Uttar Pradesh

StateCommission

A/2002/805

Thakur Prasad Vaidya - Complainant(s)

Versus

Vidyut Vitran Khand - Opp.Party(s)

T C Seth

26 Aug 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2002/805
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Thakur Prasad Vaidya
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Vidyut Vitran Khand
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 26 Aug 2016
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

              अपील संख्‍या– 805/2002           सुरक्षित

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, बस्‍ती द्वारा परिवाद सं0 367/1996 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 17-04-2001 के विरूद्ध) 

ठाकुर प्रसाद वैद्य उम्र लगभग 75 वर्ष पुत्र ए0 दत्‍त त्रिपाठी निवासी मुखलिसपुर रोड़, खलीलाबाद, जिला-बस्‍ती वर्तमान जिला- संतकबीरनगर।

                                                        ..अपीलार्थी/परिवादी

                                बनाम

1-इक्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर, विद्युत वितरण खण्‍ड खलीलाबाद जिला संतकबीरनगर।

2-उप खण्‍ड अधिकारी, खलीलाबाद विद्युत वितरण उप खण्‍ड, पंचम, खलीलाबाद जिला- बस्‍ती, वर्तमान जिला संतकबीरनगर।

3-जूनियर इंजीनियर, विद्युत वितरण उप खण्‍ड पंचम खलीलाबाद जिला- बस्‍ती वर्तमान जिला- संतकबीरनगर।

4-जिला उपभोक्‍ता फोरम, बस्‍ती, वर्तमान जिला- संतकबीरनगर।                                                                                  ..प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-                  

माननीय श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्‍य।

माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थिति  : कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थिति    : कोई नहीं।

दिनांक-19-09-2016

माननीय श्री आर0सी0 चौधरी, पीठासीन सदस्‍य, द्वारा उद्घोषित

       निर्णय

      प्रस्‍तुत अपील जिला उपभोक्‍ता फोरम, बस्‍ती द्वारा परिवाद सं0 367/1996 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 17-04-2001 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई है, जिसमें     जिला उपभोक्‍ता फोरम के द्वारा परिवादी का परिवाद खारिज किया गया है।

      संक्षेप में केस के तथ्‍य इस प्रकार से है कि परिवादी एक स्‍वतन्‍त्रता संग्राम सेनानी है और घरेलू उपयोग के लिए विद्युत कनेक्‍शन सं0-074200 लिया। यह भी कथन है कि मीटर 1992 में जल गया और विपक्षी सं0-3 द्वारा नया मीटर संख्‍या 912860 लगाया गया। परिवादी द्वारा नये मीटर लगने के पहले समस्‍त बिलों का भुगतान कर दिया गया था, लेकिन नया मीटर लगने के बाद बिल एन0आर0करके भेजा गया, जिसके लिए परिवादी ने जब शिकायत किया तो उसे धमकी दी गई और अवैध रकम लेने की कोशिश की गई। इस तरह रूपया  50,000-00 मानसिक एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए तथा पॉच हजार रूपये हर्जान के रूप में वसूली के लिए यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है।

 

(2)

      जिला उपभोक्‍ता फोरम ने यह पाया कि जिला उपभोक्‍ता फोरम के समक्ष प्रतिवादी के तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न कोई प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत किया गया और जिला उपभोक्‍ता फोरम के समक्ष सुनवाई के दिन परिवादी के तरफ से कोई उपस्थित नहीं है और विपक्षी के विद्वान अधिवकता को  सुना गया। जिला उपभोक्‍ता फोरम के द्वारा यह पाया गया है कि परिवादी का एक सामान्‍य कथन यह भी है कि प्रतिवादी की ओर से उनके कर्मचारियों की त्रुटि से उसे दौड़ना पड़ा, लेकिन इस हेतु जो साक्ष्‍य प्रस्‍तुत किया गया है वह मान्‍य होने योग्‍य नहीं है। दो शिकायती पत्र दिनांक 28-11-1995 व 20-11-1995 का मूल रूप में तथा दिनांक20-10-1995 की छाया प्रति के रूप में शिकायत प्रतिवादी के यहॉ भेजने का कोई प्रमाण नहीं है इसको प्राप्‍त करने का कोई रसीद भी नहीं है और न उस व्‍यक्ति का नाम व विवरण दिया गया है, जिसे उन्‍हें प्राप्‍त कराया गया है और वस्‍तुस्थिति यह है ि‍क परिवादी की ओर से न कोई प्रत्‍यावेदन विपक्षी के कार्यालय में ही पाया जाता है और न कोई शिकायत। जिला उपभोक्‍ता फोरम ने परिवादी का परिवाद साक्ष्‍य के अभाव में निरस्‍त कर दिया।

      आयोग के समक्ष भी अपीलार्थी के तरफ से दिनांक 26-08-2016 को सुनवाई के समय कोई उपस्थित नहीं था।        

      केस के तथ्‍यों परिस्थितियों में यह पाते हैं कि जिला उपभोक्‍ता फोरम के द्वारा जो निर्णय/आदेश पारित किया गया है, वह विधि सम्‍मत् है, उसमें हस्‍तक्षेप किये जाने की कोई आवश्‍यकता नहीं है। अपीलकर्ता की अपील खारिज होने योग्‍य है।

      आदेश

      अपीलकर्ता की अपील खारिज की जाती है।

      उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वयं वहन करेंगे।

 

   (आर0सी0 चौधरी)                                    (संजय कुमार)

    पीठासीन सदस्‍य                                        सदस्‍य,

आर.सी.वर्मा, आशु.

 कोर्ट नं0-2

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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