Uttar Pradesh

Bareilly-I

CC/104/2015

HARISH CHANDRA - Complainant(s)

Versus

VIJAY BAND - Opp.Party(s)

D.D. BELWAL

17 Jan 2017

ORDER

DISTRICT CONSUMER FORUM-1
BAREILLY (UTTAR PRADESH)
 
Complaint Case No. CC/104/2015
 
1. HARISH CHANDRA
16 NOTRH CITY EXTENTION BARILLY IZZAT NAGAR
BAREILLY
UTTAR PRADESH
...........Complainant(s)
Versus
1. VIJAY BAND
CHUNGI MOD P.S PREM NAGAR
BAREILLY
UTTAR PRADESH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Brijesh Chandra Saxena PRESIDENT
 HON'BLE MR. Mohd Qamar Ahmad MEMBER
 
For the Complainant:D.D. BELWAL , Advocate
For the Opp. Party: SANJAY KUMAR SINGHAL, Advocate
Dated : 17 Jan 2017
Final Order / Judgement

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-प्रथम, बरेली ।
परिवाद संॅ0  104/2015

              उपस्थित:- 1- बृजेश चन्द्र सक्सेना       अध्यक्ष
     2- मोहम्मद कमर अहमद     सदस्य

हरीश चन्द्र गैरा पुत्र श्री चेला राम, निवासी मकान नं0 एन-16, नार्थ सिटी एक्सटेंशन, बरेली थाना इज्जतनगर पत्रालय, इज्जतनगर, तहसील व जिला बरेली ।
                                                ............... परिवादी
                           बनाम
विजय बैन्ड, थाना प्रेमनगर रोड, निकट चुंगी स्कूल, मौ0 भूड, बरेली द्वारा प्रोपराइटर विजय पाल पुत्र रामभरोसे लाल कश्यप ।
                                                 ............. विपक्षी

 

