जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़ ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-204/2011
राजकुमार चतुर्वेदी पुत्र श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी निवासी ग्राम बेगमगंज पो0 सीवार परगना मंगलसी तहसील सोहावल जिला फैजाबाद .................... परिवादी
बनाम
अधिशाषी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड प्रथम उ0प्र0 पावर कारपोरेशन निगम लिमिटेड जिला फैजाबाद ................ विपक्षी
निर्णय दि0 05.01.2016
निर्णय
उद्घोषित द्वाराः-श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु योजित किया है।
संक्षेप में परिवादी का परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी विपक्षी के अधीनस्थ नलकूप कनेक्शन संख्या-431600 (5 एच.पी.) दि0 08.11.91 से विद्युत संचालन के आधार पर अपने नलकूप को चलाता आ रहा है। संविदा के आधार पर विद्युत बिल का भुगतान वर्ष में एक बार एक मुश्त भुगतान करता है। परिवादी के विरूद्ध कोई भी रकम बाकी नहीं रह गयी है। परिवादी के नलकूप में विद्युत सुचारू ढंग से जनवरी
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2011 से विद्युत संचालन गलत ढंग से किया जा रहा है। जिससे परिवादी की फसलों को काफी क्षति पहुॅंची है जिससे परिवादी को लगभग मु0 2,00,000=00 का नुकसान हुआ है। परिवादी की रबी व खरीफ की फसलों को विपक्षी सं0-1 की लापरवाही व उपेक्षा पूर्वक विद्युत आपूर्ति करने के कृत्य के कारण उपरोक्त क्षति हुई है। परिवादी के ट्यूबवेल का मोटर चार बार संतोषजनक बिजली न प्राप्त होने के कारण जल गया जिससे परिवादी को मु0 20,000=00 की आर्थिक क्षति उठानी पड़ी। जिसके कारण परिवादी को घोर निराशा एवं आर्थिक क्षति के परिणाम स्वरूप मानसिक क्षति के रूप में मु0 60,000=00 की पहुॅंची है। जिसका सम्पूर्ण जिम्मेदार विपक्षी की है। इस प्रकार विवश होकर परिवादी ने यह परिवाद प्रस्तुत किया।
विपक्षी ने अपने जवाब में कहा कि सक्षम पक्षकार उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के मुखिया को पक्षकार नहीं बनाया है। विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप सेे चल रही है। जिस संयोजन से परिवादी का कनेक्शन है उससे अनेको लोगों का कनेक्शन है किसी के द्वारा यहाॅं तक परिवादी द्वारा कभी कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है। परिवादी का कथन असत्य है कि विद्युत आपूर्ति सही ढंग से नहीं की जा रही है।
मैं परिवादी के लिखित बहस एवं पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। इस पत्रावली में परिवादी ने विपक्षी के ऊपर यह आरोप लगाया है कि परिवादी नलकूप संख्या-431600 पाॅंच हार्स पावर का संचालन संविदा के आधार पर करता था तथा वर्ष में एक बार एक मुश्त विद्युत बिल का भुगतान करता था। जनवरी 2011 में विद्युत न आने के कारण सुचारू रूप से नलकूप को नहीं चला सका जिससे फसलों को काफी क्षति हुई और परिवादी को लगभग मु0 2,00,000=00 का नुकसान हुआ। परिवादी विद्युत बिल का भुगतान नियमित रूप से करता रहा। परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन खसरा सन् 1418 फसली का प्रेषित किया। इस खसरे के अनुसार गाटा सं0-966 रकबा 0664 गाटा सं0-931ख रकबा 0046 हेक्टेयर गाटा सं0-1234 रकबा 0089 हेक्टेयर गाटा सं0-1235 रकबा 0.141 हेक्टेयर गाटा सं0-1281 रकबा 0.938 हेक्टेयर विजय कुमार राजकुमार के नाम दर्ज है। गाटा सं0-931ख और 1234 परती व बाग के रूप में दर्ज है। गाटा सं0-966 में धान गेहूॅं की फसल है, जो सिंचित अंकित है। इसी प्रकार गाटा सं0-1235 में धान गेहूॅं सिंचित अंकित है। गाटा सं0-1281 में धान गेहूॅं आदि अंकित है जो सिंचित दर्ज है। यदि किसी आराजी में कोई फसल बोयी जाती है और सिंचित है तो लेखपाल रबी और खरीफ में मौके पर जाकर पड़ताल करता है और जो फसल बोयी जाती है जितनी
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भूमि सिंचित है उसको खसरा में दर्ज करता है। यह कृषि भूमि से सम्बन्धित है। इसी प्रकार परिवादी की ओर से खतौनी प्रेषित की गयी जो गाटा संख्या खसरा में अंकित है वही गाटा संख्या खतौनी में अंकित है। यह खतौनी 1416 लगायत 1419 फसली की है जो 2011 में प्रति ली गयी है। परिवादी का यह कथन कि विद्युत न आने के कारण फसल सूख गयी। अपने खेतों की सिंचाई नहीं कर पाया। मु0 2,00,000=00 का फसल का नुकसान हुआ। परिवादी द्वारा दाखिल किये गये खसरों के अनुसार परिवादी का कथन साबित नहीं होता है। इस प्रकार परिवादी के गाटा में सींच की गयी है। परिवादी ने अपने परिवाद में एवं साक्ष्य में यह कहीं नहीं कहा कि नलकूप के अलावा किसी दूसरे साधन से सींच किया है। इस प्रकार परिवादी अपने परिवाद को साबित करने में असफल रहा है। परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 05.01.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष