

Versus

VIJAY COLD DRINKS - Opp.Party(s)

AJAY KUMAR SINHA

06 Apr 2019

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum
Azamgarh(U.P.)
 
Complaint Case No. CC/210/2008
( Date of Filing : 07 Nov 2008 )
 
1. PREM PRAKASH YADAV
AZAMGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. VIJAY COLD DRINKS
AZAMGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 06 Apr 2019
Final Order / Judgement

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 210 सन् 2008

   प्रस्तुति दिनांक 07.11.2008

                                     निर्णय दिनांक 06.04.2019

प्रेमप्रकाश यादव पुत्र स्वo रामकिशोर यादव साकिन- हीरापट्टी, पोस्ट- हीरापट्टी, तहसील- सदर आजमगढ़।

  •  

 

बनाम

  1. विजय कोल्डड्रिंक्स स्थित विलरिया की चुंगी पोस्ट- हीरापट्टी तहसील- सदर आजमगढ़ जरिये प्रोपराइटर गंगा सागर शर्मा पुत्र श्यामदेव शर्मा।
  2. गंगा सागर शर्मा पुत्र श्यामदेव शर्मा साकिन- बिलरिया की चुंगी पोस्ट- हीरापट्टी तहसील- सदर आजमगढ़।
  3. पेप्सीको इण्डिया होल्डिंग्स प्रा. लिं. ए-36 सतहरिया इन्ड्रस्ट्रियल एरिया जिला जौनपुर यू.पी. जरिये प्रबन्धक पेप्सीको इण्डिया होल्डिंग्स प्रा. लि.।
  4. दीपक श्रीवास्तव प्रोपराइटर दीपक ब्रदर्स एजेन्सी, केनरा बैंक के सामने, पाण्डेय बाजार शहर व जिला- आजमगढ़।

...........................................................विपक्षीगण द्वितीय पक्ष।

उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव

 

  •  

अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि विपक्षी संख्या 03 शीतल पेय पदार्थ पेप्सी लहर का निर्माता है। जो फैक्ट्री पेप्सिको इण्डिया होल्डिंग्स प्रा.लि. के नाम से सतहरिया जिला जौनपुर में स्थित है। विपक्षी संख्या 02 की दुकान विजय कोलड्रिंक्स के नाम से बिलरिया की चुंगी तहसील सदर जिला आजमगढ़ में स्थित है और विपक्षी संख्या 02 उसका फुटकर विक्रेता है। दिनांक 30.07.2008 को याची के यहां कुछ बाहरी मेहमान आए हुए थे तो उसने दिनांक 30.07.2008 को 15 बोतल पेप्सी लहर 200एम.एल. की विपक्षी संख्या 01 के यहां से 120/- में खरीदा। मेहमानों को देते समय देखा                                                       P.T.O.

2

कि एक बोतल में कपड़ा भरा है, जिसमें एक पन्नी गुटका का स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। जिस कारण से उक्त बोतल को बिना खोले हुए रख दिया ताकि मेहमानों को जाने के बाद विपक्षी संख्या 01 के दिखाकर वापस कर देंगे। वह विपक्षी संख्या 01 व 02 के यहां गया और बोतल दिखाकर शिकायत किया तो उसने कहा कि पेप्सी मैं अपने घर नहीं बनाता हूँ। उक्त माल को विपक्षी संख्या 03 अपनी फैक्ट्री में बनाता है और वह उसकी विपक्षी संख्या 03 की घोर लापरवाही एवं उपेक्षापूर्वक सामान तैयार करने की तरह तरह की बीमारियों के फैलने की पूरी सम्भावना है। यदि याची उक्त दूषित पेप्सी अपने मेहमानों को देते समय सतर्क नहीं रहता तो कोई अप्रिय घटना घट सकती थी। विपक्षीगण द्वारा दूषित एवं जहरीला पेय पदार्थ बनाया जाता है। उसके द्वारा आवश्यक सावधानियों का पालन नहीं किया। अतः वह विपक्षी संख्या 03 से 90,000/- प्रतिकर पाने का अधिकारी है। अतः उससे यह प्रतिकर दिलवाया जाए।

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा एक रसीद मुo 240/- की फोटोप्रति दाखिल किया। परिवादी द्वारा विपक्षीगण को कोई नोटिस नहीं दी गयी है।

विपक्षी संख्या 01 व 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि याची ने दिनांक 30.07.2008 को विपक्षी की दुकान से 15 बोतल पेप्सी खरीदकर ले गया था। विपक्षी कोल्ड्रिंक बेचने का काम करता है और कम्पनी के लोग उन्हें थोक भाव में कोल्ड्रिंक बेचने के लिए देते हैं। जब परिवादी उससे शिकायत किया तो उसने कहा कि आप कम्पनी से सम्पर्क करिये। उसका कोल्ड्रिंक्स निर्माण व पैंकिंग से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। उसे बिना वजह मुकदमा में पक्षकार बनाया गया है। अतः परिवाद खारिज किया जाए। विपक्षी की ओर से कोई भी शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है।

P.T.O.

3

विपक्षी संख्या 03 की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि परिवादी गलत आधार पर परिवाद पत्र प्रस्तुत किया है। वह धारा 2(1)(डी.) कन्ज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के तहत कन्ज्यूमर नहीं है। परिवादी द्वारा जो साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है वह स्वयं द्वारा बनाकर प्रस्तुत किया गया है। विपक्षी इन बोतलों का निर्माता नहीं है। याची द्वारा कथित राजश्री गुटकाका पाया जाना असम्भव है। कोई भी व्यक्ति उसका संज्ञान नहीं ले सकता है। विपक्षी द्वारा स्पेसलिस्ट द्वारा साफ्ट ड्रिंक बनाया जाता है और उसके निर्माण में उचित सावधानी बरती जाती है। परिवादी द्वारा कथित बोतल विपक्षी द्वारा नहीं बनायी गयी है। इसके लिए विशेष कानून बनाया गया है और सी.पी.ए. 1986 जनरल लॉ है। परिवादी द्वारा कथित बोतल को अपने पास रख लिया है। जिसके एनालिसिस किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। ऐसे केसेस में नेशनल कमीशन के अनुसार मिलावट को Municipal Authorities को सूचित करनी चाहिए और वही आगे की कार्यवाही कर सकता है। परिवाद पत्र में किया गया सारा कथन झूठा है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।

विपक्षी संख्या 03 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

बहस के समय कोई उपस्थित नहीं था। परिवादी ने अपने प्रलेखीय साक्ष्य में कागज संख्या 6/1 खरीदे गए पेप्सी की रसीद की छायाप्रति दाखिल किया है। यह रसीद किसके द्वारा दी गयी। इसका कोई उल्लेख नहीं है। लगता है कि यह रसीद परिवादी ने स्वयं तैयार करके प्रस्तुत किया है।

परिवादी ने परिवाद पत्र के पैरा 04 में यह कहा है कि उसने 15 बोतल 120/- में खरीदा था, जबकि यह रसीद 240/- रुपये की है। अतः इस रसीद पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। मंच द्वारा इस सन्दर्भ में विश्लेषक की रिपोर्ट मंगाई गयी तो इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि रूल 32 तथा पैकिंग डेट को निर्माता द्वारा प्रदर्शित नहीं                                                     P.T.O.

4

किया है। अतः सेम्पुल मिस ब्रांडेड है। राजश्री गुटका का एक खाली पाउच बोतल में पाया गया। यद्यपि विपक्षी संख्या 03 ने अपने को निर्माता कहा है, लेकिन परिवादी ने यह सिद्ध नहीं कर पाया है कि यह बोतल उसी द्वारा निर्मित कम्पनी की थी और उसके द्वारा जो रसीद प्रस्तुत की गयी है। वह साक्ष्य में ग्राह्य नहीं है। क्योंकि यह रसीद परिवादी द्वारा परिवाद पत्र के पैरा 04 में किए गए कथन से ही पढ़े जाने योग्य नहीं है।

उपरोक्त विवेचन से हमारे विचार परिवाद पत्र अस्वीकार होने योग्य है।

आदेश

परिवाद पत्र अस्वीकार किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।  

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                    (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

                        दिनांक 06.04.2019

यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                   (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

  

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE KRISHNA KUMAR SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV]
MEMBER

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