जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम, लखनऊ
परिवाद संख्या:-373/2017
उपस्थित:-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष।
श्रीमती स्नेह त्रिपाठी, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-13/11/2017
परिवाद के निर्णय की तारीख:-24/02/2020
सैय्यद मालिक-ए-अश्तर रिजवी, पुत्र श्री एस0जाफर मेंहदी, निवासी-0337/454, टापे वाली गली, काजमैन, पोस्—चौक, लखनऊ-3 ।
................परिवादी।
बनाम
1-वीडियोकान मोबाइल्स इण्डिया, रजिस्टर्ड आफिस वीडियोकान मोबाईल हैण्डसेट डिवीजन, प्लानेट मोबाइल प्रा0लि0 254, द्वितीय तल, उद्योग विहार फेज-4, गुड़गॉव 122015 हरियाणा द्वारा प्रबन्ध निदेशक/सक्षम अधिकारी द्वारा।
2-ओम सांई इण्टर प्राइजेज (सर्विस सेंटर वीडियोकान मोबाईल) शाप नं0-21, गैलेक्सी होटल, नाका कोतवाली, चारबाग, लखनऊ द्वारा प्रोपराइटर/सक्षम अधिकारी।
3-गणपति मोबाईल जी-5-8, श्री राम टावर अशोक मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ-226001 द्वारा-प्रोपराइटर/सक्षम अधिकारी।
...............विपक्षीगण।
आदेश द्वारा-श्रीमती स्नेह त्रिपाठी, सदस्य।
निर्णय
परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण से मोबाइल की कीमत 7000.00 रूपये मय ब्याज 18% मोबाइल क्रय किये जाने की तिथि से भुगतान की तिथि तक, मानसिक, शारीरिक कष्ट एवं आर्थिक क्षति हेतु 50,000.00 रूपये, एवं वाद व्यय 5,000.00 रूपये एकल अथवा संयुक्त रूप से दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी संख्या-03 के यहॉं से विपक्षी संख्या-01 द्वारा निर्मित एक मोबाइल वीडियोकान V50JL4G सीरियल नं0-911534650028968 कुल 7,000.00 रूपये में दिनॉंक-29/06/2017 को क्रय किया। उक्त मोबाइल क्रय किये जाने के एक दिन बाद ही हैंग होने लगा, ऑटो आन ऑफ की समस्या, बैटरी बैक अप का कम होना, इनेक्टिविटी में बाधा उत्पन्न होना एवं अत्यधिक गर्म होना इत्यादि आरम्भ हो गया। परिवादी ने विपक्षी संख्या-03 के आश्वासन पर कि एक सप्ताह के अन्दर कोई समस्या होगी तो वह मोबाइल बदलकर दूसरा दे देंगे, के आधार पर उक्त मोबाइल विपक्षी संख्या-03 के यहॉं लेकर गया तो उनके द्वारा दिनॉंक-05/07/2017 को बाक्स सहित मोबाइल जमा करा लिया गया तथा कहा गया कि जल्दी ही वह उसे दूसरा नया मोबाइल उपलब्ध करा देंगे, और क्रय रसीद के पीछे उक्त मोबाइल की रिसीविंग दर्ज कर परिवादी को वापस कर दिया गया। विपक्षी संख्या-03 द्वारा बजाए दूसरा मोबाइल देने के वही मोबाइल परिवादी को वापस किया गया तथा कहा गया कि मोबाइल बिल्कुल ठीक काम करेगा। परिवादी उसे लेकर वापस आ गया। कुछ ही दिनों में उक्त मोबाइल पुन: खराब हो गया, जिसे लेकर परिवादी विपक्षी संख्या-03 के यहॉं गया, तो उनके द्वारा मोबाइल बदलकर देने अथवा ठीक कराकर देने में असमर्थता व्यक्त करते हुए कहा कि आप इसे इसके सर्विस सेन्टर पर ले जाकर दिखाइए। उनके द्वारा विपक्षी संख्या-02 का पता भी दिया गया। परिवादी विपक्षी संख्या-02 के यहॉं मोबाइल बनवाने हेतु ले गया तो उनके द्वारा वह मोबाइल रख लिया गया। कोई जॉबकार्ड आदि नहीं दिया गया तथा कहा गया कि परिवादी के मोबाइल नम्बर पर ही जॉबकार्ड आ जाएगा कोई जॉबकार्ड रसीद उनके यहॉं पेपर पर अलग से प्रदान नहीं किया जाता है। परिवादी के मोबाइल पर ही जॉब नम्बर-VASCUPE028J5356050917 प्रेषित किया गया। इस प्रकार विपक्षी संख्या-02 द्वारा कुछ दिन मोबाइल रखकर वापस किया और कहा गया कि मोबाइल ठीक हो गया है। मोबाइल ठीक किये जाने के बावजूद ठीक नहीं किया जा सका, तथा पुन: खराब हो गया। परिवादी ने पुन: उक्त मोबाइल विपक्षी संख्या-02 के यहॉं जमा किया जिसका जॉब नम्बर-VASCUPE028J5356050 दिया गया तथा कहा गया कि एक माह में बार-बार खराबी आने पर वही जॉब नम्बर रहता है। इस प्रकार वारन्टी अवधि में ही परिवादी का मोबाइल कई बार खराब हुआ है तथा वर्तमान में भी खराब हालत में परिवादी के पास रखा हुआ है।
परिवाद की कार्यवाही विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय चल रही है।
परिवादी ने शपथ पर अपना साक्ष्य दाखिल किया है। परिवादी ने मोबाइल क्रय करने की रसीद, दुकानदार द्वारा खराब मोबाइल बाक्स सहित लिये जाने की रसीद, मरम्मत के लिये शिकायत दर्ज कराने पर प्राप्त संदेशों की रसीदों की छायाप्रतियॉं दाखिल किया है।
परिवादी ने शपथ पर अपना साक्ष्य दाखिल किया है। चॅूंकि वाद विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय चल रहा है। अत: परिवादी द्वारा शपथ पर दिये गये साक्ष्य पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है। ऐसी परिस्थिति में परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देश दिया जाता है कि वह परिवादी को मोबाइल की कीमत मुबलिग-7,000.00 (सात हजार रूपया मात्र) 09% वार्षिक ब्याज के साथ 45 दिन के अन्दर अदा करेंगे। साथ ही साथ मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक क्षति हेतु मुबलिग-5,000.00 (पांच हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगे। यदि आदेश का पालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है, तो उपरोक्त सम्पूर्ण राशि पर 12% वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा। परिवादी को आदेश दिया जाता है कि वह खराब मोबाइल विपक्षी को इसी अवधि में वापस कर देगें।
(स्नेह त्रिपाठी) (अरविन्द कुमार)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम,
लखनऊ।