जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 611/2022
उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-09.11.2022
परिवाद के निर्णय की तारीख:-29.06.2024
मो0 अखलाक पुत्र स्व0 सरवर अली, 538बी/4/144ए, रूपपुर खदरा, निकट-बड़ी पकरिया, सीतापुर रोड लखनऊ। ................परिवादी।
बनाम
1. UTL, Village-Nariyal, Near-Sector-4, Warrior Parwanu, Himanchal Pradesh-173220.
2. Leafiya International Private Limited. Leafiya House, 67, Vishunipur Church Road, Aliganj, Lucknow-226022.
3. Pujimama Power System Pvt. Ltd. 53A/6, Rama Road, Industrial Area, Satguru, Ram Singh Marg, Near-Metro Station NDPL Office Delhi-110015.
.................विपक्षीगण।
परिवादी के अधिवक्ता का नाम:-श्री अतुल कीर्ति।
विपक्षी संख्या 01 व 02 की ओर से कोई नहीं।
विपक्षी संख्या 03 के अधिकृत प्रतिनिधि-श्री अमित विश्वकर्मा।
आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद उ0प्र0 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा35 के अन्तर्गत इस आशय से प्रस्तुत किया गया है कि विपक्षीगण से नया इन्वर्टर दिलाये जाने अथवा इन्वर्टर की धनराशि 36,000.00 रूपये मय 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से इन्वर्टर खराब होने की तिथि से अदायगी की तिथि तक भुगतान करने, मानसिक वेदना एवं आर्थिक क्षति हेतु 2,00,000.00 रूपये एवं वाद व्यय के लिये 20,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया गया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने एक इन्वर्टर UTL Solar PCU Gamma 3KVA/48V, Serial No. XGPX7BBDUO3KD001432 दिनॉंक 29 सिम्बर 2021 को क्रय किया था जिसकी इनवायस नम्बर-101 है। उक्त इन्वर्टर सिस्टम में एक माह बाद ही दिनॉंक 06.10.2021, से 25.08.2022 तक विभिन्न तिथियों में खराब होने की शिकायत की गयी, इंजीनियर बनाने आया मगर वह इन्वर्टर नहीं बना पाया।
3. दिनॉंक 20.04.2022 को परिवादी द्वारा उक्त के संबंध में शिकायत की गयी तो विपक्षीगण के इंजीनियर आये और निरीक्षण परीक्षण करने के उपरान्त बताया कि उक्त सिस्टम में After main Card Replace wire system warning power system होना बताया गया और सर्विस कार्ड रिपोर्ट की कापी दी गयी। बार-बार निवेदन करने के बाद भी उक्त इन्वर्टर ठीक नहीं किया गया जो आज तक खराब पड़ा हुआ है।
4. परिवादी ने उक्त इन्वर्टर अपने घर में बिजली की निरन्तरता बनी रहने के हेतु लगवाया था, परन्तु विपक्षीगण द्वारा अनुचित व्यापार प्रक्रिया का पालन करते हुए सेवा में कमी की गयी। विपक्षी से बार-बार निवेदन करने के उपरान्त भी परिवादी का इन्वर्टर न तो सही प्रकार से बनाया गया और न ही नया इन्वर्टर दिया गया। क्षुब्ध होकर परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनॉंक 06.09.2022 को विपक्षीगण को विधिक नोटिस भेजा परन्तु आज तक विपक्षीगण द्वारा परिवादी का इन्वर्टर न तो बदला गया और न ही ठीक किया गया।
5. बाद में दिनॉंक 16.09.2022 को यू0टी0एल0 कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा उक्त इन्वर्टर को परिवादी के घर से उठा कर दिल्ली ले गये और उसे ठीक करने के बाद दिनॉंक 22.10.2022 को इन्वर्टर परिवादी को वापस कर दिया। परिवादी द्वारा जब प्रश्नगत इन्वर्टर चलाया गया तो उसकी स्थिति पूर्ववत जैसी ही थी। परिवादी द्वारा दिनॉंक 23.10.2022 को पुन: आपत्ति दर्ज करायी गयी। परन्तु विपक्षी द्वारा न तो इन्वर्टर ठीक किया गया और न ही बदला गया।
6. परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परन्तु विपक्षी संख्या 01 व 02 की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। अत: विपक्षी संख्या 01 व 02 के विरूद्ध दिनॉंक 05.04.2023 को एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
7. विपक्षी संख्या 03 के प्रतिनिधि द्वारा अपना उत्तर पत्र प्रस्तुत किया गया और कथन किया गया। विपक्षी संख्या 03 द्वारा अपने अभिकथन में अवगत कराया गया है कि वर्तमान परिवाद में वह एक आवश्यक पक्षकार नहीं है, वस्तुत: विपक्षी संख्या 01 व 02 आवश्यक पक्षकार हैं। विपक्षी संख्या 03 का कथानक है कि परिवादी की शिकायत पर उसके इंजीनियर ने इन्वर्टर की मरम्मत करके लगा दिया था। परिवादी द्वारा जानबूझकर बार-बार इन्वर्टर खराब की शिकायत करके परेशान किया गया तथा गलत साक्ष्य मनगढ़न्त बनाया गया। दिनॉंक 20.04.2022 को इंजीनियर द्वारा साइट विजिट की गयी तथा उसने मेन कार्ड हटाया तो इन्वर्टर ठीक तरीके से काम करने