राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-२११२/२०१५
(जिला फोरम, वाराणसी द्वारा परिवाद सं0-२११२/२०१५ में पारित निर्णय/आदेश दिनांक १५-०९-२०१५ के विरूद्ध)
उमाशंकर यादव पुत्र बसंतु, मकान नं0- के ६२/१७, सप्त सागर, पोस्ट आफिस विश्वेश्वरगंज, वाराणसी २२१ ००१.
................... अपीलार्थी/परिवादी।
बनाम
अधिशासी अभियन्ता तृतीय (विद्युत) कज्जाकुपुराए, निकट रेलवे फाटक, ( सारनाथ – राजघाट मार्ग) वाराणसी २२१ ००१.
.................. प्रत्यर्थी/विपक्षी।
समक्ष:-
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य ।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री उमाशंकर यादव स्वयं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
दिनांक : २६-१०-२०१५.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
आज यह पत्रावली अंगीकरण के प्रश्न पर सुनवाई हेतु प्रस्तुत हुई। अपीलार्थी श्री उमाशंकर यादव स्वयं उपस्थित हैं। उन्हें सुना गया। अभिलेख का अवलोकन किया गया।
प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि विद्वान जिला मंच ने अपीलार्थी/परिवादी का परिवाद इस आधार पर निरस्त किया था कि प्रकरण विद्युत चोरी से सम्बन्धित है। अत: परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला मंच को प्राप्त नहीं है।
अपील के साथ प्रस्तुत किये गये अभिलेखों में से प्रत्यर्थी/विपक्षी द्वारा जिला मंच में प्रस्तुत किये गये प्रतिवाद पत्र की फोटोप्रति में अंकित अभिकथनों के अवलोकन से यह विदित होता है कि चरण २१, २२ एवं २३ में प्रत्यर्थी/विपक्षी द्वारा इस कथन का स्पष्ट उल्लेख किया है कि दिनांक ०१-१२-२००९ को अपीलार्थी/परिवादी के विद्युत कनेक्शन सं0-एम0जी0-६/३०८/४०९३८७ की आकस्मिक चेकिंग किये जाने पर परिवादी की दुकान में विद्युत प्रवाह चलते हुए पाया गया और जांच में विद्युत मीटर के पहले केबिल कटा हुआ पाया गया था तथा विद्युत चोरी के आधार पर २३,३०६/- रू० का निर्धारण करते हुए अपीलार्थी को धनराशि जमा करने हेतु सूचना प्रेषित की गयी। स्वयं अपीलार्थी ने थाना कोतवाली, बनारस में दिनांक ०१-१२-२००९ को लिखायी गयी प्रथम सूचना रिपोर्ट की फोटोकापी दाखिल की है। इस अभिलेख में भी प्रश्नगत विद्युत कनेक्शन सं0- एम0जी0-६/३०८/४०९३८७ की चेकिंग के दौरान् विद्युत चोरी किये जाने का तथ्य उल्लिखित है।
माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘’ सिविल अपील सं0-५४६६/२०१२ (विशेष अनुज्ञा याचिका सं0-३५९०६/२०११), उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड व अन्य बनाम अनीस अहमद में पारित निर्णय दिनांक ०१-०७-२०१३ ‘’ में यह अवधारित किया गया है कि विद्युत चोरी तथा विद्युत देयों से सम्बन्धित असेसमेण्ट से सम्बन्धित प्रकरण उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम १९८६ के अन्तर्गत आच्छादित नहीं हैं। ऐसी परिस्थिति में मेरे विचार में प्रश्नगत परिवाद उपभोक्ता फोरम में पोषणीय न होने के कारण यह अपील अंगीकरण के स्तर पर ही निरस्त होने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील अंगीकरण के स्तर पर ही निरस्त की जाती है।
इस अपील के व्यय-भार के सम्बन्ध में कोई आदेश पारित नहीं किया जा रहा है। पक्षकारों को इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-१.