Uttar Pradesh

StateCommission

A/2004/1767

Ram Cola Cold Storage - Complainant(s)

Versus

Vashishth Narain - Opp.Party(s)

B K Upadhayay

17 Mar 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2004/1767
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Ram Cola Cold Storage
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Vashishth Narain
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 17 Mar 2016
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-1767/2004

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, कुशीनगर द्वारा परिवाद संख्‍या-284/2001 में पारित आदेश दिनांक 30.10.2001 के विरूद्ध)

मेसर्स रामकोला कोल्‍ड स्‍टोरेज रामकोला द्वारा श्री गुलबदन सिंह

प्रबंध निदेशक मेसर्स रामकोला कोल्‍ड स्‍टोरेज रामकोला पोस्‍ट

रामकोला जनपद-कुशीनगर।                       ...........अपीलार्थी@विपक्षी

बनाम्

1. वशिष्‍ठ नारायण मृत पुत्र स्‍व0 जगदेव चौधरी निवासी ग्राम खोटहीं

पोस्‍ट रामकोला तप्‍पा पपउर पर0 सि0जो0 तह0 हाटा जिला कुशीनगर।

1/1. श्रीमती सावित्री देवी पत्‍नी स्‍व0 वशिष्‍ठ नारायण

1/2. वालमुकुन्‍द यादव पुत्र स्‍व0 वशिष्‍ठ नारायण

1/3. राघवेन्‍द्र कुमार पुत्र स्‍व0 वशिष्‍ठ नारायण

2. गया प्रसाद तिवारी पुत्र कुवेर तिवारी निवासी रामकोला पोस्‍ट रामकोला

जनपद-कुशीनगर।                                  ........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्‍य।

2. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित    : श्री बी0के0 उपाध्‍याय, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित     :श्री आर0के0 मिश्रा, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक 01.09.16

मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

      प्रस्‍तुत अपील जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम कुशीनगर के परिवाद संख्‍या 284/2001 में पारित निर्णय एवं आदेश दि. 30.10.2001 के विरूद्ध योजित की गई है। जिला मंच द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया गया है:-

      '' मुकदमा मुद्दालय नं0-01 के खिलाफ बतौर एक्‍सपार्टी डिग्री किया जाता है और मुद्दालय नं0-01 को आदेशित किया जाता है कि वह अंदर मियाद पांच हफ्ता रकम मु0 39000/- मुद्दई को अदा कर देवे और ऐसा न करने की सूरत में मुद्दई मुद्दालय नं0-01 से उक्‍त रकम को बजरिए अदालत महसूल करने का मुस्‍तहक होगा। इसके अलावा मुद्दालय नं0-01 की यह भी जिम्‍मेदारी होगी कि वह रकम मु0 39000/- रू0 सूद बशर्त 12 प्रतिशत सालाना भी मुद्दई को अदा करे।''

 

 

 

 

-2-

      संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने वर्ष 1997 में 80 कुन्‍तल आलू भंडारण हेतु विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज में भंडारण हेतु रखा। भंडारण के लिए उसके द्वारा रू. 10000/- बयाना दिया गया। उसने यह आलू बीज हेतु रखा था, जब परिवादी अक्‍टूबर 1997 में अपना आलू निकालने के लिए गया तो उसको यह ज्ञात हुआ कि आलू सड़ चुका है। कोल्‍ड स्‍टोरेज में जनरेटर की समुचित व्‍यवस्‍था नहीं थी और उसके द्वारा विद्युत बिल न जमा करने के कारण उसका विद्युत कनेक्‍शन भी कटा हुआ था।

      जिला मंच के समक्ष विपक्षी उपस्थित नहीं हुआ, अत: उसके विरूद्ध एकतरफा आदेश पारित हुआ। 

      पीठ ने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ताओं की बहस को सुना गया एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों एवं साक्ष्‍यों का भलीभांति परिशीलन किया गया।

      अपीलार्थी का कथन है कि जिला फोरम में दाखिल परिवाद के संबंध में उसे कोई नोटिस प्राप्‍त नहीं हुई और परिवादी ने साजिश करके परिवाद की नोटिस की तामीला नहीं कराई। जो कागजात परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत किए गए हैं वह फर्जी है। परिवादी स्‍वयं आलू निकासी के लिए दि. 31.10.97 के पूर्व नहीं आया। आलू की कीमतें अत्‍यधिक गिर गई थी, इसलिए परिवादी अपना आलू निकालने के लिए नहीं आया।

      जिला मंच का आदेश दि. 30.01.01 का है और यह अपील दि. 08.09.04 को प्रस्‍तुत की गई है। इस प्रकार अपील विलम्‍ब से योजित की गई है। अपीलार्थी ने विलम्‍ब को क्षमा किए जाने हेतु प्रार्थना पत्र दिया है, जिसमें विलम्‍ब से अपील दाखिल करने के पर्याप्‍त कारण दर्शाए गए हैं, जिसमें अंकित किया है कि उसको आदेश की जानकारी नहीं हुई, क्‍योंकि आदेश एकतरफा पारित किया गया है। जिला मंच के आदेश से भी स्‍पष्‍ट है कि अपीलार्थी के विरूद्ध एकपक्षीय आदेश पारित किया गया है और इसका अंकन भी किया है, अत: विलम्‍ब को क्षमा किया जाता है।

      केस के तथ्‍यों एवं परिस्थितियों के दृष्टिगत Audi alteram partem के सिद्धांत के अनुसार न्‍याय हित में अपीलार्थी को सुना जाना आवश्‍यक है। अत: प्रकरण जिला मंच को प्रतिप्रेषित किए जाने योग्‍य है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

 

 

 

-3-

                                    आदेश

     प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है तथा जिला मंच का निर्णय/आदेश दि. 30.10.2001 निरस्‍त किया जाता है। प्रकरण जिला मंच को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि उभय पक्षों को साक्ष्‍य प्रस्‍तुत करने का पर्याप्‍त अवसर प्रदान करते हुए गुणदोष के आधार पर परिवाद का प्राथमिकता से निस्‍तारण करना सुनिश्चित करें।

 

      

        (राम चरन चौधरी)                                 (राज कमल गुप्‍ता)

        पीठासीन सदस्‍य                                      सदस्‍य

राकेश, आशुलिपिक

      कोर्ट-3

 

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
MEMBER

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