Uttar Pradesh

StateCommission

A/614/2015

Suresh chandra Jaiswal - Complainant(s)

Versus

Uppcl - Opp.Party(s)

T.H Naqvi

18 Nov 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/614/2015
( Date of Filing : 27 Mar 2015 )
(Arisen out of Order Dated 28/02/2015 in Case No. C/161/2011 of District Allahabad)
 
1. Suresh chandra Jaiswal
Allahabad
...........Appellant(s)
Versus
1. Uppcl
Allahabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 18 Nov 2019
Final Order / Judgement

सुरक्षित

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ

 

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, इलाहाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या 161 सन 2011 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 28.02.2015  के विरूद्ध)

 

अपील संख्‍या 614 सन 2015

सुरेश चन्‍द्र जायसवाल पुत्र स्‍व0 शंकर लाल जायसवाल, निवासी ग्राम छाता, थाना मऊआईमा, इलाहाबाद ।

                                                  .......अपीलार्थी/प्रत्‍यर्थी

-बनाम-

 

अधिशासी अभियंता, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि0 विद्युत वितरण खण्‍ड -2, 57, जार्जटाउन, इलाहाबाद ।

. .........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

 

समक्ष:-

मा0   श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन  सदस्‍य।

मा0    श्री गोवर्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  श्री टी0एच0 नकवी।

प्रत्‍यर्थी   की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  कोई नहीं ।

 

दिनांक:-12-12-2019

 

श्री गोवर्धन यादव, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित

निर्णय

      प्रस्‍तुत अपील, जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, इलाहाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या 161 सन 2011 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 28.02.2015  के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है ।

      संक्षेप में, प्रकरण के आवश्‍यक तथ्‍य इस प्रकार हैं परिवादी ने विद्युत विभाग से औद्योगिक कनेक्‍शन संख्‍या 930/5054/004034 दिसम्‍बर 2009 में समस्‍त औपचारिकताऐं पूर्ण कर लिया था। परिवादी के अनुसार परिवादी को विद्युत विभाग द्वारा जो भी बिल भेजे गए, वह रीडिंग के अनुसार नहीं भेजे गए।  परिवादी को दिनांक 01.04.2011 को गलत बिल मु0 37,616.00 रू0 का भेजा गया । परिवादी का कहना है कि उसके मीटर की कुल रीडिंग 5009 है और 430.00 रू0 प्रति यूनिट की दर से कुल विद्युत बिल 21,538.00 रू0 का होना चाहिए लेकिन विभाग के कर्मचारियों द्वारा उससे अधिक बिल की वसूली की जा रही है और इसी क्रम में उसके विद्युत का कनेक्‍शन काटने की धमकी दिनांक 06.04.2011 को दी जिससे क्षुब्‍ध होकर उसके द्वारा जिला मंच के समक्ष परिवाद योजित किया गया ।

      विपक्षी की ओर से जिला मंच के समक्ष अपना वादोत्‍तर प्रस्‍तुत कर उल्लिखित किया गया कि परिवादी द्वारा 105 हार्सपावर का औद्योगिक कनेक्‍शन लिया गया था। परिवादी द्वारा विद्युत बिलों का आंशिक भुगतान किया गया है जो बढते-बढ़ते मार्च 2011 तक 36,993.00 रू0 हो गयी है। जिसके कारण उसके विद्युत का कनेकशन दिनांक 05.04.2011 को विच्‍छेदित कर दिया गया है। परिवादी द्वारा असत्‍य तथ्‍यों पर परिवाद योजित किया गया है।

      जिला मंच ने उभय पक्ष के साक्ष्‍य एवं अभिवचनों के आधार पर परिवादी द्वारा अपना परिवाद सिद्ध न कर पाने तथा असत्‍य तथ्‍यों पर योजित किए जाने के कारण निरस्‍त कर दिया, जिससे क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत अपील परिवादी द्वारा योजित की गयी है।