निर्णय

       परिवादी हरीश चन्द्र गैरा ने यह परिवाद विपक्षी विजय बैंड द्वारा प्रोपराइटर विजय बैंड के विरूद्व इस आशय से योजित किया है कि परिवादी को विपक्षी से अंकन 36,600/-रूपये बतौर क्षतिपूर्ति का भुगतान मय ब्याज के कराया जाये ।
        संक्षेप में परिवादी का कथन है कि विपक्षी विजय बैंड नाम से बारात आदि कार्यक्रमों में बैंड घोडी आदि की सेवायें अपने ग्राहकों को प्रदान करता है । परिवादी के पुत्र अंकुर गैरा का विवाह दिनांक 03.05.15 को हुआ था । अंकुर के विवाह के अवसर पर परिवादी ने आदर्श टैन्ट हाउस के स्वामी अनुपम उर्फ टोनी के माध्यम से विजय बैंड के 25 आदमी ट्राली सहित एवं 14 लाईट व सफेद घोडी सहित अंकन 15,100/-रूपये में बुक कराया था, जिसमें अंकन 2500/-रूपये बतौर एडवांस विजय बैंड के प्रोपराइटर विजय पाल को बुकिंग वाली तिथि 25.04.15 को नकद अदा किये थे। उपरोक्त बैंड, लाईट व घोडी को विजय पाल द्वारा सांय 8.00 बजे से 10.00 बजे रात तक उपलब्ध कराना था और बारात श्री टीबरीनाथ मन्दिर रामकथा स्थल पहुॅंचनी थी । परिवादी के घर नार्थ सिटी एक्सटेंशन पर 04 बैंड के आदमी बारात चढत हेतु पहुॅंचने थे और बारात प्रेमनगर धर्मकांटा से चढकर श्री टीबरी नाथ रामकथा स्थल जानी थी । विपक्षी द्वारा बैंड बुकिंग की शर्तों का पूर्ण रूप से उल्लघॅंन किया गया और उसने न तो परिवादी के घर बारात चढत हेतु बैंड के चार आदमी भेजे और न ही धर्मकांटा पर बैंड, लाईट व घोडी ही भेजी । परिवादी द्वारा विपक्षी के प्रोपराइटर विजय पाल को दि0  03.05.10 को 6.00 बजे साॅंय टेलीफोन भी किया था और विपक्षी विजय पाल ने आश्वासन उपरोक्तानुसार दिया था । दि0 03.05.15 को जब परिवादी के घर नार्थ सिटी विस्तार में बैंड के आदमी जब बारात चढत हेतु नहीं पहुॅंचे, तब परिवादी ने प्रोपराइटर को फोन किया, परन्तु उसने फोन नहीं उठाया । परिवादी को मजबूर होकर दूसरा बैंड बुक कराना पडा, जिसमें उसको करीब अंकन 9,900/-रूपये ज्यादा देने पडे । इस प्रकार विपक्षी द्वारा परिवादी को धोखा दिया गया और सेवाओं प्रदान करने में घोर त्रुटि की गयी । तदनुसार परिवादी द्वारा एडवांस धनराशि अंकन 2500/-रूपये नया बैंड बुक कराने को दी गयी धनराशि अंकन 9,900/-रूपये, शारीरिक एवं आर्थिक कष्ट हेतु अंकन 20,000/-रूपये तथा वाद व्यय में अंकन 4,200/-रूपये अर्थात कुल अंकन 36,600/-रूपये का भुगतान हेतु परिवाद योजित किया गया है ।
       विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र दाखिल करते हुए यह कथन प्रस्तुत किया गया कि दिनांक 25.04.15 को परिवादी व विपक्षी के बीच करार हुआ था कि दि0 03.05.15 को 25 आदमियों से सृजित ट्राली सहित 14 लाईटें व सफेद घोडी सहित विपक्षी का बैंड टीबरीनाथ मन्दिर रामकथा स्थल पर बारात लेकर जायेगा तथा बारात किस जगह से चढकर टीबरीनाथ मन्दिर रामकथा स्थल जायेगी, परिवादी द्वारा उसी दिन दिनांक 03.05.15 को बता दिया जायेगा । परिवादी से 07 किलोमीटर दूर स्थित नार्थ सिटी विस्तार में चार आदमी भेजने का कोई भी करार नहीं हुआ था । विपक्षी दिनांक 03.05.15 को साॅंय 6.00 बजे वादी का फोन आया तथा परिवादी द्वारा बताया गया था कि अपना बैंड रामजानकी मन्दिर पर लेकर 8.00 बजे पहुॅंच जाये, बारात रामजानकी मन्दिर से चढेगी । विपक्षी अपना बैंड दि0 03.05.15 को लेकर ठीक 7.30 बजे राम जानकी मन्दिर पहुॅंच गया तथा समस्त तैयारी पूर्ण करके बारात की प्रतीक्षा करने लगा  बैंड को खडे-खडे लगभग 8.30 बज गये, परन्तु परिवादी की बारात का कोई पता नहीं था, प्रतीक्षा करते हुए जब 9.30 बज गये, तब विपक्षी ने अपने वर्कर को बारात की जानकारी प्राप्त करने हेतु टीबरीनाथ मन्दिर कथा स्थल पर भेजा, तो परिवादी द्वारा ठाकुर बैंड से धर्मकांटा पर बारात बजवाई जा रही थी । विपक्षी ने जब इसका विरोध किया तो परिवादी व उसके रिश्तेदारों ने विपक्षी से सुबह बैंड कार्यालय पर आकर मामले को सुलझाने का भरोसा दिलाया तथा बकाया धनराशि अदा करने का वचन दिया, परन्तु विपक्षी के पास परिवादी नहीं आया । बल्कि विपक्षी ही बकाया धनराशि के लिए सम्पर्क करता रहा, परन्तु परिवादी द्वारा केवल एडवांस धनराशि रखने को कहा गया और बकाया पैसे न देते हुए झूठे मुकदमे में फॅसाने की धमकी दी गयी । परिवाद असत्य कथनों पर आधारित है । विपक्षी 7.30 बजे से 9.30 बजे तक बारात की प्रतिक्षा करता रहा और उसके द्वारा सेवाओं में कोई त्रुटि नहीं की गयी है । विपक्षी परिवादी से बकाया धनराशि अंकन 12,600/-रूपये प्राप्त करने का अधिकारी है । परिवाद विधि विरूद्व है, जो निरस्त होने योग्य है ।
      विपक्षी की ओर से जबावुल जबाव दाखिल करते हुए पुनः परिवाद पत्र के कथनों की पुनरावृत्ति की गयी है ।
      परिवादी की ओर से अपने कथनों के समर्थन में शपथपत्र साक्ष्य 15/1 लगायत 15/4, साक्षी अनुपम कुमार उर्फ टोनी का शपथपत्र 16/1 लगायत 16/3, साक्षी सरदार हरविंदर सिंह का शपथपत्र 17/1 लगायत 17/2, साक्षी विनोद कुमार का शपथपत्र 18/1 लगायत 18/2 प्रस्तुत किये गये हैं । इसके अतिरिक्त मूल रसीद बुकिंग बैंड की 7/1, मूल रसीद ठाकुर बैंड की 7/2, विपक्षी को भेजे गये रजिस्टर्ड नोटिस की छाया प्रति 7/3 लगायत 7/5 दाखिल किये गये हैं ।
        विपक्षी की ओर से शपथपत्र साक्ष्य 19/1 लगायत 19/2, साक्षी परमानन्द का शपथपत्र 20/1 लगायत 20/3, साक्षी जयपाल सिंह का शपथपत्र 21/1 लगायत 21/2, साक्षी तसलीम खाॅं का शपथपत्र  22/1 लगायत 22/2, साक्षी पंकज शर्मा का शपथपत्र 23/1 लगायत 23/2 प्रस्तुत किया गया है ।
         पक्षगण अधिवक्ता के तर्कों को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।

