Rajasthan

Ajmer

CC/55/2014

MOH IRFAAN KHAN - Complainant(s)

Versus

VERDHMAN MOBILE - Opp.Party(s)

ADV.MOHAMMED

18 Oct 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/55/2014
 
1. MOH IRFAAN KHAN
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. VERDHMAN MOBILE
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 18 Oct 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,     उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

मोहम्मद इरफान खान(एम.आई.खान) पुत्र श्री जुम्मा मोहम्मद, जाति- मुसलमान, निवासी- नूरानी आषियाना, पुलिया के पास, मु.पोस्ट गगवाना, जिला-अजमेर । 
                                                -         प्रार्थी


                            बनाम

1. सजय जैन , प्रोपराईटर/प्रबन्धक/पार्टनर/मुख्य कार्यकारी अधिकारी, वर्धमान मोबाईल वल्ड, स्टेषन रोड, अजमेर । 
2. प्रोपराईटर/प्रबन्धक/पार्टनर/मुख्य कार्यकारी अधिकारी,,माईक्रोमैक्स इन्फोरमेट्रिक्स लि., 21/14 ए- च्ींेम - 11ए छंतंपदं प्दकनेजतपंस ।तमंए क्मसीप.110028
3. साई मोबाईल कस्टमर केअर, आगरागेट, अजमेर । 

                                                -       अप्रार्थी 
                 परिवाद संख्या 55/2014  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री वकील मोहम्मद, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री रंजन षर्मा,  अधिवक्ता अप्रार्थी सं.1 
          3. श्री जवाहर लाल षर्मा, अधिवक्ता अप्रार्थी सं0 2                 
                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 24.10.2016
 
