मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2736/2007
लाइफ इन्श्योरेन्स कारपोरेशन आफ इण्डिया, द्वारा मैनेजर लीगल, लॉ डिपार्टमेंट, डिविजनल आफिस, एलआईसी बिल्डिंग, हजरतगंज, लखनऊ।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम्
श्रीमती ऊषा देवी पत्नी स्व0 करन, निवासिनी मकान नं0-2, शक्ति नगर, बी.एच.ई.एल. झांसी।
प्रत्यर्थी/परिवादिनी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से : श्री अरविन्द तिलहरी, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से : श्री आलोक सिन्हा, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 10.03.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-36/2006, श्रीमती ऊषा देवी बनाम भारतीय जीवन बीमा निगम में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, झांसी द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.11.2007 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। इस निर्णय/आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए विपक्षी को बीमा क्लेम अदा करने का आदेश दिया गया है और इस राशि पर 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज भी अदा करने का आदेश दिया गया है।
2. इस निर्णय/आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय विधि विरूद्ध है।
3. दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
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4. निर्णय/आदेश के अवलोकन से जाहिर होता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा साक्ष्य की सही व्याख्या पर आधारित निर्णय/आदेश पारित किया गया है, जिसके निष्कर्ष में किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं है, परन्तु अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह बहस की गई है कि ब्याज दर अत्यधिक उच्च दर से निर्धारित की गई है। निर्णय के अवलोकन से जाहिर होता है कि ब्याज की राशि 10 प्रतिशत, जो उच्च श्रेणी की है। अत: इस पीठ के मत में ब्याज दर 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से अदा करने का आदेश देना उचित है। अपील तदनुसार आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 19.11.2007 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि ब्याज दर 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष के स्थान पर 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष देय होगी। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(राजेन्द्र सिंह) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
निर्णय/आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(राजेन्द्र सिंह) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2