SARVESH AGARWAL filed a consumer case on 23 Nov 2024 against UPPCL in the Bareilly-II Consumer Court. The case no is CC/233/2009 and the judgment uploaded on 25 Nov 2024.
1. परिवादी अनुपस्थित।
2. विपक्षी अनुपस्थित।
3. दिनॉक 09.09.2009 को प्रस्तुत इस परिवाद प्रकरण में इस आयोग द्वारा दिनॉक 28.04.2012 को मान्नीय राज्य आयोग द्वारा जारी पत्र क्रमॉक - 3394/एस.सी.डी.आर.सी./यू.पी./अधि. 90/07 पार्ट-2 के अनुसार विद्युत चोरी से सम्बन्धित वादों की सुनवाई को स्थगित किये जाने के मान्नीय उच्चतम न्यायालय द्वारा स्पेशल लीव टू अपील (सिविल) क्रमॉक - 35906/2011 में प्रतिपादित सिद्धान्तों एवम् निर्देशों का पालन करते हुये यह परिवाद प्रकरण मान्नीय उच्चतम न्यायालय के आगामी आदेश तक के लिये विचारण कार्यवाही स्थगित की गई है।
4. पक्षकार कार्यवाही में स्थगन के पश्चात् से ही लगातार अनुपस्थित हैं।
5. उपरोक्त रिट पिटीशन निराकृत होने अथवा स्थगन समाप्त होने की कोई अधिकृत सूचना मान्नीय राज्य आयोग अथवा मान्नीय उच्चतम न्यायालय की ओर से अब तक प्राप्त नहीं हुई है और न ही किसी पक्षकार की ओर से प्रस्तुत की गई है।
6. मान्नीय उच्चतम न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन क्रमॉक - 35906/2011 स्वीकार किये जाने की दशा में इस परिवाद प्रकरण की विचारण कार्यवाही समाप्त हो जावेगी तथा इसके विपरीत मान्नीय उच्चतम न्यायालय द्वारा अपील खारिज किये जाने की दशा में विचारण कार्यवाही में स्थगन समाप्त होकर विचारण की कार्यवाही आगे जारी रखी जावेगी।
7. मान्नीय उच्चतम न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन स्वीकार किये जाने की दशा में परिवादी का इस निष्पादन प्रकरण में कोई हित शेष न रहने के कारण विचारण कार्यवाही में उपस्थित होने की कोई आवश्यकता शेष नहीं रह जाती। इसके विपरीत मान्नीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन खारिज किये जाने की दशा में स्थगन स्वतः समाप्त होने पर परिवादी उपस्थित होकर विचारण कार्यवाही पूर्ण किये जाने हेतु इस आयोग के समक्ष उपस्थित होगा।
8. अतः पक्षकारों की लगातार अनुपस्थिति तथा विचारण कार्यवाही में स्थगन समाप्त होने की सूचना न होने के कारण इस परिवाद प्रकरण को वर्तमान् स्तर पर अनावश्यक रूप से बार-बार तारीखें नियत किये जाने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता।
9. मान्नीय उच्चतम न्यायालय अथवा मान्नीय राज्य आयोग द्वारा स्थगन आदेश समाप्त होने की सूचना दिये जाने अथवा परिवादी द्वारा स्थगन आदेश समाप्त होने के समबन्ध में प्रमाण पेश किये जाने की दशा में यह परिवाद प्रकरण पुनः नम्बर पर दर्ज किया जाकर विचारण कार्यवाही पुनः प्रारम्भ की जावेगी।
10. यह परिवाद प्रकरण क्रमॉक - 233/2009 पुनः पंजी से निरस्त किया जावे तथा अभिलेख के शीर्ष में लाल स्याही से अभिलेख सुरक्षित रखे जाने की टीप लगाते हुये फिलहाल इस परिवाद प्रकरण का अभिलेख अभिलेखागार भेजा जावे।
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