(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील सं0 :- 639/2023
(जिला उपभोक्ता आयोग, (द्वितीय) लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-671/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 25/02/2023 के विरूद्ध)
- रिलायंस रिटेल लिमिटेड द्वारा अथराईज्ड रिप्रेजेंटिव तृतीय तल, कोर्ट हाउस, लोकमान्य तिलक मार्ग, धोबी तलाव, मुम्बई।
- रिलायंस रिटेल लिमिटेड, द्वारा स्टोर मैनेजर, वेस्ट इंड मॉल -8ए व 8बी द्वितीय तल, विभूति खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ।
- अपीलार्थीगण
बनाम
विभोर मिश्रा पुत्र जय शंकर मिश्रा निवासी शिव मंदिर, 631 चिनहट, जुग्गौर, अनोरा कला, लखनऊ।
समक्ष
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
उपस्थिति:
अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- श्री संकल्प मेहरोत्रा
प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- कोई नहीं
दिनांक:-25.04.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील जिला उपभोक्ता आयोग, (द्वितीय) लखनऊ द्वारा परिवाद सं0 671/2016 में एक पक्षीय निर्णय दिनांकित 25.02.2023 के विरूद्ध योजित की गयी।
विद्धान जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा परिवाद को आंशिक रूप से एकपक्षीय स्वीकार किया गया तथा विपक्षीगण (अपीलार्थीगण) को संयुक्त व एकल रूप से प्रत्यर्थी/परिवादी को डिफेक्टिव एल0ई0डी0 टी0वी0 के बदले उसी कीमत व कम्पनी का नया एल0ई0डी0 टी0वी0 प्राप्त कराने हेतु एवं एक्सटेंडेड वारंटी की कीमत मय 09 प्रतिशत ब्याज, मानसिक कष्ट हेतु व वाद व्यय हेतु धनराशि भी प्रदान किये जाने का आदेश पारित किया गया।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री संकल्प मेहरोत्रा द्वारा इस न्यायालय का ध्यान इस ओर आकर्षित किया गया कि जिला फोरम के सम्मुख परिवाद प्रस्तुत करते समय परिवादी द्वारा विपक्षीगण (अपीलार्थीगण) का जो विवरण उल्लिखित किया गया है, वह अपूर्ण है क्योंकि कम्पनी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से निर्णय पारित किया गया है, जबकि कम्पनी के साथ कम्पनी के निदेशक अथवा अधिकृत प्रतिनिधि अर्थात महाप्रबंधक, प्रबंधक इत्यादि का उल्लेख किया जाना विधि के अनुसार आवश्यक है, जबकि परिवाद पत्र में उपरोक्त उल्लेख नहीं किया गया, साथ ही यह कि उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखने के कारण ही संभवत: विपक्षीगण (अपीलार्थीगण) को जिला फोरम के सम्मुख परिवाद के सम्बंध में प्रक्रिया की जानकारी नहीं हो पायी।
मेरे द्वारा अपीलार्थीगण के विद्धान अधिवक्ता को सुना तथा यह पाया गया कि विधिनुसार पक्षकारों का विस्तृत उल्लेख किया जाना परिवाद पत्र अथवा किसी अन्य प्रपत्र में आवश्यक है, जो प्रस्तुत परिवाद में नहीं पाया गया।
बिना किसी गुणदोष पर व्याख्या करते हुए अपीलार्थीगण को न्यायहित में एक अवसर प्रदान किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है। तदनुसार प्रस्तुत अपील अंगीकरण के बिन्दु पर ही स्वीकृत करते हुए जिला फोरम द्वारा पारित उपरोक्त निर्णय एवं आदेश दिनांक 25.02.2023 अपास्त किया जाता है। विद्धान जिला फोरम से आग्रह किया जाता है कि परिवाद सं0 671/2016 को पुनर्स्थापित करके पक्षकारों को सुनवाई का एक समुचित अवसर प्रदान करते हुए गुणदोष के आधार पर परिवाद को पुन: अंतिम रूप से निर्णीत करें, जिस हेतु 03 माह का समय प्रदान किया जाना उचित प्रतीत होता है। इस निर्णय की प्रति अपीलार्थीगण द्वारा एक सप्ताह की अवधि मे विद्धान जिला फोरम के सम्मुख प्रस्तुत की जावेगी। तदनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी को जिला फोरम द्वारा निश्चित तिथि की सूचना 02 सप्ताह की अवधि में प्रेषित की जावेगी व अपीलार्थीगण द्वारा निर्णय की प्रति प्रस्तुत करने के पश्चात अगली तिथि की सूचना जिला फोरम के कार्यालय से स्वयं 02 सप्ताह में प्राप्त की जावे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थीगण को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
संदीप आशु0 कोर्ट 1