लगा, परन्तु परिवादी उससे संतुष्ट नहीं हुआ और उसने इंजीनियर को धमकाया व पुलिस कार्यवाही करने की धमकी दी। परिवादी द्वारा जब भी शिकायत की गयी तो विपक्षी संख्या 03 द्वारा अपना इंजीनियर भेजकर समस्या का समाधान किया गया है। यह नहीं कहा जा सकता है कि विपक्षी संख्या 03 ने सेवा में कोई कमी की है। दिनॉंक-23.10.2022 को परिवादी द्वारा पुन: शिकायत की गयी तो विपक्षी संख्या 03 ने पुन: अपना इंजीनियर भेजा उसने जब जॉंच की तो पता चला कि इन्वर्टर का एक तार जानबूझकर परिवादी ने अलग कर दिया था, जिससे इन्वर्टर संचालन में रूकावट आई। परिवादी ने समय-समय पर इन्वर्टर को छेड़ा जिससे इन्वर्टर के संचालन में बाधा आती रही। यह कहना कि विपक्षी द्वारा सेवा में कमी की गयी है, उचित नहीं है। अत: परिवाद खारिज किये जाने की प्रार्थना की गयी है।
8. परिवादी ने अपने कथानक के समर्थन में मौखिक साक्ष्य के रूप में शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में जी0एस0टी0 टैक्स इन्वाइस, सर्विस काल रिपोर्ट, विधिक नोटिस आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल की गयी हैं। विपक्षी की ओर से शपथ पत्र एवं सर्विस कॉल रिपोर्ट, इन्वर्टर के फोटोग्राफ, एवं प्रतिनिधि का आधार कार्ड आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल की गयी हैं।
9. आयोग द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता एवं विपक्षी संख्या 03 के तर्कों को सुना गया तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया।
10. परिवादी का कथन है कि उसने विपक्षी संख्या 02 से दिनॉंक 29.09.2021 को एक इन्वर्टर UTL Solar PCU Gamma 3KVA/48V, Serial No. XGPX7BBDUO3KD001432 क्रय किया यह इन्वर्टर एक माह बाद ही दिनॉंक 06.10.2021, 18.10.2021, 05.04.2022, 08.04.2022, 13.04.2022, 25.08.2022 के पत्रों द्वारा शिकायत की गयी। इंजीनियर आया, उसने परीक्षण करने पर उसके द्वारा सिस्टम में After main Card Replace wire system warning power system होना बताया गया। उसके बाद इन्वर्टर कई बार खराब हुआ परन्तु बार-बार निर्देश करने पर भी उसे सही तरीके से ठीक नहीं किया जा सका। परिवादी ने इन्वर्टर घर में विद्युत आपूर्ति बनी रहे तथा असुविधा न हो इसलिए लगवाया गया था, परन्तु उसके डिफेक्ट/बराबर खराब होने के कारण परिवादी को शारीरिक, मानसिक कष्ट हुआ। विपक्षीगण द्वारा सेवा में कमी तथा अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी गयी। परिवादी ने इन्वर्टर दिलाये जाने अथवा इन्वर्टर का मूल्य वापस दिलाए जाने की प्रार्थना की है।
11. परिवादी व विपक्षी संख्या 03 के कथनों से यह स्पष्ट होता है कि आवश्यक पक्षकार विपक्षी संख्या 01 व 02 मामले में कभी उपस्थित नहीं हुए। परिवादी द्वारा क्रय किए गए इन्वर्टन का एक माह बाद ही खराब होना व उसके बाद एक वर्ष के अन्दर सात-आठ बार खराब होना निश्चित ही दर्शाता है कि इन्वर्टर में कोई गंभीर खराबी थी जो बार-बार ठीक करने पर भी ठीक नहीं हो पा रहा था। परिवादी ने इन्वर्टर को क्रय इसलिए किया था कि विद्युत कटौती के समय इसकी सुविधा मिलेगी। कष्ट से छुटकारा रहेगा परन्तु वह उद्देश्य पूरा नहीं हुआ जिससे उसे तथा परिवार के सदस्यों का इन्वर्टर खराब रहने से अत्यन्त शारीरिक, मानसिक कष्ट हुआ जिसके लिये विपक्षीगण उत्तरदायी हैं। उनके द्वारा खराब इन्वर्टर देकर तथा मरम्मत ठीक से न कराकर सेवा में कमी तो की ही गयी है, अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है अत: परिवादी उचित अनुतोष पाने का अधिकारी है। समस्त तथ्यों को देखते हुए परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी के इन्वर्टर को पूर्णरूप से ठीक कराकर लगवाऍं। यदि इन्वर्टर ठीक नहीं होता है तो आदेश की तिथि से 03 माह के अन्दर इन्वर्टर का क्रय मूल्य मुबलिग 36,000.00 (छत्तीस हजार रूपया मात्र) मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ निर्णय की तिथि से 45 दिन के अन्दर इन्वर्टर क्रय किये जाने की तिथि से भुगतान की तिथि तक अदा करेंगे। परिवादी को हुए मानसिक, व शारीरिक कष्ट के लिये मुबलिग 10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) एवं वाद व्यय के लिये मुबलिग 10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगे। यदि आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतये होगा।
पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रार्थना पत्र निस्तारित किये जाते हैं।
निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक:-29.06.2024