जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-586/2014
नरेन्द्र कुमार गुप्ता पुत्र स्व0 जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता निवासी मकान नं0-117/270 ओ0 ब्लाक, गीता नगर कानपुर नगर
................परिवादी
बनाम
उत्तर प्रदेष राज्य औद्योगिक विकास निगम लि0, प्रधान कार्यालय ए0- 1/4 लखनपुर कानपुर नगर द्वारा प्रबन्ध निदेषक।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 19.12.2014
निर्णय की तिथिः 13.05.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःः एकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि यू.पी.एस.आई.डी.सी. इण्डस्ट्रियल एरिया रूमा के होजरी एण्ड टेक्सटाइल पार्क में परिवादी को आवंटित प्लाट सं0-डी. 48 रकबा 800 वर्गमीटर का कब्जा परिवादी को विपक्षी से दिलाया जाये, परिवादी से विपक्षी द्वारा निर्धारित धनराषि से ज्यादा वसूली गयी धनराषि रू0 3,94,021.11, 24 प्रतिषत वार्शिक ब्याज सहित परिवादी को विपक्षी से दिलायी जाये और दौरान मुकद्मा रू0 1000.00 प्रतिदिन की दर से हर्जा परिवादी को विपक्षी से वास्तविक कब्जा प्राप्त होने की तारीख तक दिलाया जाये तथा मुकद्मा खर्चा भी दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने विपक्षी के होजरी एण्ड टेक्सटाइल पार्क में उद्योग स्थापित करने के लिए प्लाट आवंटन हेतु प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया था एवं परिवादी का आवंटन पत्र सं0-12132 दिनांकित 07.02.06 द्वारा प्लाट सं0-डी-48 रकबा 800 वर्गमीटर आवंटि हुआ था तथा परिवादी ने अनुमानित मूल्य का दस प्रतिषत रू0 25,100.00 दिनांक 27.01.06 को रू0 41,000.00 दिनांक
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25.02.06 को विपक्षी के पास जमा कर दिये थे। आवंटन पत्र की षर्तों के अनुसार परिवादी ने पैसा जमा कर दिया, किन्तु विपक्षी द्वारा उपरोक्त आवंटित प्लाट का कब्जा परिवादी को नहीं दिया गया और न ही तो लाइसेंस एग्रीमेंट निश्पादित किया गया। परिवादी को अवषेश धनराषि आसान किष्तों में बयाज सहित रू0 9,56,751.89 जमा करने थे, परन्तु विपक्षी ने धोखाधड़ी करके विभिन्न मदों में कुल रू0 13,50,773.00 जमा करवा लिया है। इस प्रकार से रू0 3,94,021.11 ज्यादा प्राप्त कर लिये हैं, जो कि परिवादी वापस प्राप्त करने का अधिकारी है। परिवादी ने आवष्यक स्टाम्प एवं पंजीकरण षुल्क जमा करके दिनांक 09.12.09 को लीज डीड का पंजीकरण करवा लिया है, जिसका पंजीकरण उप निपबन्धक जोन प्रथम कार्यालय कानपुर में बही नं0-1 जिल्द 5004 पृश्ठ सं0-211 से 258 क्रमांक 3853 पर दिनांक 10.12.09 को किया गया, परन्तु विपक्षी ने अभी तक प्लाट का कब्जा परिवादी को नहीं दिया है और आवंटित भूखण्ड को निरस्त करने की बार-बार धमकी दी जा रही है। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 06.01.16 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 19.12.14 एवं 03.01.15 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-3/1 दिनांकित 19.12.14 के साथ संलग्न कागज सं0-3/2 लगायत् 3/46 दाखिल किया है।
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निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-3/2 लगायत् 3/46 प्रस्तुत किये गये है विपक्षीगण बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से व एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किये जाने योग्य है कि विपक्षी, परिवादी को रू0 3,94,021.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए अदा करेगा। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय
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पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी को रू0 3,94,021.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।