1.       प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि
 उसके द्वारा परिवाद की चरण संख्या 1 में वर्णित माईक्रोमैक्स माबाईल   अप्रार्थी संख्या 1 से दिनंाक 23.6.2013 को रू. 13,000/- में  क्रय किया, साथ ही रू. 500/- में एक माईक्रो एस.डी.कार्ड 8 जी भी क्रय किया ।  उक्त सैट क्रय किए जाने के 5 दिन बाद ही बैटरी  के कम चलने की षिकायत किए जाने पर   अप्रार्थी संख्या 1 ने बताया  कि 10-12 दिन बाद बैटरी का पिकअप बढ़ेगा । अप्रार्थी के आष्वासन पर उसने मोबाईल काम में लिया  । किन्तु  उसमें समस्या यथावत रहने के साथ साथ बटैरी बहुत ज्यादा गर्म होने लगी । इसकी षिकायत किए जाने पर अप्रार्थी ने  सर्विस सेन्टर पर दिखाने को कहा । प्रार्थी ने कम्पनी के अधिकृत सर्विस सेन्टर पर उक्त मोबाईल को दिखाया । किन्तु समस्या यथावत रहने पर उसने  अप्रार्थी संख्या 1 को सैट बदलने का निवेदन किया, किन्तु अप्रार्थी संख्या 1 ने सैट बदलने से इन्कार कर दिया ।  प्रार्थी ने  नेट पर मोबाईल की कीमत मालूम की तो उसे  पता चला कि उसके द्वारा खरीदे गए मोबाईल की कीमत रू. 9990/- ही है । इस प्रकार अप्रार्थी संख्या 1 ने उससे ज्यादा राषि वसूल कर अनुचित व्यापार व्यवहार  किया है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना करते हुए परिवाद के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र पेष किया है । 
2.    अप्रार्थी संख्या 1 ने जवाब प्रस्तुत कर दर्षाया है कि  प्रार्थी ने उससे माईक्रोमैक्स कम्पनी का मोबाईल चाहा किन्तु उक्त मोबाईल उसके पास नहीं होने पर उसने   प्रार्थी की प्रार्थना पर  उक्त कम्पनी के डीलर श्री बालाजी ट्रेडिंग कम्पनी स रू. 13,000/- में मंगवा कर उक्त प्रष्नगत मोबाईल सैट  लाकर बिल बनाकर प्रार्थी को दिया ।   उत्तरदाता ने प्रार्थी की जानकारी में  लाकर ही अन्य दुकान से प्रष्नगत सैट मंगवाए जाने के चार्ज राषि रू. 500/- प्राप्त किए थे ।  प्रार्थी द्वारा सैट क्रय किए जाने के एक माह बाद षिकायत करने पर उसे कम्पनी के अधिकृत सर्विस सेन्टर पर दिखाने की सलाह दी  थी ।  नेट पर सैट की अन्तर्राष्ट्रीय  कीमत दर्षाई जाती है  जिसमें बाद में   सीएसटी 12.56प्रतिषत,  राज्य सेवा कर  5 प्रतिषत  षामिल करते हुए  स्थानीय बाजार मे  एक वर्ष की वारण्टी  के साथ उपलब्ध कराया जाता है ।  बैटरी की 6 माह की गारण्टी होती है । गारण्टी अवधि में  बैटरी खराब होने पर बदल कर दी जाती है ।  उनके स्तर पर कोई सेवा में कमी कारित नहीं की गई ।  अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए जवाब के समर्थन में  संजय जैन, प्रोपराईटर का षपथपत्र पेष हुआ है ।  
3.    अप्रार्थी संख्या 2 ने परिवाद का जवाब प्रस्तुत करते हुए कथन किया है कि उसने अनावष्यक पक्षकार बनाया गया है ।  प्रार्थी ने सैट की अधिक कीमत वसूले जाने बाबत् अनुतोष चाहा है जो उत्तरदाता से संबंधित नहीं है । परिवाद निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है । 
4.    अप्रार्थी संख्या 3 के विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई  है ।  
5.    प्राथी्र का तर्क है कि उसके द्वारा खरीदषुदा मोबाईल निर्धारित कीमत से अधिक कीमत प्राप्त कर बेचा गया है व खरीदने के 5 दिन बाद ही उसकी बैटरी में खराबी आई है ।  इस आषय की षिकायत की गई तो 10-12 दिन बाद आने को कहा गया । 10-12 दिन बाद जाने पर उक्त सैट में और खराबी आ गई व खराबी बताए जाने व इसके ठीक किए जाने का निवेदन करने पर उसके साथ दुव्र्यवहार किया गया व कस्टमर केयर के माध्यम से सर्विस सेन्टर में दिखाए जाने के बावजूद भी आई खराबी को दुरूस्त  नहीं किया गया । अप्रार्थी्रगण द्वारा अधिक कीमत वसूल कर प्रष्नगत मोबाईल  में आई खराबी को दूर नहीं करते हुए अनुचित व्यापार व्यवहार  के साथ साथ सेवा में कमी का परिचय दिया गया है ।  परिवाद स्वीकार कर वांछित  वह अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी है ।  
6.    अप्रार्थी संख्या 1 ने खण्डन में तर्क प्रस्तुत किया है कि प्रार्थी द्वारा मोबाईल क्रय करते समय किसी और से मंगवा कर दिए जाने बाबत् निवेदन किए जाने पर उसके द्वारा प्रार्थी की पसन्द का मोबाईल अन्य दुकान सेे मंगवा कर दिया गया है व बिल भी इस बाबत् दिया गया  था । प्रार्थी द्वारा  मोबाईल की षिकायत किए जाने पर उक्त सेट को सर्विस सेन्टर पर दिखाए जाने की सलाह दी गई ।  प्रार्थी द्वारा झूठे व मनगढन्त आरेाप अंकित किए गए है । उसके कहने पर ही उक्त सैट किसी अन्य डीलर से लाकर दिया गया  व इस बाबत् रू. 500/- चार्ज भी प्रार्थी की जानकारी में लाकर प्राप्त किए गए है।  प्रार्थी द्वारा इस बाबत् अन्य न्यायालय में भी एक  फौजदारी प्रकरण प्रस्तुत किया गया है जो बाद अनुसन्धान झूंठा पाया गया है । कुल मिलाकर  उनका तर्क रहा है कि उनका कार्य व आचरण उपभोक्ता के प्रति सेवा में कमी का  नहीं रहा है । प्रार्थी को किसी प्रकार की आर्थिक व मानसिक क्षति नहीं हुई है । परिवाद खारिज किए जाने योग्य है।  