निष्कर्ष
 
    उपरोक्त आधार पर यह स्पष्ट है कि परिवादी के पुत्र अंकुर गैरा का विवाह दिनांक 03.05.15 को हुआ था । अंकुर गैरा के विवाह के अवसर पर परिवादी ने अनुपम उर्फ टोनी के माध्यम से विपक्षी बैंड के 25 आदमी ट्राली सहित 14 लाईट व सफेद घोडी कोे अंकन 15,100/-रूपये में बुक कराये थे और अंकन 2500/-रूपये बतौर एडवांस दिनांक 25.04.15  को नकद विपक्षी बैंड के प्रोपराइटर विजयपाल को प्राप्त करा दिये थे । उपरोक्त बैंड, लाइट व घोडी को विजयपाल द्वारा साॅंय 8.00 बजे से 10.00 बजे रात्रि तक उपलब्ध कराना था और बारात प्रेमनगर धर्मकांटा से श्री टीबरीनाथ रामकथा स्थल पहुॅंचनी थी । परिवादी के अनुसार उसी दिन उसके घर बैंड के 04 आदमी बारात चढत हेतु भी पहुॅंचने थे और बारात प्रेमनगर, धर्मकांटा से श्री टीबरीनाथ, मन्दिर जानी थी । परिवादी द्वारा दिनांक 03.05.15 को ही टेलीफोन के माध्यम से इस प्रोग्राम की सूचना विपक्षी को दे दी गयी थी । परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में दिनांक 25.04.15 को विपक्षी को बैंड आदि बुक कराये जाने से सम्बन्धित् रसीद मूल रूप में प्रस्तुत की गयी है, जो पत्रावली पर 7/1 है, जिसके आधार पर यह साबित है कि विवाह हेतु 25 आदमी बैंड पार्टी के ट्राली सहित और 14 लाइट तथा एक सफेद घोडी अंकन 15,100/-रूपये में बुक कराये गये थे । विवाह की तिथि 03.05.15 बतायी गयी थी और समय रात्रि 8.00 बजे से 10.00 बजे तक का बताया गया था तथा बारात पहुॅंचने का पता श्री टीबरीनाथ मन्दिर रामकथा स्थल बताया गया था । इस रसीद के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है कि परिवादी द्वारा अंकन 2500/-रूपये अग्रिम धनराशि का भुगतान भी विपक्षी को किया गया था । इस रसीद के अवलोकन से यह स्पष्ट नहीं है कि परिवादी द्वारा बारात चढत हेतु 04 आदमी बैंड सहित अपने निवास स्थल नार्थसिटी विस्तार, बरेली के लिए भी बुक किये गये थे । परिवादी के कथनानुसार जब विपक्षी के आदमी उसके निवास स्थल पर नहीं पहुॅंचे, तो उसने विजयपाल को फोन किया गया, परन्तु उसने फोन नहीं उठाया और मजबूर होकर परिवादी को दूसरा बैंड ठाकुर बग्घी एवं बैंड वाले को बुक करना पडा, जिसके लिए उसे अंकन 9900/-रूपये की अधिक धनराशि का भुगतान भी करना पडा । इस प्रकार विपक्षी द्वारा वायदे के अनुसार बैंड पार्टी नहीं भेजी गयी, तदनुसार क्षतिपूर्ति हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया गया है ।
        उपरोक्त संदर्भ में विपक्षी की ओर से परिवादी के सभी कथनों को स्वीकार करते हुए यह स्पष्ट किया गया है क परिवादी द्वारा बारात पहुॅंचने का स्थल श्री टीबरीनाथ मन्दिर बताया गया था, परन्तु बारात चढाने के स्थान के बारे में यह बताया गया था कि विपक्षी बैंड पार्टी श्री रामजानकी मन्दिर पर समय से भेज देगा और श्री रामजानकी मन्दिर से ही बारात प्रारम्भ होकर श्री टीबरीनाथ मन्दिर को जायेगी । विपक्षी का कथन है कि वह श्री रामजानकी मन्दिर पर अपनी बैंड पार्टी को लेकर शाम 7.30 बजे ही पहुॅंच गया और 9.30 बजे तक जब कोई बारात का पता नहीं चला, तब जानकारी हेतु विपक्षी द्वारा श्री टीबरीनाथ मन्दिर अपने कर्मचारी को भेजा गया, तब उसे यह जानकारी हुई कि परिवादी द्वारा ठाकुर बैंड से धर्मकांटा पर बारात चढवायी जा रही है । विपक्षी का कथन है कि उसके द्वारा विरोध भी किया गया, तब परिवादी और उसके रिश्तेदारों ने कहा कि सुबह बैंड कार्यालय आकर मामले को सुलझाने का प्रयास किया जायेगा ।
       इस प्रकार उपरोक्त आधार पर यह स्पष्ट है कि परिवादी द्वारा बारात चढाने का स्थान धर्मकांटा, प्रेमनगर विपक्षी को बताया गया था, परन्तु विपक्षी समयानुसार अपनी बैंड पार्टी को लेकर न तो परिवादी के निवास स्थल पर पहुॅंचा और न ही बारात चढाने हेतु धर्मकांटा, प्रेमनगर पर पहुंॅंचा । यद्यपि विपक्षी द्वारा यह कथन प्रस्तुत किया गया है कि विपक्षी द्वारा श्री रामजानकी मन्दिर से बारात चढाने हेतु बताया गया और यदि विपक्षी की इस बात को सही भी मान लिया जाये, तब भी विपक्षी द्वारा परिवादी से अग्रिम धनराशि प्राप्त की गयी थी और उसका यह दायित्व था कि जब उसे बारात श्री रामजानकी मन्दिर से निर्धारित समय के एक घण्टे के बाद भी नहीं मिली, तो वह परिवादी से मोबाइल फोन के माध्यम से सम्पर्क करता और सही जानकारी प्राप्त करता, परन्तु विपक्षी द्वारा ऐसा कोई भी प्रयास नहीं किया गया और ऐसी