Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/124/12

RAMAUTAR - Complainant(s)

Versus

UTI - Opp.Party(s)

SHRI PRAKASH TRIPATHI

09 Sep 2015

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. CC/124/12
 
1. RAMAUTAR
KIDWAI NAGAR KANPUR
...........Complainant(s)
Versus
1. UTI
MUMBAI
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 HON'BLE MRS. SUNITA BALA AWASTHI MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


                                                   जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
    श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी...................वरि.सदस्या    
    पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    

उपभोक्ता वाद संख्या-124/2012
राम औतार अवस्थी पुत्र स्व0 षिवबालक अवस्थी निवासी मकान नं0- 13/1 साइट नं0-1 किदवई नगर, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
1.    यू0टी0आई0 ट्रस्टी कंपनी (प्रा0) लि0 यू.टी.आई. टावर्स जी.एन. ब्लाक बान्द्रा कुर्ला काम्प्लेक्स बान्द्रा (ईस्ट) मुम्बई-400051 द्वारा चेयरमैन
2.    यू0टी0आई0 इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड टेक्नोलाॅजी सर्विस लि0, 16/19 डी. सिविल लाइन्स, कानपुर नगर द्वारा षाखा प्रबन्धक।
                             ...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 07.02.2012
निर्णय की तिथिः 01.03.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि रू0 23,500.00 एवं उपर्युक्त धनराषि पर दिनांक 04.01.2000 से भुगतान की तारीख तक 18 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से ब्याज तथा  खर्चा मुकद्मा परिवादी को विपक्षी से दिलाया जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने यूनटि ट्रस्ट आॅफ इण्डिया मास्टर ईक्विटी प्लान 1993 की एक हजार यूनिट अंकित रू0 10.00 प्रति यूनिट, यूनिट प्रमाण पत्र सं0-एम.ई.पी.-9340053517 क्रय की थी। उपरोक्त मास्टर ईक्विटी प्लान की परिपक्वता के पष्चात परिवादी को परिपक्वता धनराषि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। विपक्षीगण से पत्राचार एवं परिपक्वता धनराषि की मांग करने पर विपक्षीगण ने बताया कि परिपक्वता धनराषि रू0 23,500.00 का भुगतान जरिये चेक सं0-0584722 दिनांकित 04.01.2000 द्वारा परिवादी को किया जा चुका है एवं परिवादी के बैंक खाता में दिनांक 23.03.2000 को उपरोक्त चेक जमा हो चुकी है।  परिवादी ने  अपने बैंक खाता सं0-2341 
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यूको बैंक षाखा किदवई नगर में उपरोक्त चेक धनराषि के सम्बन्ध में जानकारी की तो बैंक ने बताया कि उपरोक्त धनराषि परिवादी के खाते में प्राप्त नहीं हुई है। परिवादी ने निरन्तर उपरोक्त परिपक्वता धनराषि की मांग विपक्षीगण से कर रहा है। परन्तु विपक्षीगण परिपक्वता धनराषि का भुगतान परिवादी को करने में हीला-हवाली कर रहे हैं। जबकि परिवादी उपरोक्त धनराषि विपक्षीगण से परिपक्वता की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 18 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्राप्त करने का अधिकारी है। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.    