अपील के आधारों में कहा गया है कि जिला मंच का प्रश्‍नगत निर्णय विधिपूर्ण नहीं है तथा सम्‍पूर्ण तथ्‍यों को संज्ञान में लिए बिना प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया गया है जो अपास्‍त किए जाने योग्‍य है।

      हमने परिवादी/अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता  के तर्क विस्‍तारपूर्वक सुने एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍यों का सम्‍यक अवलोकन किया। बहस हेतु प्रत्‍यर्थी/विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

      पत्रावली का अवलोकन करने से स्‍पष्‍ट होता है कि परिवादी ने विद्युत विभाग से औद्योगिक कनेक्‍शन संख्‍या 930/5054/004034 दिसम्‍बर 2009 में लिया था। परिवादी को विद्युत विभाग द्वारा दिनांक 01.04.2011 को गलत बिल मु0 37,616.00 रू0 का भेजा गया । परिवादी का कहना है कि उसके मीटर की कुल रीडिंग 5009 है और 430.00 रू0 प्रति यूनिट की दर से कुल विद्युत बिल 21,538.00 रू0 का होना चाहिए लेकिन विभाग के कर्मचारियों द्वारा उससे अधिक बिल की वसूली की जा रही है और विद्युत का कनेक्‍शन काटने की धमकी दे रहे हैं जबकि विपक्षी की ओर से उल्लिखित किया गया कि परिवादी द्वारा 105 हार्सपावर का औद्योगिक कनेक्‍शन लिया गया था। परिवादी द्वारा विद्युत बिलों का आंशिक भुगतान किया गया है जो बढते-बढ़ते मार्च 2011 तक 36,993.00 रू0 हो गयी है। जिसके कारण उसके विद्युत का कनेकशन दिनांक 05.04.2011 को विच्‍छेदित कर दिया गया है। परिवादी द्वारा असत्‍य तथ्‍यों पर परिवाद योजित किया गया है।

      पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य तथा विद्वान अधिवकता अपीलार्थी के तर्को से स्‍पष्‍ट है कि परिवादी द्वारा आटा चक्‍की के लिए औद्योगिक कनेक्‍शन व्‍यवसायिक कार्य हेतु लिया गया था, जिससे वह लाभ अर्जित कर रहा था । अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि उसे गलत रीडिंग के बिल भेजे गए जिसको संशोधित करने हेतु प्रार्थना पत्र दिए गए लेकिन सुनवाई नही हुयी । जबकि अभिलेखों के अवलोकन से स्‍पष्‍ट है कि परिवादी के अनुरोध पर उसके बिल को दिनांक 07.07.2011 को संशोधित किया गया था जिसका भुगतान परिवादी द्वारा नहीं किया गया । परिवादी द्वारा कनेक्‍शन विच्‍छेदन के तथ्‍य को छिपाया गया है।

पत्रावली में उपलब्‍ध साक्ष्‍य एवं अभिलेख का भलीभांति परिशीलन करने के पश्‍चात हम यह पाते हैं कि परिवादी/अपीलार्थी द्वारा व्‍यवसायिक कार्य हेतु औद्योगिक कनेक्‍शन लिया गया था जिससे वह लाभ अर्जित कर रहा था। व्‍यवसायिक उद्देश्‍य से विद्युत कनेकशन लेने के कारण परिवादी उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आता है। जिला मंच द्वारा साक्ष्‍यों की पूर्ण विवेचना करते हुए प्रश्‍नगत परिवाद में विवेच्‍य निर्णय पारित किया है, जो कि विधिसम्‍मत है एवं उसमें हस्‍तक्षेप करने की कोई आवश्‍यकता नहीं है।

तद्नुसार प्रस्‍तुत अपील खारिज किए जाने योग्‍य है।         

आदेश

 

            प्रस्‍तुत अपील खारिज की जाती है।

      उभय पक्ष इस अपील का अपना अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

     

 

 

(उदय शंकर अवस्‍थी)                         (गोवर्धन यादव)

  पीठासीन सदस्‍य                                                             सदस्‍य

    कोर्ट-2

 (S.K.Srivastav,PA)

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER
 

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