7.    अप्रार्थी संख्या 2 के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया है कि मांगा गया अनुतोष उनकी कम्पनी से संबंधित नहीं है । प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी संख्या 1 से राहत मांगी गई है  व अप्रार्थी कम्पनी से किसी प्रकार की कोई राषि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है ।  
8.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए हंै एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
9.    प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी संख्या 1 से दिनंाक 23.6.2013 को प्रष्नगत मोबाईल क्रय किया जाना स्वीकृत तथ्य है । यह भी स्वीकृत तथ्य है कि उक्त सैट अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा स्वयं की फर्म से नहीं दिया जाकर किसी अन्य संस्थान से प्राप्त कर इसकी मूल  कीमत के अलावा रू. 500/- अधिक चार्ज किए गए है जैसा कि  जवाब में स्वीकारोक्ति सामने आई है । मंच की राय में  अप्रार्थी संख्या 1 का यह मूल  कीमत से  अधिक राषि प्राप्त करने का कृत्य सर्वप्रथम उनका अनुचित  व्यापार व्यवहार की श्रेणी में आता है  क्योंकि इस प्रकार वह किसी अन्य दुकान अथवा संस्थान से माल प्राप्त कर इस पर अधिक कीमत वसूल नहीं कर सकते । 
10.    प्रार्थी की ओर से कीमत के संबंध में यह भी तर्क उठाया  है कि उसके द्वारा उक्त प्रष्नगत मोबाईल की कीमत नेट द्वारा मालूम की गई तो उसे जानकारी हुई कि इसकी कीमत रू. 9990/- थी, न कि रू. 13,000/-  थी।  इस बाबत्  उनकी ओर से नेट के माध्यम से निकाली गई कीमत  बाबत् विवरण की  प्रति भी प्रस्तुत हुई है । यहां यह उल्लेख करना उचित रहेगा कि प्रार्थी द्वारा प्रष्नगत मोबाईल दिनांक 23.6.2013 को खरीदा गया है व नेट के माध्यम से इसकी कीमत दिनांक 9.7.2013 को प्रचलित दर के अनुसार बताई गई है। सम्भव है समय के अन्तराल में इसकी कीमत में कोई परिवर्तन आ गया हो  ।  अतः इस बाबत् उठाए गए तर्क में हम कोई दम नहीं पाते है । प्रार्थी ने उक्त मोबाईल खरीद किए जाने के पष्चात्  5 दिन  बाद ही  इसकी बैटरी में आई खराबी बाबत् अप्रार्थी  संख्या 1 से सम्पर्क किया है व उसकी सलाह पर 10-12 दिन बाद वापस  पुनः खराबी  आ जाने पर सम्पर्क किया गया है । तत्पष्चात् इसे अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा सही नहीं किए जाने पर सर्विस सेन्टर पर दिखाया है जिसकी पुष्टि उसके मौखिक कथनों के साथ साथ जाॅबकार्ड से होती है । पत्रावली में उसके द्वारा यह जाॅबकार्ड प्रस्तुत नहीं हुआ है, परन्तु पत्रावली  पर उपलब्ध फर्द दस्तावेज की प्रमाणित प्रतिलिपि के अनुसार उसने यह जाॅबकार्ड , न्यायिक मजिस्ट्रेट, अजमेर  के समक्ष किए गए परिवाद में संलग्न किया है । इन खराबियों के संदर्भ में अप्रार्थी की ओर से  खण्डनीय साक्ष्य सामने नहीं आई है , जो यह दर्षित करती हो कि उनके द्वारा प्रार्थी द्वारा प्रष्नगत मोबाईल में आई खराबी को दुरूस्त कर दिया हो । कुल मिलाकर उक्त सैट में आई खराबी को अप्रार्थीगण की ओर से संतोषप्रद ढंग से सहीं अथवा दुरूस्त नहीं किया गया व सेवाओं में कमी का परिचय दिया गया है ।   
11.    जहां तक अप्रार्थी का यह तर्क कि प्रार्थी ने इस संबंध में फौजदारी न्यायालय में भी कार्यवाही की है तथा एक ही विषय से संबंधित  वह अलग अलग प्रकरण पेष  नहीं कर सकता है । इस संबंध में इतना ही लिखना प्रर्याप्त होगा कि यदि किसी विषय के संदर्भ में  प्रार्थी यह महसूस करता है कि उसके साथ अन्याय व धोखाधड़ी  हुई है तो वह इस संबंध में अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए ऐसा कर सकता है । यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसका पारिणामिक लाभ  उसे  किस सीमा तक मिले  । 
12.    सार यह है कि मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है  एवं आदेष है कि 
                             :ः- आदेष:ः-
13.     (1)    प्रार्थी अप्रार्थी संख्या 1 से  प्रष्नगत हैण्ड सैट की कीमत रू.  13,500/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा । 
            (2)         प्रार्थी अप्रार्थी संख्या 1  से ं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी  प्राप्त करने के  अधिकारी होगा ।               
            (3)         क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी संख्या 1 प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 24.10.2016  को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    

 

    

 

 

 


    

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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