विपक्षी की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके यह कहा है कि राधेष्याम मेसर्स कार्वी कम्प्यूटर षेयर प्रा0लि0 कानपुर ब्रांच आफिस ;ज्ञब्च्स्द्ध का अधिकारी है, जो कि चैथी विपक्षी पार्टी यूनिट ट्रस्ट आॅफ इण्डिया (ट्रस्ट) की स्थापना यूनिट ट्रस्ट आॅफ इण्डिया ऐक्ट 1963 के अंतर्गत कार्पोरेषन के रूप में सृजित की गयी, जिसका मुख्यालय मुम्बई में स्थित है। उपरोक्त अधिनियम की धारा-19 के अंर्तगत ट्रस्ट बोर्ड के ट्रस्टीगण को, जनता को यूनिट जारी करने का, कंपनी का सक्षम अधिकारी बनाया गया था। मास्टर इक्विटी प्लान 1993 ;डम्च्.93द्ध प्लान ट्रस्ट द्वारा जारी किया गया था। पूर्व में ट्रस्ट द्वारा टेक्नोलाॅजी सर्विस लि0 (पूर्व में ही न्ज्प् सर्विसेज इनवेस्टर लि0) के नाम से जाना जाता था। प्रथम विपक्षी पार्टी न्ज्प् सर्विसेज इनवेस्टर लि0 का ब्रांच आफिस स्थित दिल्ली था और द्वितीय विपक्षी पार्टी ट्रस्ट का उत्तरी क्षेत्रीय कार्यालय दिल्ली था। संसद के द्वारा उपरोक्त ऐक्ट को समाप्त करके यूनिट ट्रस्ट आॅफ इण्डिया ऐक्ट 2002 (रिपीलिंग ऐक्ट) दिनांक 29.10.02 से सृजित ऐक्ट रिपीलिंग ऐक्ट 2002 के द्वारा न्ज्प् को दो भागों में विभाजित कर दिया गया। प्रथम भाग विषिश्ट अंडरटेकिंग आफ प्रषासक बनाया गया और दूसरा भाग न्ज्प् ट्रस्ट कंपनी बनाया गया। उपरोक्त रिपीलिंग ऐक्ट के प्राविधानों के अंतर्गत छ।ट आधारित स्कीम एवं प्लान जिनका उल्लेख रिपीलिंग ऐक्ट की स्कीम नं0-2 में है तथा डम्च्.93 का प्राविधान न्ज्प् ट्रस्टी कंपनी प्रा0लि0 कंपनी को दिया गया, जिसका कार्यालय न्ण्ज्ण्प् टावर जी0एन0 ब्लाक बांद्रा  कुर्ला 
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काम्पलेक्स बांद्रा (ई) मुम्बई-51 है। उपरोक्त न्ज्प् ट्रस्टी कंपनी प्रा0लि0 (स्पेसीफाइड कंपनी) के द्वारा न्ज्प् एसेट मैनेजमेंट कंपनी न्ज्प् ।डब् को रिपीलिंग ऐक्ट की स्कीम प्प् के सम्बन्ध में एकत्र करने का प्रबन्धन दिया गया, जिसका मुख्यालय न्ज्प् ।डब् मुम्बई में स्थित है। न्ज्प् ।डब् डम्च्.93 के निर्णयानुसार न्ज्प् ।डब् डम्च्.93 को मास्टर इक्विीटी प्लान यूनिट स्कीम ;डम्च्न्ैद्ध के रूप में नवम्बर 2003 में मिला दिया गया। न्ज्प् ।डब् के द्वारा निवेषकों की सेवाओं को एकत्र करने का निर्णय लिया गया और इसके लिए कार्वी कम्प्यूटर षेयर ;ज्ञब्च्स्द्ध को रजिस्ट्रार एवं ट्रांसफर एजेंट के रूप में ;डम्च्न्ैद्ध सहित उपरोक्त अधिनियम के अनुसूची-2 में उल्लिखित सभी योजना एवं व्यवस्थाओं के लिए अंकित किया गया। इस प्रकार ज्ञब्च्स् द्वारा डम्च्न्ै से सम्बन्धित सभी रिकार्ड पूर्व रजिस्ट्रार से प्राप्त कर लिय गये और नवम्बर, 2007 से सेवायें दी जाने लगी। प्रस्तुत जवाब दावा विपक्षी सं0-1 के द्वारा दिये गये अभिकर्ता के अंतर्गत ज्ञब्च्स् के द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है।
    विपक्षीगण का कथन यह है कि परिवादी का दावा औचित्यहीन तथा कालबाधित है। परिवादी द्वारा विलम्ब का स्पश्टीकरण नहीं दिया गया है कि वर्श 2002 से 25.02.12 तक परिवादी द्वारा परिवाद योजित करने में विलम्ब क्यों कारित किया गया। जबकि मा0 राश्ट्रीय आयोग द्वारा महेन्द्र षर्मा बनाम यूनिट ट्रस्ट आफ इण्डिया के मामले में यह कहा गया है कि परिवादी को अपना परिवाद दो वर्श के अंदर प्रस्तुत करना चाहिए। उपरोक्त कारणों से परिवाद खारिज कर दिया जाये।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 21.09.13 व 25.02.12 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में यूनिट प्रमाण पत्र की प्रति, पत्र दिनांकित 04.04.11 की प्रति, पोस्टल रसीदों की प्रतियां, एक्नालेजमेंट की प्रति, यूको बैंक द्वारा जारी पत्र की प्रति, यू.टी.आई. म्यूचुअल फण्ड द्वारा जारी पत्र दिनांकित 12.01.12 की प्रति, पासबुक की प्रति दाखिल किया है।
.........4
...4...

विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन राधेष्याम, आफिसर का षपथपत्र दिनांकित 07.07.15 दाखिल किया है।
निष्कर्श
6.    फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया। उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी द्वारा मास्टर इक्विटी 1993 की एक हजार यूनिट अंकित रू0 10.00 प्रति यूनिट, यूनिट प्रमाण पत्र सं0-एम.ई.पी.-9340053517 क्रय की गयी थीं, जिनकी परिपक्वता धनराषि 23,500.00 थी। परिवादी को उक्त धनराषि वर्श 2010 तक प्राप्त नहीं हुई। तब परिवादी द्वारा विपक्षी से पत्राचार एवं परिपक्वता धनराषि की मांग की तो विपक्षी द्वारा परिवादी को पत्र भेजकर यह बताया गया कि परिपक्वता धनराषि रू0 23,500.00 का भुगतान जरिये चेक सं0- 0584722 दिनांकत 04.01.2000 परिवादी के खाते में दिनांक 23.03.2000 को जमा किया जा चुका हे। परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में विपक्षी की ओर से जारी पत्र सं0-न्ज्प्डथ्ध्1ध्ब्डक्.2507ध्1ध्2011.2012 दिनांकित 12.01.12 प्रस्तुत किया गया है। परिवादी का कथन यह है कि उक्त धनराषि परिवादी के खाते में प्राप्त नहीं हुई है। इस सम्बन्ध में परिवादी ने यूको बैंक द्वारा जारी पत्र दिनांकित 31.03.11 बहक परिवादी प्रस्तुत किया गया है। जिससे परिवादी का यह कथन सिद्ध होता है कि विपक्षी यू0टी0आई0 म्यूचुअल फण्ड के द्वारा जारी पत्र दिनांकित 12.01.12 के अनुसार अभिकथित चेक व चेक की धनराषि परिवादी को प्राप्त नहीं हुई है। विपक्षीगण की ओर से जवाब दावा व षपथपत्र प्रस्तुत करके यह कहा गया है कि परिवादी का परिवाद कालबाधित है।
    उपरोक्तानुसार उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि विपक्षी यू0टी0आई0 म्यूचुअल फण्ड के द्वारा प्रेशित पत्र दिनांकित 12.01.12 से परिवादी को यह जानकारी दी गयी 
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...5...

उसको प्रष्नगत धनराषि रू0 23500.00 अदा की जा चुकी है। जबकि परिवादी का कथन है कि उक्त धनराषि उसे प्राप्त नहीं हुई है। परिवादी को निष्चित रूप से उसके खाते में धनराषि जमा न होने की जानकारी विपक्षी यू0टी0आई0 म्यूचुअल फण्ड के पत्र दिनांकित 12.01.12 से प्राप्त हुई है। परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद दिनांक 07.02.12 को योजित किया गया है। जिससे यह सिद्ध होता है कि परिवादी द्वारा परिवाद समय के अंदर दाखिल किया गया है। विपक्षीगण के द्वारा यह सिद्ध नहीं किया जा सका कि प्रष्नगत यूनिट प्रमाण पत्र की धनराषि रू0 23,500.00 परिवादी को अदा की जा चुकी है। जबकि परिवादी द्वारा अपने इस कथन को सिद्ध किया जा चुका है कि प्रष्नगत यूनिट की परिपक्वता धनराषि रू. 23500.00 उसे प्राप्त नहीं हुई है।
    अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से उसके द्वारा विपक्षी से क्रय की गयी यूनिट की परिपक्वता धनराषि रू0 23500.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली तक के लिए तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय दिलाये जाने हेतु स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का प्रष्न है-उक्त याचित उपषम के सम्बन्ध में परिवादी की ओर से कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण, परिवादी का प्रस्तुत परिवाद उक्त याचित उपषम के लिए स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है। 
ःःःआदेषःःः
7.     परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को, यूनिट की परिपक्वता धनराषि रू0 23500.00 (रू0 तेईस हजार पाॅंच  सौ मात्र),  मय 8  प्रतिषत वार्शिक 
...........6

...6...

ब्याज की दर से प्रस्तुत  परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली तक अदा करें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करें।


(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)    (पुरूशोत्तम सिंह)   (डा0 आर0एन0 सिंह)
       वरि0सदस्या                सदस्य              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद       जिला उपभोक्ता विवाद  जिला उपभोक्ता विवाद
       प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम         प्रतितोश फोरम
       कानपुर नगर।                 कानपुर नगर।         कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


        (श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)    (पुरूशोत्तम सिंह)   (डा0 आर0एन0 सिंह)
       वरि0सदस्या                सदस्य              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद       जिला उपभोक्ता विवाद  जिला उपभोक्ता विवाद
       प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम         प्रतितोश फोरम
       कानपुर नगर।                 कानपुर नगर।         कानपुर नगर।

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. SUNITA BALA AWASTHI]
MEMBER

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