राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-940/2015
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, सीतापुर द्वारा परिवाद संख्या-80/2013 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 06-05-2015 के विरूद्ध)
Rajendra Rawat S/o Sri Jageshwar R/o Village-Fattepur, Block-Macharehta, Tehsil-Mishrikh, District-Sitapur.
अपीलार्थी/परिवादी बनाम्
Mandhyanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd. Sitapur through Executive Engineer, Vidyut Vitran Nigam-II, Sitapur.
प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष :-
1- मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2- मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
1- अपीलार्थी की ओर से उपस्थित - श्री उमेश कुमार शर्मा।
2- प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित - कोई नहीं।
दिनांक : 21-02-2017
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय :
परिवाद संख्या-80/2013 राजेन्द्र रावत बनाम् मध्यांचल विघुत वितरण निगम लि0 में जिला उपभोक्ता फोरम, सीतापुर द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश दिनांक 06-05-2015 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्त परिवाद के परिवादी Rajendra Rawat की ओर से धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 के अन्तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
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आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने उपरोक्त परिवाद अपीलार्थी/परिवादी की अनुपस्थिति में निरस्त कर दिया है, जबकि निश्चित तिथि पर विपक्षी के विद्धान अधिवक्ता उपस्थित रहे हैं।
हमने अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपीलार्थी/परिवादी ने दिनांक 06-05-2015 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित न होने का पर्याप्त कारण दर्शित किया है। चूँकि विपक्षी के विद्धान अधिवक्ता उक्त तिथि पर मौजूद रहे हैं, अत: उसे हर्जा दिया जाना उचित प्रतीत होता है। अत: हम इस मत के हैं कि अपील स्वीकार करते हुए जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 06-05-2015 को 500/-रू0 पर अपास्त किया जाए और यह प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित किया जाए कि वह उपरोक्त हर्जा निश्चित तिथि तक अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा करने पर उपरोक्त परिवाद अपने पुराने नम्बर पर पुर्नस्थापित करे और तदोपरान्त विधि के अनुसार परिवाद में अग्रिम कार्यवाही यथाशीघ्र सुनिश्चित करे और परिवाद का निस्तारण विधि के अनुसार करे।
आदेश
वर्तमान अपील स्वीकार की जाती है। जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 06-05-2015 को 500/-रू0 हर्जें पर अपास्त किया जाता है तथा यह प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित किया जाता है कि वह उपरोक्त हर्जा अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा करने पर उपरोक्त परिवाद अपने पुराने नम्बर पर पुर्नस्थापित करे और तदोपरान्त विधि
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के अनुसार परिवाद में अग्रिम कार्यवाही यथाशीघ्र सुनिश्चित करे और परिवाद का निस्तारण विधि के अनुसार करे।
अपीलार्थी दिनांक 23-03-2017 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित होगा उसी दिन अपीलार्थी/परिवादी उपरोक्त हर्जें की धनराशि प्रत्यर्थी/विपक्षी को अदा करेगा और यदि वह हर्जा लेने हेतु उपलब्ध नहीं होता है तो जिला फोरम के समक्ष जमा करेगा।
यदि उक्त निश्चित तिथि पर हर्जें की धनराशि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा नहीं की जाती है तो वर्तमान आदेश निष्प्रभावी हो जायेगा।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (बाल कुमारी)
अध्यक्ष सदस्य
प्रदीप मिश्रा, आशु0
कोर्ट नं0-1