समक्ष: श्री कैलाश चंद शर्मा - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 883/2013
जुगल गुप्ता पुत्र श्री बांके लाल गुप्ता, निवासी मैसर्स गणपति इंजीनियरिंग इण्डस्ट्रीज, सी-27, बाईस गोदाम, इण्डस्ट्रीयल एरिया, जयपुर Û
परिवादी
ं बनाम
1. वेकेशन अनलिमिटेड, काॅरपोरेट आॅफिस, जी-9, क्रिस्टल माॅल, बनीपार्क, जयपुर जरिए अधिकृत व्यक्ति/मैनेजर श्री शैलेन्द्र शर्मा
2. वेकेशन अनलिमिटेड, मुम्बई आॅफिस, स्पीडज हाउस, सैकिण्ड फ्लोर, सी सेल एप्पटस के पीछे, जुहु कोलीवाडा लेन, मुम्बई 400049 जरिए डायरेक्टर श्री शैलेन्द्र आर्य
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री ज्ञानेन्द्र श्रीवास्तव - परिवादी
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 10.06.13
आदेश दिनांक: 12.01.2015
परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी को विपक्षी सॅंख्या 1 ने चार धाम यात्रा 12 दिन 11 रात के लिए यात्रा सुविधा पैकेजे उपलब्ध करवाने बाबत बताया था । परिवादी के परिवार के सात सदस्यों के लिए कुल पैकेज 1,98,888/- रूपए बताया गया था । यात्रा दिवस 10 सितम्बर 2012 से 21 सितम्बर 2012 तक का निर्धारित किया गया था । परिवादी ने अग्रिम कुल 1,00,000/- रूपए की राशि अपने परिजनों के द्वारा अदा कर दी थी जिसमें जुगल किशोर गुप्ता द्वारा दिनंाक 25.06.2012 को 25000/- रूपए, 10.07.2012 को 10,000/- रूपए, राधारमण गुप्ता द्वारा 25.06.2012 को 25000/- रूपए, वसुन्धरा गुप्ता द्वारा दिनांक 25.06.2012 को 15000/- रूपए, नवल आकड द्वारा दिनांक 28.06.12 को 25000/- रूपए जमा करवाए गए ।
परिवादी का कथन है कि अगस्त 2012 के अंतिम सप्ताह में निर्धारित यात्रा के क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं व मौसम की प्रतिकुलता व भारी वर्षा के कारण पर्यटन व धार्मिक स्थलों पर यात्रा में बाधा की खबरों के रहते परिवादी ने विपक्षी सॅंख्या 1 से दिनांक 31.08.2012 व 01.09.2012 को पूछताछ की परन्तु उसके द्वारा कोई स्पष्ट जवाब नहं दिया गया । इस पर परिवादी ने मेल द्वारा यात्रा का पैकेज केन्सील करने व अदा की गई अग्रिम सम्पूर्ण राशि नियमानुसार लौटा देने की प्रार्थना की किन्तु विपक्षी ने रकम अदा नहीं की और टालमटोल करते रहे । दिनंाक 22 अक्टूबर 2012 को विपक्षीागण ने मेल का जवाब देते हुुए अग्रिम जमा की गई राशि 1,00,000/- रूपए में से 40 प्रतिशत राशि ही लौटाने की बात कही तथा मानसून में अतिवृष्टि के कारण मौसम खराब होने के कारण ट्रिप रद करनेकी बात कही गई जबकि विपक्षीगण की पाॅलिसी के अनुसार 10 दिन पूर्व केंसिलेशन की सूचना देने पर पूर्ण राशि लौटा देने का नियम व प्राकृतिक आपदा की स्थिति में पूर्ण राशि लौटाने बाबत निवेदन किया गया किन्तु विपक्षी द्वाराआज तक कोई जवाब नहीं दिया गया और बदनियतिपूर्वक रकम नहीं लौटाई गई है । परिवादी का कथन है कि दिनांक 02.01.2013 को अधिवक्ता के जरिए रजिस्टर्ड नोटिस भी विपक्षी को प्रेषित किया गया किन्तु विपक्षी ने राशि नहीं लौटाई । परिवादी का कथन है कि विपक्षी का कृत्य अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस व सेवादोष की श्रेणी में आता है जिससे उसे मानसिक व शारीरिक वेदना झेलनी पड़ी तथा नुकसान उठाना पड़ा है । परिवादी ने 1,00,000/- रूपए मय ब्याज, मानसिक व शारीरिक क्षतिपूर्ति के लिए 2,00,000/- रूपए, टेलीफोन नोटिस व आवाजाही पर खर्च राशि 5500/- रूपए, परिवाद खर्च 11000/- रूपए इस प्रकार कुल 3,16,500/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षीगण की ओर से परिवाद का कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है ना ही कोई मंच के समक्ष उपस्थित आया है।
मंच द्वारा परिवादी अधिवक्ता की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
परिवादी की ओर से परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ-पत्र, विपक्षी के साथ किए गए पत्राचार की फोटोप्रतियां प्रस्तुत की हैं ।
परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध 1,00,000/- रूपए जो कि एडवांस अमाउंट दिया गया था उसे यात्रा आयोजित नहीं करने के कारण रिफण्ड करने की प्रार्थना की है । परिवादी का विपक्षीगण से इस सम्बन्ध में ई-मेल से पत्राचार भी हुआ है । दिनांक 22 अक्टूबर 2012 को विपक्षीगण की ओर से श्री सत्येन्द्र शर्मा द्वारा परिवादी को एक ई-मेल प्रेषित किया गया है जिसका प्रिन्ट आउट परिवादी ने जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत किया है । उक्त ई-मेल में विपक्षीगण द्वारा परिवादी को जमा राशि का 40 प्रतिशत अमाउंट 40,000/- रूपए रिफण्ड करने का कथन किया है । इस स्वीकारोक्ति से यह प्रमाणित होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षीगण को एडवांस अमाउंट 1,00,000/- रूपए की राशि जमा करवाई गई थी । विपक्षीगण जिला मंच के समक्ष उपस्थित नहीं हुए है और उनकी तरफ से कोई जवाब तथा शपथ-पत्र भी प्रस्तुत नहीं हुआ है । अत: परिवादी केे कथनों को नहीं मानने का हमारे समक्ष युक्तियुक्त कारण मौजूद नहीं है । अत: परिवादी का परिवाद एकतरफा रूप से विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किए जाने योग्य है ।
आदेश
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि विपक्षीगण संयुक्त व पृथक-पृथक रूप से उत्तरदायी होते हुए परिवादी द्वारा जमा करवाई गई राशि 1,00,000/- रूपए अक्षरे एक लाख रूपए परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक 10.06.2013 से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज दर सहित अदा करेंगे । इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5,000/- रूपए अक्षरे पांच हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 3000/- रूपए अक्षरे तीन हजार रूपए अदा करेेेंगे। आदेश की पालना आज से एक माह की अवधि में कर दी जावे । परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।
निर्णय आज दिनांक 12.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (कैलाश चंद शर्मा)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष