Uttar Pradesh

StateCommission

A/260/2015

Mahindra & Mahindra finance Ltd - Complainant(s)

Versus

Vidyawati - Opp.Party(s)

A.K. Srivastava

20 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/260/2015
( Date of Filing : 12 Feb 2015 )
(Arisen out of Order Dated 20/12/2014 in Case No. C/350/2005 of District Lucknow-I)
 
1. Mahindra & Mahindra finance Ltd
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Vidyawati
Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 20 Sep 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-260/2015

महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा फाइनेन्सियल सर्विसेस लि0 महिन्‍द्रा टावर

फैजाबाद रोड लखनऊ।                         .....अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम

 

श्रीमती विद्यावती पत्‍नी स्‍व0 श्री राम जीवन व अन्‍य।

                                      .......प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण

समक्ष:-

1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक श्रीवास्‍तव, विद्वान

                           अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री काशी नाथ शुक्‍ला एवं श्री बृजेन्‍द्र चौधरी, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक 20.09.2022

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या 350/05 श्रीमती विद्यावती व अन्‍य बनाम मैनेजर महिन्‍द्रा नारायन आटोमोबाइल्‍स व एक अन्‍य में पारित निर्णय व आदेश दि. 20.12.14 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने परिवाद को आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया है कि परिवादी को अंकन रू. 45000/- की रसीद प्राप्‍त कराएं तथा अंकन रू. 145000/- 09 प्रतिशत ब्‍याज के साथ वापस लौटाएं। अंकन रू. 1000/- विपक्षी संख्‍या 1 पर तथा अंकन रू. 20000/- विपक्षी संख्‍या 2 पर प्रतिकर अधिरोपित किया गया है। इस पर वाद खर्च विपक्षी संख्‍या 1 पर रू. 500/- तथा विपक्षी संख्‍या 2 पर रू. 2500/- अधिरोपित किया गया है।

2.   इस निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्‍ता मंच ने विधि विरूद्ध निर्णय पारित किया है। साक्ष्‍य की सही व्‍याख्‍या नहीं की गई है।

-2-

3.   दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

4.   जिला उपभोक्‍ता मंच ने अपने निर्णय में निष्‍कर्ष दिया है कि परिवादी द्वारा किश्‍तों के रूप में अधिक राशि जमा कराने क बावजूद एईसी लगा दिया गया। जब वाहन को कब्‍जे में लिया तब उस समय रू. 50252/- देय था, क्‍योंकि 4 किश्‍तें अंकन रू. 858000/- जमा कराए जा चुके थे। परिवादी उपभोक्‍ता को बकाया धनराशि जमा करने का समय प्रदान नहीं किया गया। विक्रय करने के पूर्व नोटिस भेजे जाने का उल्‍लेख किया गया है, उसकी प्रति भी प्रस्‍तुत की गई, परन्‍तु यह तथ्‍य साबित नहीं हो पाया कि यह नोटिस वास्‍तव में उपभोक्‍ता को प्राप्‍त हुआ हो। इस नोटिस में यह भी उल्‍लेख नहीं है कि यथार्थ में कितनी धनराशि की मांग की जा रही है। यह भी स्‍पष्‍ट नहीं है कि पब्लिक आक्‍सन में वाहन को विक्रय किया गया। इस प्रकार साक्ष्‍य से साबित है कि अपीलार्थी द्वारा बकाया राशि का सही विवरण उपभोक्‍ता को प्राप्‍त नहीं कराया गया, द्वितीय परिवाद को यह अवसर उपलब्‍ध नहीं कराया गया कि बकाया राशि जमा कर दी है ताकि वाहन को विक्रय होने से बचाया जा सके और विपक्षी द्वारा मनमाने तरीके से वाहन विक्रय कर दिया गया, इसलिए परिवादी के हितों का नुकसान हुआ, जो वास्‍तविक कमी करनी चाहिए थी वह प्राप्‍त नहीं हुई। इसी प्रकार विपक्षी संख्‍या 1 द्वारा अंकन रू. 45000/- प्राप्‍त करने की रसीद परिवादी को उपलब्‍ध नहीं कराई गई, इसलिए परिवादी को उनकी लापरवाही के अनुपात में दायित्‍वहीन ठहराया गया है। इस निर्णय व आदेश में किसी प्रकार का हस्‍तक्षेप करना उचित प्रतीत नहीं है, तदनुसार अपील खारिज होने योग्‍य है।

 

-3-

आदेश

5.   अपील खारिज की जाती है।

     अपीलार्थी द्वारा धारा-15 के अंतर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला उपभोक्‍ता आयोग को निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

        (विकास सक्‍सेना)                        (सुशील कुमार)                                                                                                                                                   सदस्‍य                                 सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

  कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.