राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1682/2018
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग, मऊ द्वारा परिवाद संख्या 210/2013 में पारित आदेश दिनांक 08.03.2018 के विरूद्ध)
मोहन लाल (मृतक) उत्तराधिकारी शैलेन्द्र कुमार पुत्र स्व0 मोहनलाल निवासी-कस्बा-दोहरीघाट, तहसील-घोसी, जनपद-मऊ।
...................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1. विद्युत वितरण खण्ड तृतीय घोसी मऊ बजरिये अधिशासी अभियन्ता।
2. विद्युत वितरण उपखण्ड तृतीय दोहरी घाट बजरिये उपखण्ड अधिकारी।
3. उ0प्र0 पावर कारपोरेशन 14 अशोक मार्ग शक्ति भवन लखनऊ, बजरिये, प्रबन्ध निदेशक।
................प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री गोवर्धन यादव, सदस्य।
3. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 10.11.2020
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-210/2013 मोहन लाल बनाम विद्युत वितरण खण्ड तृतीय घोसी मऊ बजरिये अधिशासी अभियन्ता आदि में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, मऊ द्वारा पारित आदेश दिनांक 08.03.2018 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्त परिवाद के परिवादी
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मोहन लाल (मृतक) के विधिक उत्तराधिकारी शैलेन्द्र कुमार पुत्र स्व0 मोहन लाल की ओर से धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
अपीलार्थी द्वारा कार्यालय द्वारा इंगित त्रुटि का निवारण कर दिया गया है, परन्तु सुनवाई के समय कोई उपस्थित नहीं है। आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद अपीलार्थी/परिवादी की अनुपस्थिति में खारिज किया है। अत: अपील का निस्तारण अंगीकरण के स्तर पर प्रत्यर्थीगण को नोटिस जारी किये बिना किया जा रहा है।
हमने आक्षेपित आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपीलार्थी/परिवादी ने दिनांक 08.03.2018 को जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष उपस्थित न होने का पर्याप्त कारण दर्शित किया है। चूँकि प्रत्यर्थी/विपक्षीगण उक्त तिथि पर मौजूद रहे हैं, अत: हम इस मत के हैं कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 08.03.2018 प्रत्यर्थीगण को 1000/-रू0 हर्जा देकर अपास्त किया जाये और परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित किया जाये कि जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त हर्जा निश्चित तिथि तक अपीलार्थी/परिवादी द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग में जमा करने पर उपरोक्त परिवाद को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित करे और उसके बाद विधि के अनुसार परिवाद में अग्रिम कार्यवाही करे।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर वर्तमान अपील स्वीकार की जाती है और जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 08.03.2018 1000/-रू0 हर्जे पर अपास्त किया जाता है तथा परिवाद
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जिला उपभोक्ता आयोग को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित किया जाता है कि जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त हर्जा की धनराशि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग में जमा करने पर उपरोक्त परिवाद अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित करे और प्रत्यर्थी/विपक्षीगण को नोटिस जारी कर विधि के अनुसार परिवाद में अग्रिम कार्यवाही करे।
अपीलार्थी/परिवादी दिनांक 21.12.2020 को जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष उपस्थित होगा और उसी दिन अपीलार्थी/परिवादी उपरोक्त हर्जे की धनराशि जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष जमा करेगा।
अपीलार्थी/परिवादी द्वारा हर्जा की जमा धनराशि प्रत्यर्थी/विपक्षीगण को दी जायेगी।
यदि उपरोक्त निश्चित तिथि पर हर्जे की धनराशि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष जमा नहीं की जाती है तो वर्तमान आदेश निष्प्रभावी हो जायेगा।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (गोवर्धन यादव) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1