जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-506/2014
श्री राकेष कुमार सिंह पुत्र स्व0 श्री जय सिंह निवासी मकान नं0-6/245, गोपीनाथ पुरम, षुक्लागंज उन्नाव।
................परिवादी
बनाम
1. प्रोपराईटर/दुकान मालिक वेद आटो मोबाईल, 84/93 जी0टी0 रोड, आटो मोबाईल मार्केट, कानपुर नगर।
2. डायरेक्टर/जनरल मैनेजर, हीरो इलेक्ट्रानिक्स लि0, 50 ओखला इण्डस्ट्रियल स्टेट-3, नई दिल्ली-110020
3. वर्कषाप मैनेजर/जनरल मैनेजर, हीरो इलेक्ट्रानिक्स लि0, फेज-8 फोकल प्वाइन्ट विपेज मंगली चण्डीगढ़ रोड़ लुधियाना-141010 (पंजाब)
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 11.11.2014
निर्णय की तिथिः 27.06.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी की षुरू से ही मैनुफैक्चरिंग डिफेक्ट ई-बाईक को बदलकर विपक्षीगण से नई ई-बाईक मय हर्जे-खर्चे क्षतिपूर्ति दिलायी जाये। परिवादी को विपक्षीगण के द्वारा असुविधा देने के कारण, परिवादी को भागदौड़ व व्यवसायिक नुकसान के बावत, ई-बाईक के बावत रू0 43,990.00 षारीरिक, मानसिक क्षतिपूर्ति हेतु रू0 40,000.00 तथा परिवाद व्यय रू0 10,000.00 कुल रू0 93,990.00 दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 से एक ई-बाईक दिनांक 19.06.13 को क्रय की गयी। विपक्षी सं0-1 द्वारा ई-बाईक की एक बार चार्जिंग कर चलाने पर 100 किमी0 का माइलेज व इस्तेमाल करने वाली बैट्री पर एक वर्श की गारंटी बतायी गयी थी। जबकि ई-बाईक पहले दिन से ही एक बार
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चार्जिंग करने पर केवल 30-40 किमी0 का ही एवरेज देती थी और एक माह बाद ही उक्त ई-बाईक में हीटिंग समस्या आने लगी। षिकायत करने पर विपक्षी सं0-1 द्वारा बताया गया कि इस तरह की समस्यायें ई-बाईक गाड़ियों में आ जाती है, जो कि सर्विस कराने के पष्चात समाप्त हो जाती है। परिवादी ने अपनी ई-बाईक दिनांक 21.04.14 को विपक्षी सं0-2 के अधिकृत सर्विस सेंटर के यहां दिया, तब विपक्षी के द्वारा सर्विस कराने के पष्चात यह कहा गया कि इसकी बैट्री में समस्या है, जिस कारण से ई-बाईक हीट कर रही है और कम माइलेज का भी यही कारण है। परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 से बैट्री बदलकर नई बैट्री देने के लिए कहा गया, जब ई-बाईक वारंटी अवधि में थी। किन्तु विपक्षी सं0-1 द्वारा यह कहा गया कि इसके लिए उसे विपक्षी सं0-2 व 3 से संपर्क करके अनुमति लेनी पड़ेगी और इसके लिए 5 माह का समय लगेगा। परिवादी विपक्षी सं0-1 से संपर्क करता रहा। लगभग 5 माह के बाद दिनांक 10.09.14 को विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादी की ई-बाईक बदलने की बजाय दूसरी बैट्री बदलकर लगा दी गयी। किन्तु 3-4 दिन बाद ही परिवादी की ई-बाईक में एक नई समस्या उत्पन्न हो गयी, कि चार्जिंग करते समय कट-आफ नहीं बता रही थी और न ही पूरी तरह से चार्ज हो रही थी और कम स्पीड के साथ एक बार चर्जिंग करने पर माइलेज 30-40 किलोमीटर से घटकर केवल 12-13 किलोमीटर ही रह गया। इसकी षिकायत करने पर विपक्षी सं0-1 के द्वारा यह कहा गया कि चूॅकि विपक्षी सं0-2 व 3 के द्वारा नई बैट्री देने से मना कर दिया गया था, इसलिए विपक्षी सं0-1 ने सही हालत की एक दूसरी पुरानी बैट्री बदलकर लगा दी गयी थी। विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादी को यह राय दी गयी कि परिवादी चाहे तो नई बैट्री रू0 17900 खर्च करके लगवा सकता है। इस सम्बन्ध में परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 व 3 से कई बार जरिये ई-मेल संपर्क किया गया। किन्तु, विपक्षीगण के द्वारा कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गयी। परिवादी के उपरोक्त ई-बाईक में प्रारम्भ से ही मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट तथा वारंटी एक वर्श होने के बावजूद भी विपक्षीगण द्वारा उपरोक्तानुसार परिवादी की सेवा में कमी की गयी है। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
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3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 21.08.15 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 11.11.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज सं0-1 लगायत् 11 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा प्रष्नगत ई-बाइक में निर्माणी त्रुटि बतायी गयी है। निर्माणी त्रुटि के कारण ही क्षतिपूर्ति हेतु प्रस्तुत परिवाद योजित किया गया है। किन्तु निर्माणी त्रुटि सिद्ध करने के लिए परिवादी की ओर से कोई तकनीकी विषेशज्ञ की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गयी है। जबकि इस सम्बन्ध में मा0 राश्ट्रीय आयोग द्वारा विधि निर्णय कुमारी नम्रता सिंह बनाम मैनेजर इण्डस 2012 ;95द्ध ।स्त् 829 यह विधिक सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है कि जहां पर परिवादी द्वारा प्रष्नगत वाहन के सम्बन्ध में निर्माणी त्रुटि की बात कहकर आता है, वहां पर प्रष्नगत वाहन की निर्माणी त्रुटि सिद्ध करने के लिए किसी तकनीकी विषेशज्ञ की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। विधि का यह सुस्थापित सिद्धांत है कि जिन तथ्यों को षपथपत्र के अतिरिक्त अन्य अभिलेखीय साक्ष्यों से साबित किया जाना हो, उन तथ्यों को षपथपत्र के द्वारा साबित किया जाना नहीं माना जायेगा।
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अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम का यह मत है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय रूप खारिज किया जाता है।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।