स्थिति में विपक्षी का यह कथन इस युग में हास्यास्पद प्रतीत होता है कि वह बारात का इंतजार रात्रि 9.30 बजे तक श्री रामजानकी मन्दिर पर ही करता रहा, जबकि दूरी भी इतनी नहीं थी और मोबाइल फोन के माध्यम से स्थिति की सही जानकारी हेतु विपक्षी को प्रयास किया जाना चाहिये था । परिवादी द्वारा सशपथ यह साबित किया गया है कि उसने दिनांक 03.05.15 को साॅंयकाल विपक्षी विजयपाल से बातचीत की थी और विजयपाल ने समय से पहुॅंचने का आश्वासन भी दिया था तथा पुनः परिवादी द्वारा विपक्षी के न पहुॅंचने पर फोन द्वारा सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयास किया गया, परन्तु विपक्षी द्वारा फोन नहीं उठाया गया और न ही कोई जबाव दिया गया । ऐसी परिस्थिति में विपक्षी द्वारा मोबाइल फोन से सम्पर्क न करने के कारण स्वयॅं त्रुटि की गयी है और ऐसा प्रतीत होता है कि किसी अन्य कारण से अथवा अधिक पैसे पर किसी अन्य बुकिंग के आधार पर विपक्षी परिवादी के विवाह उत्सव में समय से न पहुॅच सका और जब वह   9.30 बजे रात्रि को पहुंचा, तब उसे जानकारी हुई कि परिवादी द्वारा दूसरा बैंड बुक करा लिया गया है । विपक्षी द्वारा समय से न पहुॅंचने पर परिवादी के पास इसके अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं था कि वह अपने पुत्र के विवाह उत्सव हेतु किसी अन्य बैंड की व्यवस्था करे और परिवादी द्वारा वही किया गया । यद्यपि उसे अधिक धनराशि का भुगतान भी करना पडा ।
        इस प्रकार पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य और परिस्थितियों के आधार पर यह स्पष्ट है कि विपक्षी द्वारा ही उपरोक्त संदर्भ में लापरवाही की गयी और परिवादी के प्रति सेवाओं में त्रुटि की गयी । परिवादी द्वारा विपक्षी से बुकिंग धनराशि अंकन 2500/-रूपये का भुगतान चाहा गया है । इसके अतिरिक्त क्षतिपूर्ति और वाद व्यय का भुगतान भी चाहा गया है और साथ ही साथ दूसरा बैंड बुक कराने में जो उसे अधिक धनराशि अंकन 9,900/-रूपये अधिक खर्च करने पडे, उसका भुगतान भी चाहा गया है । इस संदर्भ में हमारे द्वारा विचार करने पर यह पाया जाता है कि परिवादी बुकिंग धनराशि व क्षतिपूर्ति व वाद व्यय प्राप्त करने का अधिकारी है । परन्तु दूसरा बैंड बुक कराने में उसे जो भी अधिक धनराशि व्यय करनी पडी, उसके लिए विपक्षी को उत्तरदायी नहीं माना जा सकता है । परिवादी का यह स्वयॅं का विवेक रहा है कि उसने अपनी इच्छानुसार अधिक कीमत का दूसरा बैंड बुक किया । परिवादी यदि चाहता तो और सस्ता बैंड भी बुक हो सकता   था । अतः नया बैंड बुक कराने में जो अधिक धनराशि व्यय होना बताया जाता है, उसके लिए विपक्षी को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है । परिवादी द्वारा क्षतिपूर्ति के रूप में अंकन 20,000/-रूपये और वाद व्यय के रूप में अंकन 4,200/-रूपये का भुगतान चाहा गया है, जो हमारे विचार से काफी अधिक है । परिवादी वाद व्यय एवं क्षतिपूर्ति के रूप में अंकन 7,500/-रूपये प्राप्त करने का अधिकारी पाया जाता है, तदनुसार परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है ।

आदेश

      परिवादी की ओर से योजित परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है । विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को बुकिंग धनराशि अंकन 2500/-रूपये और क्षतिपूर्ति व वाद व्यय के रूप में अंकन 7500/-रूपये अर्थात् कुल अंुकन 10,000/-रूपये (दस हजार रूपये मात्र) का भुगतान एक माह के अंदर करे, अन्यथा परिवादी को यह अधिकार होगा कि उपरोक्त धनराशि मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित परिवाद योजित किये जाने की तिथि से भुगतान किये जाने की तिथि तक समस्त धनराशि की वसूलयाबी विपक्षी से फोरम के माध्यम से करेगा ।


( मोहम्मद कमर अहमद )                  (  बृजेश चन्द्र सक्सेना )
        सदस्य                                    अध्यक्ष    
यह निर्णय आज दिनांक 16.01.2017 को हमारे द्वारा हस्ताक्षरित करके खुले फोरम में उद्घोषित किया गया ।


   ( मोहम्मद कमर अहमद )                  (  बृजेश चन्द्र सक्सेना )
          सदस्य                                अध्यक्ष    

       

 

 
 
[HON'BLE MR. Brijesh Chandra Saxena]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Mohd Qamar Ahmad]
MEMBER

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