Shri Pramod Kumar filed a consumer case on 14 Sep 2018 against Vijay Bhandula Pro. New Jimmy Times in the Muradabad-II Consumer Court. The case no is CC/7/2016 and the judgment uploaded on 24 Sep 2018.
न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, मुरादाबाद
परिवाद संख्या- 07/2016
प्रमोद कुमार पुत्र सोमपाल सिंह निवासी ग्राम अक्का रायपुर उर्फ डिलरा रायपुर निकट डियर पार्क थाना मूढ़ापाण्डे जिला मुरादाबाद। … परिवादी
बनाम
1-विजय भंडूला प्रो. न्यू जिम्मी टाईम्स स्टेशन रोड होटल राजन काम्पलेक्स जिला मुरादाबाद।
2-मनोज कुमार दुकान नं.-3-4 साईं काम्पलेक्स प्रधान काम्पलेक्स बुद्ध बाजार स्टेशन रोड जिला मुरादाबाद।
3-माईक्रोमैक्स मोबाइल कंपनी हेड आफिस माईक्रोमैक्स हाउस 90 बी सेक्टर-18 गुड़गांव। …. विपक्षीगण
वाद दायरा तिथि: 04-02-2016 निर्णय तिथि: 14.09.2018
उपस्थिति
श्री लियाकत अली, अध्यक्ष
श्री सत्यवीर सिंह, सदस्य
(श्री लियाकत अली, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
निर्णय
यह परिवाद मोबाइल की कीमत अंकन-8650/-रूपये तथा 15 हजार रूपये क्षतिपूर्ति मय 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पाने के लिए विपक्षीगण के विरूद्ध दायर किया है। संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने एक मोबाइल दिनांक 20-6-2015 को विपक्षी-3 द्वारा निर्मित विपक्षी-1 से अंकन-8650/-रूपये में खरीदा। उक्त मोबाइल में तकनीकी खराबी थी, जिससे परिवादी को परेशानी हुई। परिवादी ने दिनांक 28-10-2015 को कथित मोबाइल विपक्षी-2 के पास ठीक करने के लिए जमा किया। विपक्षी-2 ने परिवादी का मोबाइल ठीक करके वापस नहीं किया। इस हेतु परिवादी ने अधिवक्ता के माध्यम से विपक्षीगण को नोटिस भी दिया लेकिन विपक्षीगण ने कोई सुनवाई नहीं की। इस कारण वादी ने यह वाद दायर किया है।
विपक्षी-1 ने अपने प्रतिवाद पत्र में परिवादी द्वारा कथित मोबाइल उससे खरीदा जाना स्वीकार किया है और कहा है कि वह प्रश्नगत मोबाइल का विक्रेता है। मोबाइल की सर्विस के लिए निर्माता कंपनी विपक्षी-3 ने विपक्षी-2 को नियुक्त कर रखा है। परिवादी ने झूठा वाद दायर किया है। विपक्षी-1 की कोई जिम्मेदारी उक्त मोबाइल के विषय में नहीं है। परिवाद निरस्त होने योग्य है।
विपक्षी-2 व 3 ने समन तामील होने के बोवजूद अपना प्रतिवाद पत्र दाखिल नहीं किया, जिस कारण दिनांक 21-09-2016 को विपक्षी-3 के विरूद्ध और दिनांक 20-01-2017 को विपक्षी-2 के विरूद्ध एकपक्षीय सुनवाई का आदेश पारित हुआ। परिवादी ने अपने साक्ष्य में प्रश्नगत मोबाइल की रसीद की छायाप्रति, जॉबशीट की छायाप्रति तथा अपना शपथपत्र दाखिल किया है।
विपक्षी-1 ने अपने साक्ष्य में अपना शपथपत्र दाखिल किया है।
हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी और पत्रावली का पूर्ण रूप से अवलोकन किया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने अपनी बहस में परिवाद पत्र को दोहराते हुए तर्क दिया कि प्रश्नगत मोबाइल आरम्भ से ही दोषपूर्ण था। परिवादी ने प्रश्नगत मोबाइल ठीक करने के लिए विपक्षी-3 के सर्विस सेंटर विपक्षी-2 को दिया लेकिन विपक्षी-2 ने आज तक उक्त मोबाइल ठीक करके परिवादी को उपलब्ध नहीं कराया।
परिवादी ने अपने शपथपत्र से अपने परिवाद का समर्थन किया है। परिवादी द्वारा दाखिल जॉबशीट से यह साबित होता है कि परिवादी ने प्रश्नगत मोबाइल को ठीक करने के लिए विपक्षी-2 को दिनांक 28-10-2015 को दिया था, जो विपक्षी-2 ने ठीक करके आज तक भी परिवादी को उपलब्ध नहीं कराया और पर्याप्त समय मिलने पर भी अपना प्रतिवाद पत्र दाखिल करके वाद का विरोध नहीं किया, इसलिए परिवादी के शपथपत्र पर विश्वास न करने का कोई कारण नहीं है। परिवादी अपने साक्ष्य के आधार पर विपक्षी-2 व 3 के विरूद्ध अपना वाद एकपक्षीय सिद्ध करने में पूर्णत: सफल रहा है और परिवाद आंशिक रूप से विपक्षी-2 व 3 के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से स्वीकार होने योग्य है।
परिवाद आंशिक रूप से विपक्षी-2 व 3 के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षी-2 व 3 को आदेशित किया जाता है कि वे प्रश्नगत मोबाइल ठीक कराकर दो माह में परिवादी को उपलब्ध कराये या नया मोबाइल परिवादी को दें अन्यथा उसकी कीमत अंकन-8650/-रूपये मय 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दौरान मुकदमा तावसूली परिवादी को अदा करें। विपक्षी-2 व 3 अंकन-1500/-रूपये वाद व्यय भी परिवादी को अदा करें।
(सत्यवीर सिंह (लियाकत अली)
आज यह निर्णय एवं आदेश हमारे द्वारा हस्ताक्षरित तथा दिनांकित होकर खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(सत्यवीर सिंह) (लियाकत अली)
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